नई दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली के स्कूल व कॉलेज में पढ़ने वाले लगभग 5 लाख बच्चे विभिन्न प्रकार की नशाखोरी के आदी हो चुके हैं. इनमें ड्रग सेवन से लेकर इंजेक्शन लगाने तक का नशा शामिल है। सर्वाधिक नशा करने वाले बच्चों की संख्या की दृष्टि से राजधानी दिल्ली देश के पहले पांच राज्यों में शामिल है।
इस बात का खुलासा मंगलवार को लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी के पश्चिमी दिल्ली से सांसद परवेश साहिब सिंह वर्मा के सवाल पर हुआ। उल्लेखनीय है कि प्रवेश वर्मा ने केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण मंत्री से दिल्ली में नशा मुक्ति के लिए केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी मांगी. उन्होंने अपने सवाल में दिल्ली सरकार की ओर से भी इस मामले में उठाए जाने वाले कदमों का ब्यौरा मांगा। पश्चिमी दिल्ली सांसद ने चिंता व्यक्त करते हुए सदन को बताया कि दिल्ली सरकार जल्द ही 824 शराब के ठेके खोलने जा रही है जो दिल्ली के लोगों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. उन्होंने कहा कि दिल्ली के स्कूलों में एडमिशन कराने जाने वाले अभिभावक संबंधित स्कूल में ड्रग्स के चलन का प्रतिशत जानकर ही अपने बच्चों का दाखिला करवाते हैं।
सांसद प्रवेश वर्मा के सवाल के जवाब में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार ने चौंकाने वाला खुलासा किया। उन्होंने लोकसभा को बताया कि दिल्ली सहित देश के 272 जिले में ड्रग एवं अन्य प्रकार की नशाखोरी का चलन लगातार बढ़ रहा है। इन जिले में नशा मुक्ति अभियान चलाया जा रहा है . आने वाले समय में देश के अन्य 100 जिले को भी संवेदनशील घोषित किया जाएगा जहां केंद्र सरकार नशा मुक्ति अभियान अलग-अलग माध्यम से चलाएगी.
डॉ वीरेंद्र ने सदन को बताया कि वर्ष 2018 से पहले देश में इस मामले में कोई सर्वे नहीं किया गया था। नरेंद्र मोदी सरकार के गठन के बाद वर्ष 2019 में देश में स्कूल एवं कॉलेजों में पढ़ने वाले बच्चों के नशाखोरी की जद में आने के संबंध में एक विस्तृत सर्वे कराया गया।
डॉ वीरेंद्र कुमार ने कहा कि उक्त सर्वे के अनुसार दिल्ली में 10 से 17 वर्ष के 493600 बच्चे नशे के आदी हो चुके हैं। दिल्ली उन पांच राज्यों में शामिल है जहां सर्वाधिक बच्चे नशाखोरी करते हैं। स्कूल एवं कॉलेज के बच्चों द्वारा नशीली दवाओं के सेवन के मामले में उन्होंने बताया कि ड्रग सेवन करने का राष्ट्रीय औसत 1% है जबकि दिल्ली में यह 4% है. इसी तरह इंजेक्शन से नशा करने का राष्ट्रीय औसत 1.1% है जबकि दिल्ली में यह 8% है।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि दिल्ली में 25% लोग शराब पर निर्भर हैं, 4% लोग ड्रग का सेवन करते हैं जबकि एक लाख से अधिक लोग इंजेक्शन के माध्यम से नशाखोरी करते हैं।
अपना पूरक प्रश्न पूछने के क्रम में सांसद प्रवेश वर्मा ने कहा कि दिल्ली में भी पार्टी ड्रग्स का चलन जोरों पर है. चाहे वह बॉलीवुड स्टार्स हों, बॉलीवुड स्टार्स के बच्चे हो या फिर भिखारी परिवारों के बच्चे बड़े पैमाने पर ड्रग एवं अन्य नशा का सेवन कर रहे हैं. इस मामले में दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार कोई खास कदम नहीं उठा रही है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में एलएसडी, एमडीएम, जीएचबी और मेफीड्रोन जैसे कई नामों से ड्रग की आपूर्ति हो रही है और बड़े पैमाने पर बच्चे इसकी जद में आ रहे हैं।
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण मंत्री ने सांसद प्रवेश वर्मा के सवाल पर सदन को अवगत कराया कि नशा मुक्ति अभियान के तहत केंद्र सरकार ने अब तक राज्य सरकारों की मदद से देश में 1.25 करोड़ युवाओं को इस अभियान से जोड़ा है . उन्होंने कहा कि नशा मुक्ति अभियान में स्कूल एवं कॉलेजों के 27 लाख बच्चों को जागरूक करने का अभियान चलाया गया है. उनके अनुसार इस अभियान में अब तक देश के 27 हजार शिक्षण संस्थान शामिल हुए हैं।