कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिए जिला टास्कफोर्स की बैठक आयोजित, एडीसी ने की अध्यक्षता

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– एडीसी ने अस्पतालों को दी हिदायतें, कहा प्रशासन को ऑक्सीजन व बैड की सही जानकारी देते रहें
– माइल्ड संक्रमित को अस्पताल में दाखिल करने की आवश्यकता नहीं-सिविल सर्जन

गुरुग्राम, 05 जनवरी। जिला में कोरोना संक्रमण के बढते मामलों को गंभीरता से लेते हुए आज अतिरिक्त उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा की अध्यक्षता में कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर गठित जिला टास्कफोर्स कमेटी की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में सरकारी व निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियांे ने भाग लिया। बैठक मंे सिविल सर्जन डा. विरेंद्र यादव भी उपस्थित रहे। इस बैठक में कोरोना संक्रमण की रोकथाम संबंधी कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई।

– ऑक्सीजन की उपलब्धता को लेकर अस्पताल सही जानकारी जिला प्रशासन को करवाएं उपलब्ध, जल्द ही भेजा जाएगा गुगल फार्म

बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए हम सभी को एक टीम की तरह काम करना है, इसलिए सभी संकट की इस घड़ी में एक-दूसरे का सहयोग करें। अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि हमारा प्रयास है कि जिलावासियों को अच्छी व बेहतर सुविधाएं मिले। इसके लिए कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान आई समस्याओं का भी बारिकी से अध्ययन किया गया है। उन्होंने कहा कि सभी अस्पतालों को ऑक्सीजन की उपलब्धता सहित अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं संबंधी गुगल फार्म भेजा जाएगा। इसमें अस्पताल जिला प्रशासन को सही जानकारी भरकर भेंजे ताकि जिला में ऑक्सीजन की वर्तमान स्थिति की जानकारी मिल सके और उसी अनुरूप एक्शन प्लान बनाया जाए। उन्होंने कहा कि इसमें कोई दोराय नही है कि कोरोना संक्रमण का नया वेरिएंट तेजी से फैल रहा है लेकिन हम सभी को एकजुटता से काम करना है। उन्होंने बैठक में 15 से 18 वर्ष आयुवर्ग के किशोरों के टीकाकरण अभियान में तेजी लाने के भी निर्देश दिए।

– कम लक्षणों वाले (माइल्ड) कोरोना संक्रमित मरीजों को भर्ती करने से बचें अस्पताल, ऐसा करने वालों पर की जाएगी कार्रवाई

सिविल सर्जन डा. विरेंद्र यादव ने कहा कि वर्तमान में कोरोना संक्रमण के ज्यादात्तर मामलों में मरीजों में हल्के लक्षण (माइल्ड) देखे जा रहे हैं। केवल एक या दो प्रतिशत मरीजों को ही अस्पताल मंे भर्ती करने की स्थिति उत्पन्न हो रही है। उन्होंने निजी अस्पतालों से आए प्रतिनिधियों से कहा कि वे हल्के लक्षण वाले मरीजों को अस्पताल में भर्ती ना करें और सरकार द्वारा निर्धारित गाईडलाईंस के अनुरूप ही मरीजों का ईलाज करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिला प्रशासन की टीम द्वारा फील्ड में जाकर निजी अस्पतालों का निरीक्षण भी करेगी और अनियमितता पाए जाने पर संबंधित अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ नियमानुसार कड़ी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि अस्पतालों को अपने यहां सिटीजन चार्टर लगाना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि जिला में कोरोना संक्रमण के ज्यादात्तर मरीज घर रहकर ही ठीक हो रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा होम आइसोलेशन की अवधि को भी घटाकर 7 दिन कर दिया गया है। हल्के लक्षण वाले मरीज 7 दिन बाद होम आइसोलेशन समाप्त कर सकते हैं।

– किशोरो के शत्-प्रतिशत टीकाकरण का 10 जनवरी तक लक्ष्य निर्धारित, स्कूल प्रबंधन से तालमेल स्थापित करते हुए लगाएं शिविर

बैठक में 15 से 18 वर्ष आयु वर्ग के किशोरों के लिए चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान की भी समीक्षा की गई। टीकाकरण के नोडल अधिकारी एवं उप सिविल सर्जन डा. एमपी सिंह ने बैठक में उपस्थित सरकारी अस्पताल तथा स्वास्थ्य केंद्रों से आए प्रतिनिधियों से कहा कि वे निजी व सरकारी स्कूलों से संपर्क करते हुए किशोरो का डाटा एकत्रित करें और टीकाकरण शिविर लगाना सुनिश्चित करें। बैठक में उपस्थित जिला शिक्षा अधिकारी इंदू बोकन ने बताया कि जिला में सरकारी स्कूलों में लगभग 41 हजार तथा निजी विद्यालयों में लगभग 70 हजार किशोर हैं जिनका टीकाकरण किया जाना है। सिविल सर्जन ने कहा कि स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्सा अधिकारी विद्यालयों से तालमेल स्थापित करते हुए टीकाकरण शिविर का शैड्यूल तैयार कर कैंप लगाना सुनिश्चित करें। हमारा लक्ष्य है कि 10 जनवरी तक 15 से 18 वर्ष आयुवर्ग के सभी किशोरों का शत्-प्रतिशत टीकाकरण हो जाए। इसके अलावा, यह भी सुनिश्चित करें कि उनके यहां तैनात स्टाफ को कोरोना वैक्सीन की दोनो डोज लग चुकी हों।

– वरिष्ठ नागरिको से बूस्टर डोज के लिए कोविन पोर्टल पर रजिस्टेªशन करने की सिविल सर्जन ने की अपील, बीमारी का सर्टिफिकेट लेकर पहुंचे टीकाकरण केंद्र

सिविल सर्जन ने कहा कि 10 जनवरी से जिला में हैल्थ केयर वर्कर, फ्रंट लाईन वर्कर सहित 60 साल से अधिक आयु के गंभीर बीमारी से ग्रस्त वरिष्ठ नागरिकों को बूस्टर डोज लगाने का कार्य शुरू किया जा रहा है। यह बूस्टर डोज उन वरिष्ठ नागरिकों को लगाई जाएगी जो या तो गंभीर बिमारियों से पीड़ित हैं या फिर उन्हें दूसरी डोज लगे हुए 9 महीने अर्थात् 39 सप्ताह हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि 10 जनवरी के बाद जिला में ऐसे लगभग 40 हजार लोग बूस्टर डोज लगवाने के लिए पात्र हो जाएंगे। उन्होंने इस श्रेणी मंे आने वाले वरिष्ठ नागरिकों से अपील की है कि वे बूस्टर डोज लगवाने के लिए कोविन पोर्टल पर जल्द से जल्द रजिस्टेªशन करें ताकि उन्हें अनावश्यक रूप से इंतजार ना करना पड़ें। कोमोर्बिड अर्थात् गंभीर बिमारियों से ग्रस्त वरिष्ठ नागरिक अपने साथ उन बिमारियों से ग्रस्त होने संबंधी प्रमाण भी टीकाकरण केंद्र पर लेकर आएं।

– कोविड अनुकूल व्यवहार की उल्लंघना करने पर होगी कार्रवाई, लगाए गए इंसीडेंट कमांडर

सिविल सर्जन ने कहा कि जिला में कोविड अनुकूल व्यवहार की उल्लंघना करने वालों से भी सख्ती से निपटा जाएगा। वीरवार से जिला प्रशासन की टीम द्वारा लगाए गए इंसीडेंट कमांडर फील्ड में जाकर सरकारी व निजी संस्थानों का निरीक्षण करेंगे। सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर जारी दिशा-निर्देशो की अवहेलना पाए जाने पर जुर्माना लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी निजी व सरकारी संस्थानों मंे कार्यरत स्टाफ का संपूर्ण टीकाकरण होना अनिवार्य है।

– एस3 पोर्टल पर रोजाना बैड की उपलब्धता सहित अन्य जानकारी अपलोड करनी अनिवार्य

बैठक में उप सिविल सर्जन डा. जयप्रकाश ने बताया कि जिला के सभी अस्पतालों को रोजाना एस3 पोर्टल पर उनके यहां उपलब्ध बैड की जानकारी, मरीजों का विवरण तथा लॉजिस्टिक्स आदि संबंधी विवरण अपलोड करना अनिवार्य है। ऐसे सभी अस्पताल, जिनमें बैड की संख्या 50 से अधिक है, को रोजाना पोर्टल पर उपरोक्त वर्णित जानकारी अपडेट करनी होगी अन्यथा उनका नाम कोविड अस्पताल की सूची से हटा दिया जाएगा और कार्रवाई भी होगी।

इस अवसर पर सिविल सर्जन डा. विरेंद्र यादव, टीकाकरण अभियान के नोडल अधिकारी एवं उप सिविल सर्जन डा. एम पी सिंह तथा डा. जयप्रकाश सिंह उपस्थित थे।

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