हरियाणा सरकार के फैसले के खिलाफ लंबरदारों में रोष, मुख्यमंत्री के नाम गुरुग्राम विधायक को सौंपा ज्ञापन

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-गुरुग्राम तहसील लंबरदार एसोसिएशन अध्यक्ष मनजीत सिंह खांडसा के नेतृत्व में दर्जनों लंबरदार पहुंचे विधायक सुधीर सिंगला के कार्यालय 

-मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट अनिवार्य करने के आदेश को भी रद्द करने पर दिया बल 

-पिछली पंचवर्षीय योजनाओं में किये गए वायदे की याद दिलाते हुए सीएम से हस्तक्षेप करने की मांग की 

haryana latest newsगुरुग्राम (haryana latest news) : गुरुग्राम तहसील लंबरदार एसोसिएशन अध्यक्ष मनजीत सिंह खांडसा के नेतृत्व में दर्जनों लंबरदारों ने एकत्रित होकर रोष प्रकट किया और हल्का गुरुग्राम विधायक सुधीर सिंगला के मार्फत मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार को रोष प्रकट करते हुए अपनी मांगों के लिए ज्ञापन सौंपा।

मुख्यमंत्री के नाम सौंपे ज्ञापन में लंबरदारों ने अपनी मांगों में कहा है कि हरियाणा सरकार के राजस्व विभाग द्वारा जारी पत्र क्रमांक 17963 & CFMS-R-2-2021/8797 दिनांक 13/11/2021 के माध्यम से सरबराह लंबरदारों एवं नये लंबरदारों की नियुक्तियों पर रोक लगाई गई है.  हरियाणा सरकार के इस आदेश को लेकर प्रदेश के समस्त लंबरदारों में गहरा रोष है। लंबरदारों ने मांग की है कि लंबरदारों की नियुक्ति पर लगाई गई रोक को वापस लिया जाए . लंबरदार एसोसिएशन ने सरकार से प्रदेश में सरबराह लंबरदारों एवं नये लंबरदारों की नियुक्तियों को पहले जैसे तुरंत प्रभाव से शुरू करने की भी मांग की है . 

-लंबरदारों की नियुक्ति पर लगाई गई रोक को वापस लेने व नियुक्तियों को पुनर्बहाल करने की मांग की 

उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार ने एक अन्य आदेश में 75 वर्ष से ऊपर के लंबरदारों को हटाने एवं 65 वर्ष से ज्यादा उम्र के लंबरदारों को मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट देने के लिए अनिवार्य कर दिया गया है. उक्त आदेश को भी वापस लेने और लंबरदारी सिस्टम पहले की तरह  शुरू करने की जोरदार मांग की है। ज्ञापन में कहा गया है कि लंबरदारी व्यवस्था में सरकार द्वारा कोई छेड़छाड़ ना की जाए। उनका तर्क है कि लंबरदारी प्रथा प्राचीन काल से चली आ रही है। लंबरदार शासन प्रशासन और जनता के बीच एक कड़ी का काम करते हैं। दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सामाजिक कार्यों में अपना अहम योगदान देते हैं।

लंबरदार एसोसिएशन प्रतिनिधियों का कहना है कि आज समाज में अपराध तेजी से बढ़ रहें हैं। सामाजिक ताना-बाना छिन्न-भिन्न हो रहा है। ऐसे में लंबरदार अपने में संजोए अनुभव को समाज में बांटकर सही दिशा देने का काम करते हैं। लंबरदारों द्वारा समाज में शांति एवं सद्भावना स्थापित करने में दशकों से अपना पूरा सहयोग दिया जाता रहा है। समाज भी लंबरदारों से जुड़ा हुआ है और उनमें अपना पूर्ण विश्वास रखता है। ऐसे में सरकार द्वारा लंबरदारों की नई नियुक्तियों पर रोक लगाने से समाज सरकार व प्रशासन को जो क्षति होगी निकट भविष्य में उसकी भरपाई किसी कीमत पर भी नहीं की जा सकती है।

ज्ञापन में पिछली पंचवर्षीय योजनाओं में किये गए वायदे की याद दिलाते हुए ज्ञापन में कहा गया है कि मुख्यमंत्री द्वारा बीते विधानसभा सत्र में लंबरदारी प्रथा को ज्यों की त्यों चालू रखने और उपरोक्त मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने बाबत आश्वासन दिया गया था। लंबरदारों ने उम्मीद जताई है कि मुख्यमंत्री स्वयं हस्तक्षेप करते हुए लंबरदार एसोसिएशन द्वारा दिए गए इस ज्ञापन पर तुरंत संज्ञान लेंगे  व लंबरदारी व्यवस्था को पहले जैसे तुरंत प्रभाव से वापस स्थापित करेंगे।

सूर्य देव नखरौला ने बताया कि इस मौके पर लंबरदार रोहतास नाथूपुर, रामनिवास टिकली, बलराम खेड़की माजरा, मोहनलाल मोहम्मदपुर झाड़सा, सूरज इंदौरा वजीराबाद, मदन मोहन समसपुर, मनजीत खांडसा, महावीर खांडसा व अन्य दर्जनों लंबरदार उपस्थित रहे।

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