पेरिस में भारतीय दूतावास और परिधान निर्यात संवर्धन परिषद-एईपीसी ने ‘भारत-फ्रांस: एक सतत वस्त्र और फैशन के लिए बाजार के अवसर और सहयोग के क्षेत्र’ पर संगोष्ठी का आयोजन किया
नई दिल्ली : परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के सहयोग से पेरिस में भारतीय दूतावास ने कल ‘भारत-फ्रांस: एक सतत वस्त्र और फैशन के लिए बाजार के अवसर और सहयोग के क्षेत्र’ विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया। पेरिस में भारतीय दूतावास के डीसीएम डॉ. प्रफुल्लचंद्र शर्मा ने उद्घाटन भाषण दिया। वस्त्र मंत्रालय की व्यापार सलाहकार, सुश्री शुभ्रा ने भारतीय वस्त्र उद्योग और स्थिरता से संबंधित नीति और स्थिरता लक्ष्यों और महत्वाकांक्षाओं पर बातचीत की। व्यापार सलाहकार ने इस तथ्य पर बल दिया कि भारत सरकार उत्पादकता में सुधार और पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के लिए विभिन्न नीतियां अपना रही है। सलाहकार ने कहा, “पीएम-मित्र जैसी पहल जो देश भर में सात मेगा टेक्सटाइल पार्क स्थापित कर रही है, मूल्य श्रृंखला में स्थिरता स्थापित करने में सक्षम होगी और उद्योग को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा में बढ़त देने के लिए तैयार करेगी।”
भारतीय परिधान निर्यातकों के लिए वर्तमान स्थिति और दृष्टिकोण के बारे में बोलते हुए, एईपीसी के अध्यक्ष, श्री नरेंद्र गोयनका ने कहा, “भारतीय परिधान उद्योग इस खतरनाक तथ्य से बहुत अच्छी तरह परिचित है कि स्थायी आपूर्ति श्रृंखला के बिना, फैशन उद्योग कम से कम व्यवहारिक हो जाएगा। निरंतरता को अब परिधान निर्यात कारोबार के प्रमुख स्तंभों के विकास उपकरण में से एक के रूप में गिना जाता है।”
उनहोंने कहा, “भारत दुनिया को खेत से लेकर फैशन तक एक संपूर्ण मूल्य श्रृंखला समाधान प्रदान करता है जो हमें ट्रिपल बॉटम लाइन (टीबीएल) दृष्टिकोण के माध्यम से पूरी आपूर्ति श्रृंखला में स्थिरता के कुशल कार्यान्वयन और निगरानी की दिशा में एक प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त प्रदान करता है, जिसमें स्थिरता के तीन स्तंभ आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरण शामिल हैं।”
भारत ने हाल ही में प्रोजेक्ट एसयू.आरई का शुभारंभ किया है, इसका अर्थ है ‘सस्टेनेबल रेज़ोल्यूशन’ यानि सतत संकल्प – एक स्वच्छ वातावरण में योगदान देने वाले फैशन की ओर बढ़ने के लिए उद्योग की एक दृढ़ प्रतिबद्धता। भारतीय ब्रांडों ने वर्ष 2025 तक टिकाऊ कच्चे माल और प्रक्रियाओं का इस्तेमाल करके अपनी कुल खपत का एक बड़े भाग का स्रोत पर उपयोग करने का वचन दिया है।
वेबिनार में पर्यावरण की स्थिरता जैसे पानी के उपयोग, ऊर्जा की खपत, रासायनिक भार, वायु उत्सर्जन, कार्बन उत्सर्जन, ठोस अपशिष्ट और लैंडफिल से लेकर पुनः उपयोग और सामाजिक स्थिरता जैसे समावेशिता, कौशल, श्रम सुधार और महिला सशक्तिकरण जैसे विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई। ब्लॉकचेन के महत्व और पता लगाने की क्षमता पर भी चर्चा की गई।
वेबिनार में एलवीएमएच, फैशन ग्रीन हब, डेकाथलॉन, जैमिनी और इंटेलकेप के प्रमुख वक्ता थे। इसमें निर्माताओं, खुदरा विक्रेताओं, डिजाइनरों, नीति निर्माताओं, स्टार्ट-अप, टिकाऊ फैशन और कपड़ा उद्योगों में नवप्रवर्तकों सलाहकार, निर्यात परिषद और सरकारी निकाय सहित 50 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।