पेटीएम Paytm के संस्थापक और सीईओ विजय शेखर शर्मा डीसीपी की कार में टक्कर मारने पर हुआ गिरफ्तार, जमानत पर रिहा

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नई दिल्ली : पेटीएम Paytm के संस्थापक और सीईओ विजय शेखर शर्मा को पिछले महीने दिल्ली पुलिस ने आईपीसी की धारा 279 (तेज गति से या लापरवाही से गाड़ी चलाने) के मामले में गिरफ्तार किया था और जमानत पर रिहा कर दिया था। घटना 22 फ़रवरी की है लेकिन इसकी जानकारी अब मिडिया में लीक हुई है क्योंकि यह मामला बेहद गोपनीय रखा गया था .

 

इस घटना को लेकर दर्ज ऍफ़ आई आर में बताया गया है कि पे टी एम Paytm के संस्थापक और सीईओ विजय शेखर शर्मा ने अपनी जगुआर लैंड रोवर गाडी से कथित तौर पर अरबिंदो मार्ग दिल्ली पर द मदर्स इंटरनेशनल स्कूल के पास दिल्ली पुलिस की दक्षिण जिला की डीसीपी के वाहन में टक्कर मार दी थी। चौकाने वाली बात यह है कि डीसीपी की कार में टक्कर मारने के बाद वह घटना स्थल पर रुकने के बजाय अपनी गाडी भगा ले गये.

 

मिडिया की खबर के अनुसार यह घटना 22 फरवरी की है. दिल्ली  पुलिस ने डीसीपी (दक्षिण) बनिता मैरी जैकर के साथ चालक के रूप में तैनात कांस्टेबल दीपक कुमार की शिकायत पर ऍफ़ आई आर दर्ज किया है ।

 

सूत्रों का कहना है कि पुलिस ने पे टी एम Paytm के संस्थापक और सीईओ विजय शेखर शर्मा को गिरफ्तार कर लिया था लेकिन जमानत पर रिहा भी कर दिया था ।

 

खबर में कहा गया है कि कांस्टेबल कुमार ने बताया कि वह डीसीपी बनिता मैरी जैकर के साथ तैनात थे और सुबह करीब 8 बजे उनकी गाड़ी को एक पेट्रोल पंप पर ले गए थे।

 

कॉन्स्टेबल ने बताया कि उसके साथ  एक ऑपरेटर भी था . जब वह  मदर्स इंटरनेशनल स्कूल के पास पहुंचे तो वहां ट्रैफिक जाम था । उसने देखा कि वहां लोगों का जमावड़ा था जो अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने पहुंचे थे. कांस्टेबल ने कार की गति धीमी की और प्रदीप को नीचे उतरने को कहा ताकि ट्रैफिक से निकलने में वो मदद कर सके ।

 

कांस्टेबल ने बताया कि वह इंतजार कर रहा था कि एक कार साइड से तेज गति से आई और उसके वाहन को टक्कर मार दी। उक्त गाड़ी का हरियाणा का रजिस्ट्रेशन नंबर था. टक्कर मारने के बाद वह व्यक्ति गाड़ी भगाने में कामयाब हो गया। डीसीपी का वाहन क्षतिग्रस्त हो गया.  उसने गाड़ी सड़क के किनारे पार्क की और डीसीपी को सूचित किया.  ड्राईवर ने उक्त गाड़ी का नम्बर नोट कर लिया था. उसने मालवीय नगर पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज कराई ।

 

पुलिस ने परिवहन विभाग की मदद से कार का पता लगाया और पता चला कि उक्त गाड़ी गुड़गांव की एक कंपनी में पंजीकृत है । कंपनी ने पुलिस को बताया कि उसने वाहन ग्रेटर कैलाश-द्वितीय निवासी शर्मा को दिया था । शर्मा को मालवीय नगर पुलिस स्टेशन बुलाया गया, जहां उन्हें गिरफ्तार कर जमानत पर रिहा कर दिया गया।

इस मामले पर पी टी एम् की ओर से अपना स्पष्टीकरण नहीं दिया गया .

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