यूक्रेन -रूस युद्ध पर भारत ने यू एन ओ की वोटिंग से स्वयं को बाहर रखा

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नई दिल्ली : मिडिया रिपोर्ट्स के अनुसार  यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध के मामले में भारत ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र महासभा के आपातकालीन विशेष सत्र में आज भी वोटिंग से स्वयं को बाहर रखा . भारत  की ओर से  रखे गए विचार में यूक्रेन-रूस के बीच छिड़ी जंग के थमने की वकालत तो की लेकिन रूस के खिलाफ लाये गए प्रस्ताव का न तो समर्थन किया और न ही विरोध किया .   भारत ने कहा है कि इस समस्या का हल बातचीत और कूटनीति से ही सुलझाया जाना चाहिए . भारत के इस रुख पर अब अमेरिका असहज महसूस कर रहा है. मिडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि रूस-यूक्रेन संकट पर बाइडेन प्रशासन ने भारत से स्पष्ट रुख अपनाने की मांग की है.

मिडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि अमेरिकी सीनेट समिति की सुनवाई में सहायक राज्य सचिव डोनाल्ड लू ने कहा है कि भारत किसी भी पक्ष का साथ नहीं लेने का रुख अपनाए हुए है.  लू ने कहा है कि हम भारत से रूस के हमलों के खिलाफ एक विपरीत और एक स्पष्ट रुख अपनाने के लिए आग्रह करते हैं. यूएनजीए में भारत के रुख की रिपब्लिकन और डेमोक्रेट दोनों ही अमेरिकी सांसदों ने आलोचना की है.

 

मिडिया रिपोर्ट्स के अनुसार संयुक्त राष्ट्र महासभा में 141 देशों ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की निंदा करने वाले प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया जबकि पांच देशों ने इसके खिलाफ  वोट किया. इस वोटिंग में भारत सहित 35 देशों ने भाग नहीं लिया.

यूरोप के आर्थिक रूप से समृद्ध देशों से लेकर छोटे प्रशांत द्वीप देश तक कई देशों ने यूक्रेन पर रूस के हमले की निंदा की है.

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