– तीन दिवसीय महोत्सव स्वतंत्रता सेनानी जिला परिषद हॉल परिसर में किया जा रहा है आयोजित
– गुरुग्राम के विधायक सुधीर सिंगला ने किया महोत्सव का शुभारंभ
– विधायक ने तीन दिवसीय महोत्सव में लगाई गई प्रदर्शनी का रिबन काटकर किया शुभारंभ
– आजादी के अमृत महोत्सव के तहत लगायी गयी प्रदर्शनी में विधायक ने दिखाई रुचि
गुरुग्राम, 12 दिसंबर। महाभारत काल के गुरु द्रोणाचार्य की कर्मस्थली रहे गुरुग्राम में आज से तीन दिन तक धर्म , संस्कार और संस्कृति का समागम रहेगा । यह समागम अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती के जिला स्तरीय गीता जयंती महोत्सव- 2021 में हो रहा है, जो स्वतंत्रता सेनानी जिला परिषद भवन (जॉन हॉल ) में आयोजित किया जा रहा है। इस समारोह के शुभारंभ अवसर पर आज गुरुग्राम के विधायक सुधीर सिंगला ने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की।
आज गुरुग्राम में जिलास्तरीय गीता महोत्सव का शुभारम्भ गुड़गांव के विधायक ने प्रदर्शनी का रिबन काटकर शुभारंभ किया व प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस अवसर पर गुरुग्राम के अतिरिक्त उपायुक्त विष्णु कुमार मीणा, नगराधीश सिद्धार्थ दहिया, सूचना जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के संयुक्त निदेशक एनसीआर रणबीर सिंह सांगवान, भाजपा के किसान मोर्चा के उपाध्यक्ष अधिवक्ता अतर सिंह संधू भी उपस्थित थे।
विधायक ने महोत्सव में लगाई गई प्रत्येक स्टॉल पर जाकर उनके बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने मुख्य रूप से आजादी के अमृत महोत्सव के तहत लगाई गई प्रदर्शनी में रुचि दिखाते हुए इसके बारे में जानकारी प्राप्त की।
गीता महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए गुड़गांव के विधायक सुधीर सिंगला ने जिला प्रशासन द्वारा गीता महोत्सव के सफल आयोजन के लिए अधिकारियों को बधाई दी। विधायक ने कहा कि गीता जयंती महोत्सव पूरे प्रदेश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। गीता अधर्म पर धर्म की विजय का संदेश देती है । उन्होंने कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का संदेश देते हुए उनका जीवन की वास्तविकता से परिचय करवाया । उन्होंने कहा कि गीता व्यक्ति को जीवन जीने की कला सिखाती है। कर्म पर व्यक्ति का अधिकार है, जीवन में जो क्रिया हम करते हैं उसका फल हमें निश्चित तौर पर ही भोगना पड़ता है। उन्होंने महाभारत का वृतांत सुनाते हुए कहा कि जब भीष्म पितामह बाणों की शैया पर लेटे हुए थे ,उनके शरीर मे बाणो वाले स्थान से खून बह रहा था, और उस वक्त जब भगवान श्री कृष्ण भीष्म उनसे मिलने आए तब उन्होंने भगवान श्री कृष्ण से पूछा कि आखिर उन्होंने क्या पाप किया था जिसकी सजा उन्हें मिली ।
इस पर भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें कहा कि आप स्वयं शक्तियों का प्रयोग करते हुए देखें कि आपने ऐसा क्या कर्म किया था। तब भीष्म पितामह ने पाया कि एक बार जब भीष्म पितामह अपनी फौज के साथ जा रहे थे तो रास्ते में उन्हें एक सांप मिला था जिस पर सैनिकों ने उन से पूछा कि रास्ते में एक सांप है, इसका क्या करना चाहिए। इस पर भीष्म ने उस सांप को लकड़ी से बांधकर झाड़ियों में फ़िकवाने के निर्देश दिए थे जिससे लहूलुहान होकर वह सांप 6- 7 दिन में मर गया।
इस पर भीष्म ने कहा कि उन्होंने तो उस सांप की रक्षा के लिए कर्म किया था जिस पर भगवान श्री कृष्ण ने कहा कि क्रिया तो आप ने की थी और आपकी क्रिया से उस सांप की मृत्यु हुई । भले ही वह क्रिया आप ने जानबूझकर ना की हो। गीता हमें कर्म की प्रधानता बताने वाला पवित्र ग्रंथ है, इसलिए हमें अपने जीवन में कर्म को महत्व देना चाहिए। उन्होंने उपस्थित दर्शकों से भी अपील करते हुए कहा कि वे अपने स्तर पर भी गीता जयंती महोत्सव की जानकारी जन जन तक पहुंचाने का प्रयास करें ताकि लोग गीता को समझे और इसे अपने आचरण में शामिल करें।
गीता महोत्सव में आए सभी अतिथियों का स्वागत अतिरिक्त उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने किया। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि गीता जयंती महोत्सव ज्ञान वृद्धि का स्त्रोत है। उन्होंने कहा कि गीता जयंती महोत्सव में विभिन्न विभागों तथा आजादी के अमृत महोत्सव के तहत प्रदर्शनी लगाई गई है जिससे लोग बहुत कुछ सीख सकते हैं और सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने गीता के महत्व के बारे में बताते हुए इन तीन दिनों तक गीता महोत्सव में होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा की जानकारी दी। उन्होंने आम जन से भी अपील करते हुए कहा कि वे तीन दिवसीय इस गीता महोत्सव में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर इसे सफल बनाएं।
महोत्सव में निरंकारी कॉलेज सोहना की प्रोफेसर लिपिका आर्य ने गीता के महत्व के बारे में जानकारी देते हुए ‘गीता में आत्म प्रबंधन’ विषय पर अपने विचार रखे। उन्होंने अपने वक्तव्य में गीता को जीवन के आचरण में उतारने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से व्यक्ति को अपनी महत्वाकांक्षाओं को नियंत्रित करते हुए चिंतन करने संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी दी।
आजादी की 75 वीं वर्षगांठ के उपलक्ष में मनाये जा रहे आजादी के अमृत महोत्सव पर आधारित विषय पर अपने विचार रखते हुए स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी समिति के अध्यक्ष कपूर सिंह दलाल ने सन 1857 की क्रांति से लेकर आजादी तक के इतिहास को लेकर अपने विचार रखें। उन्होंने आजाद हिंद फौज के गठन तथा सुभाष चंद्र बोस की आजादी की लड़ाई में भूमिका को भी अपने वक्तव्य से उजागर किया।
संस्कृत के सेवानिवृत्त लेक्चरर लीलाधर जोशी ने गीता को अपने शब्दों में परिभाषित करते हुए कहा कि श्रीमद भगवद गीता एक ऐसा ग्रंथ है जो सार्वभौमिक है। गीता किसी एक धर्म विशेष की पुस्तक नहीं वरन यह तो सभी मनुष्यों को जीवन जीने की कला सिखाती है। उन्होंने कहा कि धर्म, काम व मोक्ष के मामले में जो भी अर्थ है वो सब गीता में निहित है। गीता संसार की सभी पुस्तकों का निचोड़ है। गीता एक एक मात्र ऐसा ग्रंथ है जिसमे स्वयं भगवान गुरु की भूमिका में है।
आज आयोजित कार्यक्रम में राज्य के संस्कृति मॉडल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं द्वारा भगवान श्रीकृष्ण के जीवन पर आधारित लाइट एंड साउंड की आकर्षक प्रस्तुति की गई।
इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा, नगराधीश सिद्धार्थ दहिया, अतर सिंह संधू, लैक्चरर लोकेश शर्मा सहित कई विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे