नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्म दिवस पर अपने वीडियो संदेश में कहा है कि एक भारत, श्रेष्ठ भारत के लिए जीवन का हर पल जिसने समर्पित किया, ऐसे राष्ट्र नायक सरदार वल्लभ भाई पटेल को आज देश अपनी श्रद्धांजलि दे रहा है। सरदार पटेल जी सिर्फ इतिहास में ही नहीं हैं बल्कि हर देशवासी के हृदय में हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा है कि भारत सिर्फ एक भौगोलिक इकाई नहीं है बल्कि आदर्शों, संकल्पनाओं, सभ्यता-संस्कृति के उदार मानकों से परिपूर्ण राष्ट्र है।धरती के जिस भू-भाग पर हम 130 करोड़ से अधिक भारतीय रहते हैं, वो हमारी आत्मा का, हमारे सपनों का, हमारी आकांक्षाओं का अखंड हिस्सा है।
श्री मोदी ने कहा कि सरदार पटेल हमेशा चाहते थे कि, भारत सशक्त हो, समावेशी भी हो, संवेदनशील हो और सतर्क भी हो, विनम्र हो, विकसित भी हो।उन्होंने देशहित को हमेशा सर्वोपरि रखा।आज उनकी प्रेरणा से भारत, बाहरी और आंतरिक, हर प्रकार की चुनौतियों से निपटने में पूरी तरह से सक्षम हो रहा है।
आजादी के बाद देश को एक सूत्र में बांधने के प्रति सरदार बल्लभ भाई पटेल के योगदान की याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि आज़ाद भारत के निर्माण में सबका प्रयास जितना तब प्रासंगिक था, उससे कहीं अधिक आज़ादी के इस अमृतकाल में होने वाला है। आज़ादी का ये अमृतकाल, विकास की अभूतपूर्व गति का है, कठिन लक्ष्यों को हासिल करने का है। ये अमृतकाल सरदार साहब के सपनों के भारत के नवनिर्माण का है।
उन्होंने कहा कि सरदार साहब हमारे देश को एक शरीर के रूप में देखते थे, एक जीवंत इकाई के रूप में देखते थे। इसलिए, उनके ‘एक भारत’ का मतलब ये भी था, कि जिसमें हर किसी के लिए एक समान अवसर हों, एक समान सपने देखने का अधिकार हो।
पीएम मोदी ने कहा कि आज से कई दशक पहले, उस दौर में भी, उनके आंदोलनों की ताकत ये होती थी कि उनमें महिला-पुरुष, हर वर्ग, हर पंथ की सामूहिक ऊर्जा लगती थी। आज जब हम एक भारत की बात करते हैं तो उस एक भारत का स्वरूप क्या होना चाहिए? – एक ऐसा भारत जिसकी महिलाओं के पास एक से अवसर हों।
उन्होंने कहा कि सरकार के साथ-साथ समाज की गतिशक्ति भी जुड़ जाए तो, बड़े से बड़े संकल्पों की सिद्धि कठिन नहीं है। और इसलिए, आज ज़रूरी है कि जब भी हम कोई काम करें तो ये ज़रूर सोचें कि उसका हमारे व्यापक राष्ट्रीय लक्ष्यों पर क्या असर पड़ेगा।