सुभाष चौधरी
गुरुग्राम । गुरुग्राम के सेक्टर 109 स्थित चिंटल पाराडिसो नामक बहुमंजिला इमारत में गुरुवार शाम को हुए हादसे में 2 महिलाओं की मृत्यु हो गई जबकि एक व्यक्ति को लगभग 18 घंटे की जद्दोजहद के बाद जीवित निकाला जा सका है. घायल व्यक्ति को मैक्स अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है जबकि एनडीआरएफ और एसटीआरएफ की टीम लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई है। इस घटना में 18 मंजिली इमारत के छठे फ्लोर का डाइनिंग रूम अचानक भरभरा कर नीचे गिरा जो लगातार प्रथम मंजिल तक गिरता चला गया। इस मामले में अब तक एक व्यक्ति की शिकायत पर चिंतल ग्रुप के मालिक अशोक सोलोमन के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इतनी बड़ी घटना को लेकर अब तक पुलिस की ओर से स्वतः संज्ञान लेते हुए कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है और ना ही कोई बड़ी कार्रवाई के संकेत मिले हैं।
उल्लेखनीय है कि यह घटना गुरुवार शाम लगभग 6:00 बजे की है जब अचानक छठी मंजिल का डाइनिंग रूम पूरी तरह से ध्वस्त होकर नीचे ताश के पत्ते की तरह गिरा और उसके झुके और दबाव के कारण पांचवी मंजिल चौथी मंजिल तीसरी मंजिल और दूसरी मंजिल का फ्लोर भी भरभरा कर पहली मंजिल तक आ गया। प्रशासन की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार ऊपर की मंजिलों पर कोई नहीं रह रहा था जबकि नीचे की मंजिलों पर कुछ परिवार रह रहे थे। यही कारण है कि दूसरी मंजिल पर रहने वाले पति-पत्नी इस मलबे की चपेट में आ गए जिनमें से एक महिला की मृत्यु होने की पुष्टि एनडीआरएफ टीम के लीडर पीके तिवारी ने की जबकि पुरुष चीन की पहचान अशोक कुमार श्रीवास्तव के रूप में हुई है को लगभग 18 घंटे की कोशिश के बाद जीवित निकाला जा सका। उनका पैर मलबे में दबा हुआ था जिन्हें बेहद कठिनाई से निकालने के बाद मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इस घटना में एक और महिला जिनकी पहचान एकता भारद्वाज के तौर पर हुई है कि मौत हो गई है। यह घटना उक्त बिल्डिंग के डी ब्लॉक में हुई जिसकी सूचना तत्काल स्थानीय पुलिस और प्रशासन को मिलने के बाद वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और राहत एवं बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीम को तत्काल बुलाया गया। एनडीआरएफ की टीम के प्रमुख पीके तिवारी ने मीडिया को बताया कि शाम 6:00 बजे से ही लगातार पूरी रात उनकी टीम राहत कार्य में लगी रही और एक व्यक्ति को जीवित निकालने में उन्हें कामयाबी मिली जबकि दो महिलाओं की मौत हो गई। चिंताजनक बात यह है कि दूसरी महिला जिनकी आवाज अब नहीं आ रही है वह अभी तक मलबे में दबी हुई है जिनको निकालने के लिए एनडीआरएफ की टीम अभी भी मशक्कत कर रही है।
इस घटना की जानकारी मिलते ही जिला उपायुक्त निशांत कुमार यादव तत्काल गुरुवार शाम को ही मौके पर पहुंच गए थे और हालात का जायजा लेने के बाद उन्होंने मीडिया को पूरी घटना की जानकारी दी थी। उन्होंने इस घटना की जांच के लिए जिला के अतिरिक्त उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा को अधिकृत किया है जिन्होंने जांच शुरू कर दी है।
जिला उपयुक्त ने बताया था कि केवल डाइनिंग रूम की छत गिरने से यह घटना हुई है। पत्रकारों के सवाल पर उन्होंने माना कि इस बिल्डिंग में पहले भी इस प्रकार की घटना हुई थी जिसको लेकर वह जांच करवाएंगे। उन्होंने कहा कि प्राथमिक तौर पर यह जानकारी मिली है कि ऊपरी तल पर कुछ मरम्मत का काम चल रहा था जहां भारी वजन के कारण छठे मंजिल की छत नीचे गिरी। उनका कहना था कि इसका वास्तविक कारण जांच के बाद ही पता चल पाएगा। पत्रकारों के पूछे जाने पर जिला उपायुक्त ने कहा कि जांच की रिपोर्ट आने के बाद इसमें दोषी पाए गए व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
दूसरी तरफ इस घटना में अब तक केवल एक मामला दर्ज किया गया है। थाना बजघेरा में राजेश भारद्वाज ने उनकी पत्नी एकता भारद्वाज की इस घटना में मौत के बारे में पुलिस को लिखित सूचना देते हुए चिंटल ग्रुप के मालिक अशोक सोलोमन के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। उक्त मामला आईपीसी 1860 की धारा 304 ए एवं 34 के तहत दर्ज किया गया है।
गौरतलब है कि धारा 304 ए लापरवाही से किसी की मौत को अंजाम देने के मामले में प्रयुक्त किया जाता है। इस धारा के तहत दोषियों को अधिकतम 2 वर्ष की सजा और आर्थिक दंड देने का प्रावधान है। धारा 34 के तहत उन सभी लोगों को किसी अपराध को बराबर का जिम्मेदार माना जाता है जिन्होंने एक योजना के तहत उस घटना को अंजाम दिया है। जानने योग्य बात यह है कि धारा 34 में अलग से किसी भी प्रकार की सजा का कोई प्रावधान नहीं है . यह धारा केवल दूसरी अन्य अपराध की धारा के साथ बराबर का जिम्मेदार ठहराने के लिए लगाई जाती है।
जाहिर है इस को लेकर इस बिल्डिंग में रहने वाले परिवारों उनके रिश्तेदारों एवं आसपास के लोगों में भारी रोष है कि पुलिस और प्रशासन ने अब तक इस मामले में राहत और बचाव कार्य के अलावा कोई खास सख्ती नहीं दिखाई है। लोगों का कहना है कि इस मामले में पुलिस को स्वतः संज्ञान लेते हुए सख्त धाराओं में चिंटल ग्रुप के मालिक के खिलाफ मामला दर्ज करना चाहिए था और उन्हें तत्काल गिरफ्तार करना चाहिए था जो कि अब तक नहीं किया गया है।
जिला उपायुक्त ने इसकी जांच के लिए अतिरिक्त उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा को अधिकृत किया है जिसको लेकर लोग आशंकित हैं कि जांच के नाम पर कहीं बड़े व्यावसायी को बचाने के लिए लीपापोती ना कर दिया जाए। आने वाले समय में इस बात का खुलासा होगा कि प्रशासन इस मामले को लेकर कितना सख्त और संवेदनशील है।
सेक्टर 37 निवासी रवि कुमार छापोला ने कहा है कि गुरूग्राम सेक्टर 109 मेंचिन्तेल्स पाराडिसो सोसाइटी में हुए दर्दनाक हादसे की कड़ी निंदा करता हूँ। घटिया निर्माण सामग्री द्वारा निर्मित इस बिल्डिंग व बिल्डर ठेकेदारों पर कैसे विश्वास करे। इस से पहले सेंकडो सोसाइटी रिहायशीयों ने घटिया निर्माण गुणवत्ता पर शिकायतें दर्ज करवाई है लेकिन प्रशासन ने गम्भीरता से नही लिया। जिस का दुष्परिणाम आप के सामने है। मेरी जिला प्रशासन व डायरेक्टर टाउन एंड कंट्री प्लानर से अनुरोध है कि लंबित सभी शिकायतों पर शीघ्र ही गम्भीरता से लेते हुए। बिल्डिंग निर्माण की गुणवत्ता की जांच करवाये।