राज्य सभा में सांसद रूपा गांगुली जबकि लोकसभा में ज्योत्सना चरनदास ने सेन्ट्रल स्कूल में एम पी कोटे की संख्या बढ़ाने की मांग की

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सुभाष चौधरी 

नई दिल्ली :  देश के लोकसभा एवं राज्यसभा के सांसद केंद्रीय विद्यालयों में बच्चों के एडमिशन कराने के सांसद कोटे की संख्या बढ़ाना चाहते हैं। यह मांग आज सभापति की अनुमति से उठाए जाने वाले मुद्दे के तहत राज्यसभा में महिला सांसद रूपा गांगुली ने केंद्र सरकार से की जबकि लोकसभा में भी यह मुद्दा आज ही कांग्रेस पार्टी की छत्तीसगढ़ से  महिला सांसद ज्योत्स्ना चरणदास महंत  द्वारा ही उठाया गया। रूपा गांगुली ने सेंट्रल स्कूल में एम पी कोटा की संख्या उनके क्षेत्र और जनसंख्या के अनुपात में बढ़ाने की मांग की जबकि लोकसभा में कांग्रेस  सांसद ने इसे 10 बच्चों से बढ़ाकर 50 करने की मांग की।

राजसभा सांसद रूपा गांगुली ने आज उच्च सदन में सभापति की अनुमति से उठाए जाने वाले मुद्दे में देश के केंद्रीय विद्यालयों के विभिन्न वर्गों में एडमिशन कराने के लिए सभी सांसदों को प्रति वर्ष दिए गए कोटे का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था देश के गरीब और निम्न मध्यम वर्ग के  उन परिवारों के बच्चों की जिंदगी बदलने में सहायक साबित हो रही है जो बड़े स्कूलों में पढ़ाने की स्थिति में नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे दबे कुचले ऐसे गरीब परिवारों के बच्चों को केंद्रीय विद्यालयों में पढ़ने का मौका मिलता है जो अपने बच्चों को भी आर्थिक रूप से समृद्ध परिवारों के बच्चों की तरह ही उच्च शिक्षा में आगे बढ़ाना चाहते हैं।

गांगुली ने कहा कि वे किसी भी बड़े विश्वविद्यालय या अन्य बड़े कॉलेज में किसी प्रकार के कोटे का समर्थन नहीं करती हैं लेकिन प्राथमिक शिक्षा की दृष्टि से केंद्रीय विद्यालयों में सांसदों के कोटे को और बढ़ाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में सांसदों के पास केवल 10 बच्चों के एडमिशन कराने का प्रावधान है लेकिन पूरे देश से लोगों का आवेदन सांसदों के पास आता है.

उन्होंने कहा कि लोकसभा सांसदों को उनके अपने संसदीय क्षेत्र के ऐसे गरीब परिवारों के बच्चों को मौका देना होता है जबकि राज्यसभा के सांसदों के पास पूरे देश से इस प्रकार के आवेदन आते हैं। केंद्र सरकार की ओर से निर्धारित एमपी कोटे में केवल 10 बच्चे के नामांकन कराने की व्यवस्था बहुत कम है इसलिए इसे बढ़ाने की आवश्यकता है।

रूपा गांगुली ने कहा कि इस कोटे की संख्या को संसदीय क्षेत्र की जनसंख्या एवं उसके क्षेत्रफल के अनुपात में बढ़ाई जाए।

राज्य सभा में सांसद रूपा गांगुली जबकि लोकसभा में ज्योत्सना चरनदास ने सेन्ट्रल स्कूल में एम पी कोटे की संख्या बढ़ाने की मांग की 2दूसरी तरफ इसी विषय को निम्न सदन लोकसभा में भी कांग्रेस पार्टी की महिला सांसद  ज्योत्सना चरनदास महंत ने अर्जेंट पब्लिक मैटर के तहत उठाया .  ज्योत्सना चरनदास महंत छत्तीसगढ़ के कोरबा संसदीय क्षेत्र का प्रातिनिधित्व करती है . उन्होंने सरकार से सेंट्रल स्कूल में एडमिशन के लिए एम पी कोटे की संख्या 10 से बढ़ाकर 50 करने की मांग की. उनका भी कहना था कि इस कोटे के माध्यम से क्षेत्र के गरीब परिवारों के बच्चों को केंद्रीय विद्यालयों में एडमिशन कराने में मदद मिलती है. उनका तर्क था कि प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में कम से कम 8 विधान सभा क्षेत्र होते हैं. यह कोटा गरीब परिवारों के बच्चों को अच्छी शिक्षा निशुल्क उपलब्ध करवाने में मददगार साबित हो रहा है.  लेकिन ऐसे गरीब परिवारों के बच्चों का एडमिशन करवाने के लिए एम् पी कोटा में बच्चों की संख्या और बढ़ाने की जरूरत है.

उन्होंने सदन को बताया कि इस मामले पर उनके द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा गया था . उन्होंने इस्क्सा जवाब भी दिया है. उन्होंने कहा कि मंत्री के कोटे को बहाल किया जाए या एम् पी कोटे पर सरकार को पुनर्विचार करने की आवश्यकता है. महिला सांसद ज्योत्सना चरणदास महंत ने कहा कि सरकार को कम से कम सभी सांसदों को सेंट्रल स्कूल में 50 बच्चों के एडमिशन की सिफारिश करने का अधिकार देना चाहिए।

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