नई दिल्ली। केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार, 15 नवंबर, को वर्चुअल कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राज्यों के मुख्यमंत्रियों, उन राज्यों के वित्त मंत्रियों और केन्द्र – शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों के साथ बातचीत करेंगी।
भारत सरकार के संबंधित मंत्रालयों के सचिव, राज्यों के मुख्य सचिव और वित्त सचिव भी इस सम्मेलन में शामिल होंगे।
कोविड-19 महामारी के दौरान विकास की गति धीमी हो गई थी। हालांकि, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के बाद, अर्थव्यवस्था में फिर से तेजी आई है और उसके उबरने के सकारात्मक संकेत स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं। अर्थव्यवस्था के कई संकेतक अब महामारी से पहले के स्तर पर लौट आए हैं। आईएमएफ और विश्व बैंक के अनुमानों में भारत के जीडीपी में वृद्धि क्रमश: लगभग 9.5 प्रतिशत और 8.3 प्रतिशत रहने की उम्मीद की गई है, जोकि सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।
निवेशकों की धारणा भले ही अच्छी है, लेकिन पहले से तेजी पकड़ चुकी गति को भुनाने की जरूरत है। वित्त वर्ष 2021-22 के पहले चार महीनों में ही 64 बिलियन डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) हो चुका है। भारत सरकार (जीओआई) ने अपने केन्द्रीय बजट 2021-22 में प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित कर, बाधाओं को दूर कर और आवश्यक प्रोत्साहन प्रदान कर विदेशी पूंजी निवेश के प्रवाह को और बढ़ावा दिया है।
वित्त मंत्री राष्ट्र के लिए एक विकास के सहयोगात्मक दृष्टिकोण को अपनाने और देश में निवेश के माहौल को बढ़ावा देने पर केन्द्रित विचारों के खुले आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करना चाहती हैं। बातचीत की यह परिकल्पना एक नीतिगत संवाद और आवक निवेश-आधारित विकास के लिए एक सुविधाजनक वातावरण बनाने का प्रयास करेगी। यह बातचीत निवेश को बढ़ावा देने से संबंधित एक सक्रिय दृष्टिकोण, व्यवसाय करने में आसानी से जुड़े सुधारों द्वारा लाई गई दक्षताओं और शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के स्तर तक अनुमोदन एवं मंजूरी में तेजी लाने पर जोर देने में सक्षम होगी।
इस बातचीत के माध्यम से, विभिन्न राज्य निवेश के माहौल को बढ़ावा देने से संबंधित अपने विचारों और दृष्टिकोण को साझा कर सकते हैं ताकि भारत को सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनानेकी दिशा में अपनाए जाने वाले रास्तों के बारे में एक व्यापक सहमति बन सके।