रक्षा अधिग्रहण परिषद ने सशस्त्र बलों के लिए 380 करोड़ की खरीद को मंजूरी दी

Font Size

रक्षा अधिग्रहण परिषद ने सशस्त्र बलों के लिए आई-डीईएक्स स्टार्टअप/एमएसएमई से 380 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की 14 वस्तुओं की खरीद को मंजूरी दी

आई-डीईएक्स स्टार्टअप/ एमएसएमई से फास्ट-ट्रैक खरीद के लिए नई सरलीकृत प्रक्रिया को मंजूरी दी

मेक-II श्रेणी की परियोजनाओं के लिए सरलीकृत प्रक्रिया को भी मंजूरी मिली जिससे प्रोटोटाइप विकास से अनुबंध पर हस्ताक्षर तक लगने वाला समय कम होगा

 

नई दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में बड़ी पहल करते हुए रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने 22 मार्च, 2022 को आई-डीईएक्स स्टार्टअप/एमएसएमई से 380.43 करोड़ रुपये की लागत में 14 आइटम्स की खरीद को मंजूरी दे दी। इन वस्तुओं की खरीद भारतीय सेना, नौसेना एवं वायु सेना द्वारा की जाएगी।

डीएसी ने आई-डीईएक्स स्टार्टअप / एमएसएमई से खरीद के लिए नई सरलीकृत प्रक्रिया को भी मंजूरी दे दी। इससे स्टार्टअप / एमएसएमई से खरीद में तेज़ी लाई जा सकेगी। एओएन से लेकर अनुबंध पर हस्ताक्षर तक का खरीद-चक्र नई प्रक्रिया के अनुसार 22 हफ्तों में पूरा हो जाएगा। रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2022 डीएसी में आवश्यक समावेशीकरण किया जाएगा। रक्षा अधिग्रहण परिषद ने मेक-II श्रेणी की परियोजनाओं के लिए आई-डीईएक्स प्रक्रिया की समान तर्ज पर सरलीकृत प्रक्रिया को मंजूरी दे दी और इससे मेक-II परियोजनाओं में प्रोटोटाइप विकास से लेकर अनुबंध पर हस्ताक्षर करने में लगने वाला समय काफी कम हो जाएगा।

रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र में एक परिवर्तनकारी पहल आई-डीईएक्स को नवाचार को बढ़ावा देने और एक त्वरित समय-सीमा में सशस्त्र बलों में अत्याधुनिक एवं डिसरप्टिव प्रौद्योगिकियों को शामिल करने के उद्देश्य से 2018 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई थी। आई-डीईएक्स योजना ने 2018 में अपनी शुरुआत के बाद से अब तेजी पकड़ी है, और यह उम्मीद है कि आई-डीईएक्स स्टार्टअप / एमएसएमई द्वारा सफल प्रोटोटाइप के बाद लगभग 25-40 आइटम इस वर्ष के अंत तक खरीद के लिए तैयार हो जाएंगे।

आई-डीईएक्स योजना आत्मनिर्भरता और स्वदेशीकरण की प्राप्ति के लिए रक्षा मंत्रालय के व्यापक मिशन के तहत निर्मित की गई है। आई-डीईएक्स हमारे स्टार्टअप पारितंत्र की जीवंत ऊर्जा का उत्प्रेरण कर रही है और आज ट्रांस-अनुशासनिक नवाचारों / परियोजनाओं का नेतृत्व कर रही है। सेना के अंगों, डीपीएसयू, उद्योग, शिक्षा, आई-डीईएक्स अधिकारियों तथा स्टार्टअप / एमएसएमई के विशेषज्ञों का एक उद्यमी नेटवर्क सह-निर्माण और सह नवाचार की प्रक्रिया में शामिल है। इसका उद्देश्य निकट भविष्य में सशस्त्र बलों और रक्षा उद्योग के लिए 50 विश्व स्तरीय समाधान प्रदान करना है ।

डीआईएससी एवं विभिन्न खुली चुनौतियों के पांच संस्करणों को अपार सफलता मिली है तथा स्टार्टअप / एमएसएमई से काफी दिलचस्पी और भागीदारी देखी गई है। आई-डीईएक्स द्वारा अधिक से अधिक नवीन आविष्कारों और स्टार्टअप का साथ देने की प्रक्रिया ने अब तेज़ी पकड़ी है। आई-डीईएक्स स्टार्टअप / एमएसएमई अब अगले चरण जैसे उत्पादनकरण और व्यावसायीकरण में प्रवेश कर रहा है। इससे वास्तव में रक्षा औद्योगिक आधार और व्यापक होगा तथा उसको बढ़ावा मिलेगा।

You cannot copy content of this page