गुरुग्राम, 20 जनवरी। हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी, गुरुग्राम (हरेरा) की शिकायत निवारण प्रणाली हाईटैक और डिजीटल होने जा रही है। इसके लिए हरेरा गुरूग्राम ने आज ज्यूपिटिस जस्टिस टैक्नोलॉजिज प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं । यह कार्यक्रम गुरूग्राम के लोक निर्माण विश्राम गृह में आयोजित किया गया था। इस एमओयू के साथ ही हरियाणा का गुरूग्राम हरेरा पहला डिजीटल हरेरा कोर्ट बनने की दिशा में अग्रसर हो गया है। इससे सभी हितधारकों को अपने घर या कार्यालय में बैठे ही ऑनलाइन माध्यम से विवाद समाधान तंत्र की सुविधा उपलब्ध होगी।
इस एमओयू पर हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी गुरूग्राम के सचिव प्रताप सिंह ने चेयरमैन डा. के के खंडेलवाल व अथोरिटी के सदस्यों की उपस्थिति में हरेरा की ओर से हस्ताक्षर किए जबकि ज्यूपिटिस जस्टिस टेक्नोलॉजीज गुरूग्राम की ओर से कंपनी के संस्थापक व सीईओ रमन अग्रवाल की उपस्थिति में निदेशक सुश्री मानसी ने हस्ताक्षर किए। मीडिया प्रतिनिधियों को इस एमओयू से होने वाले फायदों के बारे में बताते हुए गुरूग्राम हरेरा के चेयरमैन डा. के के खंडेलवाल ने कहा कि तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का प्रयोग करते हुए कंपनी द्वारा एक विशेष डिजिटल हरेरा कोर्ट बनाई जाएगी ताकि लोगों को सरल, तेज, सुरक्षित और पारदर्शी तरीके से न्याय दिया जा सके। अभी इसे एक प्रयोग के तौर पर अपनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों की सुविधा को देखते हुए हरेरा द्वारा डिजिटल कोर्ट को बढ़ावा दिया जाएगा ताकि विवादों के समाधान के लिए प्रभावी तरीके से कार्यवाही की जा सके। इस सुविधा के साथ ही लोगों को एक ही मंच पर अपनी शिकायत दायर करने से लेकर निर्णय आने तक की सुविधा डिजीटल माध्यम से मिलेगी। यह पूर्ण रूप से ऑटोमैटिक प्रक्रिया होगी।
उन्होंने बताया कि कोविड-19 के चलते पिछले कुछ समय से डिजिटल प्रौद्योगिकी को लोग अपनाने लगे हैं। इसी कड़ी में गुरुग्राम हरेरा ने भी तकनीक का प्रयोग करते हुए उपभोक्ताओं के जीवन को जोखिम में डाले बिना उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान उपलब्ध करवाने के लिए तकनीक की मदद लेने की पहल की है। इस तकनीक को ज्यूपिटिस जस्टिस टैक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड ने विकसित किया है। जुपिटिस द्वारा डिजिटल हरेरा कोर्ट के रूप में एक संभावित समाधान पेश किया गया है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह डिजिटल कोर्ट गुरुग्राम हरेरा में प्राप्त होने वाली शिकायतों का निपटारा करने की दिशा में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा और अन्य राज्यों के लिए उदाहरण होगा।
उन्होंने कहा कि यह न केवल उपभोक्ताओं के लिए बल्कि हरेरा अधिकारियों के लिए भी फायदेमंद होगा क्योंकि विवाद के सभी पहलू डिजीटल रूप में पटल पर सामने होंगे। डा. खंडेलवाल ने कहा कि इस तकनीक के पूर्ण रूप से विकसित होने के बाद उपभोक्ताओं को अपने मामले की कार्यवाही के लिए हरेरा कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, वे अपने विवादों के संभावित हल कहीं से भी, कभी भी और किसी भी डिवाइस से आसानी से देख पाएंगे।
एक सवाल के जवाब में डा. खंडेलवाल ने बताया कि शिकायत पर बिल्डर या डैव्लपर की तरफ से जवाब आने के बाद अथोरिटी द्वारा एक महीने में फैसला सुनाया जा रहा है और लंबित मामलों का अगले तीन महीने में निपटारा करने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने बताया कि हरेरा गुरूग्राम द्वारा 14 हजार 801 मामलों का निपटारा किया गया है जबकि पूरे देश की रेरा अथोरिटियों में 82 हजार 750 शिकायतों का निपटारा हुआ है। इस हिसाब से देश की रेरा अथोरिटियों में निपटाए गए कुल मामलों के 20 प्रतिशत मामले अकेले गुरूग्राम हरेरा ने निपटाए हैं।
इस अवसर पर हरेरा के सदस्य विजय कुमार गोयल, एडजुकेटिंग ऑफिसर राजेन्द्र कुमार ,सचिव प्रताप सिंह सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।