ड्रोन-आधारित खनिज अन्वेषण के लिये एनएमडीसी और आईआईटी खड़गपुर के बीच समझौता

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नई दिल्ली :   इस्पात मंत्रालय के अधीन केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम राष्ट्रीय खनिज विकास निगम लि. (एनएमडीसी) ने ड्रोन-आधारित खनिज अन्वेषण के लिये आईआईटी खड़गपुर के साथ एक समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं। एनएमडीसी पिछले छह दशकों से व्यापक किस्म के खनिजों का अन्वेषण करता रहा है, जिनमें अन्य खनिजों के साथ-साथ तांबा, रॉक फास्फेट, चूना पत्थर, मैग्नेसाइट, हीरा, टंगस्टन और समुद्री तट रेत शामिल है। यह अन्वेषण यूएनएफसी (यूनाइटेड नेशंस फ्रेमवर्क क्लासीफेकेशन) निर्धारित जी-4 स्तर से लेकर जी-1 स्तर का है।

‘ड्रोन-आधारित खनिज अन्वेषण’ सम्बंधी समझौता-ज्ञापन पर वर्चुअल प्लेटफार्म पर हस्ताक्षर किये गये। इस दौरान एनएमडीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री सुमित देब, निदेशक (वित्त) श्री अमितावा मुखर्जी, निदेशक (तकनीकी) श्री सोमनाथ नंदी, निदेशक (उत्पादन) श्री डीके मोहंती तथा आईआईटी खड़गपुर के प्रोफेसर उपस्थित थे। समझौता-ज्ञापन पर एनएमडीसी की तरफ से वहां के निदेशक (उत्पादन) श्री डीके मोहंती और आईआईटी खड़गपुर की तरफ से संस्थान के भूगर्भ विज्ञान एवं भू-भौतिकी के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एसपी शर्मा तथा खनन अभियांत्रिकी के विभागाध्यक्ष प्रो. समीर के. पॉल ने हस्ताक्षर किये।

एनएमडीसे के सीएमडी श्री सुमित देब ने कहा, “एनएमडीसी भारत का पहला केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम होगा, जो देश में खनिजों के अन्वेषण के लिये ड्रोन-आधारित भू-भौतिकी सर्वेक्षण और हाइपर-स्पेक्ट्रिकल अध्ययन करेगा। आईआईटी खड़गपुर के साथ एनएमडीसी के समझौते से नया अध्याय खुलेगा तथा देश के लिये खनिज अन्वेषण के क्षेत्र में मानक स्थापित होंगे।”

एनएमडीसी, मध्यप्रदेश में विभिन्न खनिजों का अन्वेषण कर रहा है। साथ ही वह छत्तीसगढ़ के बेलोदा-बेलमुंडी ब्लॉक में हीरे की खोज में भी संल्गन है। एनएमडीसी मध्य भारत के हीरा उत्पादक राज्यों में भी पहली बार स्पेस जियो-फिजिक्स का इस्तेमाल करने वाली पहली कंपनी है। इसी तरह वह अन्वेषण आंकड़ों की ऑनलाइन निगरानी करने के लिये ‘भुवन प्लेटफार्म’ का इस्तेमाल करने वाली पहली कंपनी भी है। एनएमडीसी लगातार प्रौद्योगिकी नवोन्मेष को बढ़ा रही है तथा अन्वेषण और खनन सम्बंधी डेटाबेस के डिजिटलीकरण में इजाफा कर रही है।
ड्रोन नीति के आरंभ होने के साथ ही सरकार ने देश में ड्रोन के इस्तेमाल की निगरानी, नियमन और पलिचालन की पहल कर दी है। वर्तमान में कृषि, शहरी आयोजना, वन, खनन, आपदा प्रबंधन, निगरानी, यातायात आदि में ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है।

एनएमडीसी और आईआईटी खड़गपुर खनन के लिये ड्रोन के इस्तेमाल के सम्बंध में स्पेक्ट्रल उत्पाद, पद्धतियों और एल्गोरिद्म का विकास करेंगे। एनएमडीसी और आईआईटी खड़गपुर के बीच सहयोग से खनिज उत्खनन और खनन प्रौद्योगिकी में क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के लिये सॉफ्टवेयर स्पेक्ट्रल टूल्स का विकास होगा।

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