गुरूग्राम, 07 दिसंबर। गीता एक सांस्कृतिक व अदभूत धरोहर है, ऐसे में जरूरी है कि इसमें निहित संदेश को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जाए। गीता को लेकर जन मानस में चेतना होना जरूरी है और अग्रहायण माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी, जिस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने हरियाणा की धरती से संपूर्ण मानवता को गीता का दिव्य संदेश दिया था, उस दिन को प्रदेशवासी अपने अन्य तीज-त्यौहारों की तरह से मनाएं।
यह बात मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डा. अमित अग्रवाल ने कही है। वे आज वीडियो कॉन्फें्रसिंग के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के तहत प्रदेश के प्रत्येक जिला में 12 से 14 दिसंबर तक मनाए जा रहे गीता जयंती महोत्सव की तैयारियों की उपायुक्तों के साथ समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। वीडियांे कॉन्फें्रसिंग बैठक में राज्यपाल के सचिव तथा अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के नोडल अधिकारी विजय दहिया भी ऑनलाइन जुड़े थे। गुरूग्राम में इस बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा, नगराधीश सिद्धार्थ दहिया तथा सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के संयुक्त निदेशक एनसीआर रणबीर सिंह सांगवान ने भाग लिया।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए डा. अमित अग्रवाल ने कहा कि इस बार गीता जयंती महोत्सव का थीम आजादी की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे अमृत महोत्सव को रखा गया है। उन्होंने कहा कि गीता जयंती महोत्सव को आमजन से जोड़ने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए ताकि लोग इसे केवल सरकार का कार्यक्रम ना समझे बल्कि इसे अपना कार्यक्रम मानते हुए गर्व महसूस करें। उन्होंने कहा कि गीता महोत्सव को लेकर जनमानस में जागरूकता होनी अत्यंत आवश्यक है ताकि लोग स्वयं गीता के महत्व को समझे और इससे अपने आप को जोड़ पाएं। उन्होंने कहा कि इस आयोजन का मूल उद्देश्य अधिक से अधिक लोगो तक गीता के महत्व को पहुंचाना है। गीता एक अदभूत सांस्कृतिक धरोहर है, इसलिए जरूरी है कि आमजन इसके महत्व को समझें । उन्होंने अधिकारियों को गीता जयंती महोत्सव एक त्यौहार के रूप में आयोजित करने के निर्देश दिए।
कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि गीता जयंती महोत्सव के तीन दिवसीय आयोजन के दौरान 6 अलग-अलग तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उच्चतर शिक्षण संस्थानों द्वारा इस दौरान गीता पर आधारित सेमीनार का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा स्कूली विद्यार्थियों के लिए निर्धारित थीम पर पेंटिंग, भाषण तथा श्लोक उच्चारण प्रतियोगिता सहित विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी। इसके अलावा, आयोजन स्थल पर आज़ादी के अमृत महोत्सव पर फ़ोकस करते हुए विभिन्न विभागों द्वारा सरकार की जन कल्याणकारी नीतियों पर तैयार की गई प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। प्रदर्शनी मंे सन् 1857 की क्रांति के दौरान स्वतंत्रता सेनानियों तथा गुमनाम नायकों पर आधारित स्टॉल आकर्षण का केंद्र होगी। इस दौरान तीन दिनों तक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए जाएंगे। उन्होंने बैठक में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन संबंधी आवश्यक दिशा निर्देश दिए। गीता जयंती महोत्सव में 14 दिसंबर को नगर शोभा यात्रा निकाली जाएगी।
बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने गीता जयंती महोत्सव को लेकर जिला में चल रही तैयारियों की जानकारी डा. अग्रवाल को दी। उन्होंने बताया कि जिला में गीता जयंती महोत्सव के भव्य आयोजन को लेकर संबंधित अधिकारियों व धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि गुरूग्राम में गीता जयंती महोत्सव सिविल लाइंज़ स्थित स्वतंत्रता सेनानी जिला परिषद हॉल परिसर में मनाया जाएगा। इसके अलावा, जिला में 6 से 8 दिसंबर तक स्कूली विद्यार्थियों के लिए निर्धारित थीम पर प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं। डा. अग्रवाल ने गुरूग्राम में गीता जयंती महोत्सव को लेकर चल रही तैयारियों पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि गुरूग्राम एक आईकन सिटी है। ऐसे में गुरूग्राम जिला प्रशासन से अपेक्षाएं भी अधिक हैं। उन्होंने अतिरिक्त उपायुक्त से कहा कि वे गीता जयंती महोत्सव का प्रभावी ढंग से प्रचार-प्रसार करवाने के साथ-साथ जनमानस में चेतना लाने की दिशा मंे प्रयास करें ताकि गीता के संदेश को लोगों के बीच पहुंचाया जा सके।