वित्त वर्ष 2021-22 में औद्योगिक वृद्धि व सेवा क्षेत्र में मजबूती के संकेत

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Economic Year 2021-22

Economic Year 2021-22नई दिल्ली :   सितंबर, 2021 के लिए औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के जारी त्वरित अनुमान औद्योगिक उत्पादन में निरंतर वृद्धि को दर्शाता है। वित्त वर्ष 2021-22 में आईआईपी, पहली तिमाही में औसतन 121.3 से बढ़कर दूसरी तिमाही में 130.2 हो गया है। दूसरी तिमाही में भी आईआईपी अभी भी अधिक होता किन्तु भारी मानसून के कारण खनन गतिविधियों विशेष रूप से कोयले के खनन में हुई कमी और फलस्वरूप बिजली उत्पादन में सामने आई बाधाओं के कारण समग्र उत्पादन सूचकांक में वृद्धि प्रभावित रही है।

आईआईपी में विनिर्माण सूचकांक स्थिर रहा है और अक्टूबर, 2021 में विनिर्माण के लिए खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) के आठ माह के उच्च स्तर 55.9 तक पहुंचने के बाद आगामी महीनों में इसमें वृद्धि की संभावना है।

वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही के 74.0 के औसत से दूसरी तिमाही में 91.7 तक पूंजीगत सामान सूचकांक में हुई त्वरित वृद्धि निवेश में एक महत्वपूर्ण सुधार को रेखांकित करती है।

वित्त वर्ष 2021-22 में खपत में हुई वृद्धि से निवेश के बढ़ने के स्पष्ट संकेत हैं क्योंकि उपभोक्ता टिकाऊ सूचकांक पहली तिमाही में 91.7 से बढ़कर दूसरी तिमाही में 121.2 हो गया, जबकि उपभोक्ता गैर-टिकाऊ सूचकांक भी दो तिमाहियों में 139.1 से बढ़कर 146.9 हो गया।

अक्टूबर 2021 के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के जारी आंकड़ों से जानकारी मिलती है कि वार्षिक उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति में गिरावट अब धीरे-धीरे वित्त वर्ष 2021-22 में कम हो गई है। वार्षिक सीपीआई मुद्रास्फीति पहली तिमाही में 5.6 प्रतिशत से घटकर दूसरी तिमाही में 5.1 प्रतिशत हो गई है और वित्त वर्ष 2021-22 के अक्टूबर में यह 4.5 प्रतिशत  पर रहते हुए अभी भी कम बनी हुई है।

इसी तरह, उपभोक्ता खाद्य मूल्य मुद्रास्फीति (सीएफपीआई) वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में 4.0 प्रतिशत से घटकर दूसरी तिमाही में 2.6 प्रतिशत और अक्टूबर में 0.8 प्रतिशत हो गई है, यह दर्शाता है कि खाद्य वितरण के आपूर्ति पक्ष में व्यवधान काफी कम हो गया है। Economic Year 2021-22 Economic Year 2021-22 Economic Year 2021-22Economic Year 2021-22 

ई-वे बिल, बिजली की खपत और जीएसटी संग्रह जैसे कई उच्च आवृत्ति संकेतकों के नवीनतम स्तरों से परिलक्षित होता है कि वित्त वर्ष 2021-22 में गतिविधि के स्तर में निरंतर बढ़ोत्तरी हो रही है। वित्त वर्ष 2021-22 में जीएसटी संग्रह अक्टूबर, 2021 में 1.3 लाख करोड़ रुपये के अपने दूसरे उच्चतम मासिक संग्रह स्तर तक पहुँच गया, जो विकास पुनरुद्धार की मजबूती को दर्शाता है। अक्टूबर 2021 में ट्रैक्टर की बिक्री 1,15,615 इकाइयों के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई, जो सितंबर, 2021 की मात्रा की तुलना में 25% अधिक है, और यह कृषि क्षेत्र में निरंतर वृद्धि का संकेत है। Economic Year 2021-22 Economic Year 2021-22 Economic Year 2021-22 

पीएमआई सेवाएं अक्टूबर, 2021 में दशक के उच्च स्तर 58.4 पर पहुंच गई हैं, जो महामारी के बावजूद संपर्क-आधारित सेवा क्षेत्र में एक मजबूत वृद्धि का सुझाव देती हैं। विश्राम स्थलों में औसत होटल अध्यावास दर वित्त वर्ष 2021-22 की प्रथम तिमाही में लगभग 55 प्रतिशत से बढ़कर द्वीतीय में 60 प्रतिशत से अधिक होना सेवा क्षेत्र में बढ़ते आशावाद को दर्शाता है।

वित्त वर्ष 2021-22 के अक्टूबर में लगातार सातवें महीने निर्यात के मामले में भारत की अर्थव्यवस्था विकास के इंजन को तौर पर उभर रही है,  यह 30 अरब डॉलर के स्तर को पार कर गया है। संचयी आधार पर, अप्रैल-अक्टूबर में भारत का व्यापारिक निर्यात 232.58 बिलियन डॉलर रहा, जो 2019 में इसी अवधि की तुलना में 54.5% अधिक है।

वित्त वर्ष 2021-22 में अधिसूचित वाणिज्यिक बैंकों का बकाया ऋण लगातार बढ़ रहा है। विशेष रूप से अर्थव्यवस्था में खपत को मजबूत करने के लिए खुदरा ऋण उल्लेखनीय रूप से बढ़ रहा है। सीआईबीआईएल के अनुसार, 2021 के फरवरी और अक्टूबर के बीच आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने से इनक्वायरी वॉल्युम में 54 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

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