नई दिल्ली : लगभग 7 से 8 दशक तक अपनी आवाज का जादू विखेरने वाली स्वर की देवी लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) अब इस दुनिया से जा चुकी हैं और दुनिया में उनकी जगह इस युग में शायद कोई नहीं ले पाए . हर दशक में हर उम्र के लोगों को अपना फेन बना चुकीं लता मंगशेकर का 92 साल की उम्र में निधन हो गया . पूरे देश में शोक की लहर चल पड़ी है. देश का हर अमीर व गरीब उनके निधन पर शोकाकुल हैं . अपने जीवन में स्वर कोकिला लता मंगेशकर सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती थीं. अक्सर वह अपने चाहने वालों के साथ अपनी पुरानी यादें ताजा करती रहती थीं . साथ ही कई बार अपने इमोशन भी व्यक्त करती थीं. लता मंगेशकर ने अभी नए साल के अवसर पर अपना आखिरी पोस्ट शेयर किया था. उस पोस्ट से उनके भाव और उनकी सोच को परिलक्षित वाले उस पोस्ट से सभी की आंखें नम हो रही हैं.
उल्लेखनीय है कि लता मंगेशकर 8 जनवरी को ही कोरोना संक्रमित हो गई थीं. उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनकी तबीयत में सुधार होने की खबर आई थी और लोगों को बड़ा सुकून मिला था . एक दिन पूर्व भी उनकी बहन आशा भोंसले ने उनकी तबियत सुधरने की जानकारी जारी की थी . शनिवार को फिर तबीयत खराब होने की वजह से वह वेंटिलेटर पर चली गई थीं.
ट्विटर पर उनके 14. 9 मिलियन फोलोवर हैं. केवल 9 लोगों को वे फोलो करती थीं. एक जनवरी को उन्होंने अपना अंतिम पोस्ट जारी किया था. उन्होंने देशवाशियों को उन्होंने नये वर्ष की शुभकामना भी दी थी. उन्होंने कहा था कि इस विश्व को कोरोना से मुक्ति मिले और सभी सुखी हों. इसके बाद 4 जनवरी को उन्होंने पंचम दा को भी याद किया था.
अपनी तबियत खराब होने से ठीक पहले लता मंगेशकर ने इंस्टाग्राम पर आखिरी पोस्ट अपने पिता के लिए शेयर किया था. वह अपने पिता दीनानाथ मंगेशकर के काफी करीब थीं.
— Lata Mangeshkar (@mangeshkarlata) January 1, 2022
लता मंगेशकर ने एक पुराना वीडियो शेयर करते हुए अपने पिता को याद किया था . इसमें वह इमोशनल होती नजर आ रही हैं. उन्होंने वीडियो में कहा है कि ” मेरे पूज्य पिताजी इतनी बड़ी दुनिया में हमें अकेला छोड़कर चले गए. लेकिन मैंने हमेशा उन्हें अपने पास ही पाया है. कई बार मुझे ऐसा लगा कि वो मेरे पास बैठे हैं, मुझे गाना सिखा रहे हैं. अगर मुझे किसी बात का डर लगता था तो मुझे लगता था कि वो मेरे सिर पर हाथ रखकर कह रहे हैं कि डरो मत बेटा, मैं हूं. इसी तरह हमारे पचास वर्ष गुजरे हैं. अगर वो मेरे पास नहीं होते तो सोचिए मुझ जैसी बहुत ही छोटी सी गायिका क्या उसे इतनी शौहरत, इज्जत मिलती? मुझे नहीं लगता. ये उनका आशीर्वाद है जो मुझे इतना नाम मिला है.
लता मंगेशकर अपने पिता के बहुत करीब थीं. उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर का 42 साल की उम्र में निधन हो गया था. घर की बड़ी संतान होने की वजह से सभी का भार लता मंगेशकर के कंधों पर आ गया था. उन्होंने 13 साल की उम्र में ही अपने करियर की शुरुआत कर दी थी.