सार्वजनिक स्थानों पर नमाज को पढ़ने का विरोध हुआ प्रबल : उपायुक्त से मिले संयुक्त हिन्दू संघर्ष समिति हरियाणा के प्रतिनिधि

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-उपायुक्त को ज्ञापन सौंप कर मामले पर शीघ्र कार्रवाई की मांग की
-कार्रवाई नहीं होने पर समूचे हरियाणा में बड़ा आन्दोलन करने की दी धमकी

गुरुग्राम :  गुरुग्राम शहर में गत दो माह से सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढ़ने का विरोध लगातार प्रबल होता जा रहा है. शहर में दो तीन स्थानों पर यह विवाद गहरा चुका है. इसी कड़ी में संयुक्त हिन्दू संघर्ष समिति हरियाणा के पांच सदस्यीय प्रतिनिधि मण्ङल ने आज जिला उपायुक्त से मुलाकात कर गत 4 अक्टूबर को दिये गये मांग पत्र पर त्वरित शासकीय कार्रवाई की मांग करते हुए केवल चिन्हित निजी और स्थाई जगहों पर ही नमाज पढ़ने की अनुमति देने की मांग की  ।

सार्वजनिक स्थानों पर नमाज को पढ़ने का विरोध हुआ प्रबल : उपायुक्त से मिले संयुक्त हिन्दू संघर्ष समिति हरियाणा के प्रतिनिधि 2
उल्लेखनीय है कि गत दो वर्ष पहले भी गुरुग्राम में सार्वजनिक स्थानों पर विना अनुमति के नमाज पढ़े जाने को लेकर जबरदस्त विरोध देखने को मिला था. उक्त घटना की गूंज राष्ट्रीय स्तर पर सुनी गई थी . प्रदेश सरकार को भी स्थिति सम्भालने के लिए सक्रीय होना पङा था. इसी प्रकार का विवाद एक बार फिर गुरुग्राम में देखने को मिलने लगा है. गुरुग्राम जैसे शहर में अब भी बड़े पैमाने पर सरकारी व निजी भूमि विभिन्न योजनाओं के लिए खाली पड़ी है. चिंता कि बात यह है कि उक्त भूमि पर विना अनुमति के बड़ी संख्या में लोग नमाज पढने को एकत्रित होने लगते हैं. संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति हरियाणा इस प्रकार की गतिविधियों का लगातार विरोध करती रही है. इस बार भी संघर्ष समिति की ओर से 4 अक्टूबर को सार्वजनिक स्थानों पर हो रही नमाज को बंद करवाने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री हरियाणा को जिला उपायुक्त गुरुग्राम के माध्यम से ज्ञापन सौंपा गया था ।

आज समिति के प्रदेश अध्यक्ष और लोकतंत्र सेनानी प्रसिद्ध समाजसेवी महावीर भारद्वाज के निर्देशन में इस मामले को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल जिसमें संस्था के संरक्षक रिटायर्ङ सेशन जज अनिल विमल , प्रदेश प्रवक्ता राजीव मित्तल, प्रदेश उपाध्यक्ष ब्रह्म प्रकाश कौशिक, प्रदेश कोष प्रमुख चेतन शर्मा ने दोबारा जिला उपायुक्त यश गर्ग से मुलाकात की.  समिति ने गत दिवस सौंपे गए ज्ञापन के सन्दर्भ में  शासन द्वारा अब तक की कार्रवाई की जानकारी मांगी।

जिला उपायुक्त द्वारा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा गत सप्ताह इस पर संज्ञान लिए जाने और चिन्हित जगहों पर ही नमाज पढ़ा जाना सुनिश्चित करने का आदेश देना बताया गया ।  समिति के पदाधिकारियों ने स्पष्ट किया कि निवर्तमान 18 जगह मस्जिद, मदरसा और वक्फ बोर्ड चिन्हित है.  संमिति ने मांग की कि बाकी अन्य जगह जो सार्वजनिक सरकारी , निगम, हुङ्ङा और बोर्ड की जगह है वहाँ पर निजी कब्जा, भय अथवा अन्य आय सम्बन्धी प्रयोजन से धर्म का सहारा लेकर किए जाने वाले किसी भी आयोजन को प्रतिबन्धित किया जाऐ।सार्वजनिक स्थानों पर नमाज को पढ़ने का विरोध हुआ प्रबल : उपायुक्त से मिले संयुक्त हिन्दू संघर्ष समिति हरियाणा के प्रतिनिधि 3

समिति के पदाधिकारियों ने यह भी उपायुक्त को जानकारी दी कि गत दो साल पहले समूचे जिला प्रशासन के साथ मुस्लिम एवं हिंदू संगठनों एवं विभिन्न राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं के साथ सर्व सम्मत निर्णय लिया गया था कि सार्वजनिक स्थानों का उपयोग किसी भी समुदाय अथवा धर्म के लोगों द्वारा नहीं किया जाएगा.  मुख्यमंत्री ने भी इस निर्णय का अनुमोदन किया था। इसमे सर्वधर्म, समरसता, सौहार्द एवं अमन शांति बनाए रखने के लिए अविलंब सार्वजनिक स्थानों पर हो रही नमाज पर प्रतिबंध लगाने के लिए कदम उठायें । समिति के हवाले से प्रदेश समेत अन्य प्रदेशों के इस सम्बन्ध में कानूनी फैसलों, शरीयत की आयतों और अन्य आधार प्रक्रियाओं की प्रति भी उपायुक्त को सौंपी गई।

जिला उपायुक्त कार्यालय के बाहर प्रिन्ट और इलैक्ट्रॉनिक मीडिया को सम्बोधित करते हुए समिति के अध्यक्ष महावीर भारद्वाज ने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर नमाज अता करके तनावपूर्ण माहौल बनाने तथा आम जनता के अधिकारों का हनन करने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती। दो वर्ष पूर्व भी रमजान के दौरान वैचारिक तौर पर जो 35-36 जगह शासन द्वारा एक माह हेतु निर्धारित की गई थी , गत और वर्तमान में केवल 18 जगह ऐसी व निजी है , जहां इस प्रक्रिया को किया जा सकता है। बाकी जो भी जगह सार्वजनिक है किसी को भी धर्म की आड़ में आय का हिस्सा या अन्य प्रयोजन को साकार करने का सपना देखना इस पर हर हाल में रोक लगनी आवश्यक है. उन्होंने कहा कि संयुक्त हिन्दू संघर्ष समिति हरियाणा इसका विरोध करती है और इसके लिए आवश्यक कार्यवाही करेगी।

समिति ने अविलम्ब जनहित में इस मुद्दे पर शासन स्तर पर पटापेक्ष किए जाने की मांग की है और सम्बन्धित पत्र की प्रति भी प्रेषित की है.

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