भारत उच्च शक्ति कंप्यूटिंग में अग्रणी देश के रूप में विकसित हो रहा है

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नई दिल्ली :  राष्ट्रीय सुपर कंप्यूटिंग मिशन (एनएसएम) के साथ भारत उच्च शक्ति कंप्यूटिंग में एक अग्रणी देश के रूप में तेजी से विकसित हो रहा है और लाभान्वित हो रहा है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-आईआईटी, भारतीय विज्ञान संस्थान-आईआईएससी, भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान-आईआईएसईआर पुणे, जवाहरलाल नेहरू उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र-जेएनसीएएसआर बेंगलुरू, विभिन्न सी-डैक, राष्ट्रीय कृषि-खाद्य जैव प्रौद्योगिकी संस्थान-एनएबीआई मोहाली जैसे 10 प्रमुख संस्थानों में सुपरकंप्यूटिंग बुनियादी ढांचा पहले से ही स्थापित है और कई अन्य संस्थानों के शोधकर्ता भी इन संस्थानों से लाभ प्राप्त कर रहे हैं। 5 और संस्थानों में अंतिम चरण की स्थापना का कार्य किया जा रहा है।

यह न केवल तेल की खोज, बाढ़ की भविष्यवाणी के साथ-साथ जीनोमिक्स और दवा की खोज जैसे क्षेत्रों में शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, एमएसएमई और स्टार्टअप की बढ़ती गणना संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करेगा, बल्कि सुपर कंप्यूटर विकसित करने की स्वदेशी क्षमता को भी मजबूत करेगा।

राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनएसएम) के हिस्से के रूप में, भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) बेंगलुरु ने सबसे शक्तिशाली भारतीय सुपर कंप्यूटरों में से एक परम प्रवेगा को स्थापित किया है। परम प्रवेगा में 3.3 पेटाफ्लॉप्स की सुपरकंप्यूटिंग शक्ति है। यह सबसे बड़ा सुपर कंप्यूटर है जिसे एक भारतीय शैक्षणिक संस्थान में स्थापित किया गया है।

आगे बढ़ते हुए, अगली पीढ़ी के उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग (एचपीसी) प्रणालियों के लिए स्वदेशी सर्वर नोड्स, इंटरकनेक्ट स्विच, स्टोरेज और सिस्टम सॉफ्टवेयर स्टैक का डिजाइन और विकास 85 प्रतिशत स्वदेशी विनिर्माण के साथ शुरू किया गया है। इसमें भारत का पहला स्वदेशी सर्वर प्लेटफॉर्म ‘रुद्र’ शामिल है, जो सभी सरकारी और सार्वजनिक उपक्रमों की एचपीसी आवश्यकताओं के साथ-साथ देश की रणनीतिक आवश्यकताओं को पूरा कर सकता है।

इसके अलावा, कंप्यूट नोड्स के बीच कुशल इंटर-नोड संचार के लिए देश में “त्रिनेत्र” नामक एक अगली पीढ़ी के स्वदेशी एचपीसी इंटरकनेक्ट को डिजाइन और विकसित किया गया है। यह विद्युत क्षमता में सुधार करने में मदद करेगा और बड़े पैमाने पर सिस्टम का भी समर्थन करेगा।

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चित्र : त्रिनेत्र -बी पीसीबी

 

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चित्र : रुद्र सर्वर प्लेटफॉर्म

 

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चित्र : रुद्र आधारित प्रमुख प्रणाली

राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन को देश में अनुसंधान क्षमताओं और दक्षताओं को बढ़ाने के लिए शुरू किया गया था। इसके लिए राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क (एनकेएन) को एक आधार के रूप में एक सुपरकंप्यूटिंग ग्रिड बनाने के लिए जोड़ा गया है।  एनएसएम देश भर के शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों में सुपरकंप्यूटिंग सुविधाओं का एक ग्रिड स्थापित कर रहा है। इसका एक हिस्सा विदेशों से आयात किया जा रहा है और कुछ हिस्सा स्वदेशी बनाया जा रहा है। स्वदेशी हिस्से में समय के साथ वृद्धि की जा रही है। मिशन को संयुक्त रूप से विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) द्वारा संचालित किया जा रहा है। इस मिशन को सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग (सी-डैक), पुणे और भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) बेंगलुरु द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।

स्वदेशी रूप से असेंबल किया गया पहला सुपर कंप्यूटर, परम शिवाय, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-आईआईटी (बीएचयू) में स्थापित किया गया था। इसके बाद आईआईटी-खड़गपुर आईआईएसईआर, पुणे, जेएनसीएएसआर, बेंगलुरु और आईआईटी-कानपुर, आईआईटी-हैदराबाद, एनएबीआई मोहाली और सीडैक बेंगलुरु में क्रमशः परम शक्ति, परम ब्रह्मा, परम युक्ति, परम संगणक को स्थापित किया गया था।

सुपरकंप्यूटिंग में नेतृत्व की स्थिति की ओर भारत के आगे बढ़ाने के लिए एचपीसी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के संयोजन के साथ एक नया आयाम मिला। सी-डैक में निर्मित और स्थापित 200 एआई पीएफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सुपरकंप्यूटिंग सिस्टम अविश्वसनीय रूप से बड़े पैमाने पर एआई कार्य भार को संभाल सकता है, जिससे एआई से संबंधित कंप्यूटिंग की गति कई गुना बढ़ जाती है। परम सिद्धि – एआई, उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग-कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एचपीसी-एआई) सुपरकंप्यूटर, ने 16 नवंबर 2020 को जारी दुनिया के शीर्ष 500 सबसे शक्तिशाली सुपरकंप्यूटर सिस्टम में 62 वे नंबर की वैश्विक रैंकिंग हासिल की है।

मिशन ने 11,000 से अधिक एचपीसी जागरूक जनशक्ति और संकायों को प्रशिक्षित करके सुपरकंप्यूटर विशेषज्ञों की अगली पीढ़ी भी तैयार की है। एचपीसी प्रशिक्षण की गतिविधियों का विस्तार करने के लिए, आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी मद्रास, आईआईटी गोवा और आईआईटी पलक्कड़ में एचपीसी और एआई में प्रशिक्षण के लिए चार एनएसएम नोडल केंद्र स्थापित किए गए हैं। इन केंद्रों ने एचपीसी, एआई और अन्य क्षेत्रों में ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए हैं।

आगामी वर्ष में, आईआईटी बंबई, आईआईटी मद्रास, आईआईटी पटना, आईआईटी दिल्ली, आईयूएसी दिल्ली, सीडैक-पुणे, एसएनबीएनसीबीएस, एनसीआरए पुणे और एनआईसी दिल्ली जैसे संस्थानों में 9 और सुपर कंप्यूटर चालू और स्थापित किए जाएंगे।

उद्योग जगत के सहयोग से एनएसएम द्वारा संचालित, भारत के अनुसंधान संस्थानों का नेटवर्क, भारत में अधिक से अधिक भागों को तैयार करने के लिए प्रौद्योगिकी और विनिर्माण क्षमता को बढ़ा रहा है। इस प्रयास से स्वदेशी विनिर्माण 85 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी।

यह मिशन, सुपरकंप्यूटिंग सिस्टम का आधार – नेशन नॉलेज नेटवर्क (एनकेएन) के माध्यम से काम कर रहे 100 से अधिक संस्थानों और हजारों से अधिक सक्रिय शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों को उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग (एचपीसी) सुविधाओं तक पहुंच प्रदान करेगा।

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