प्री-ओन्ड लग्जरी कार व्यावसाय में बॉयज एंड मशीन्स ने एक साल में ही जमाई अपनी धाक

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-भारतीय मार्केट में एसयूवी वाहनों की डिमांड हमेशा अधिक : सिद्दार्थ चतुर्वेदी

-मौसम, भौगोलिक परिस्थिति और व्यावसायिक रुझान पर निर्भर है लग्जरी कारों की मांग

-यूज्ड कार 50 लाख रु से 5 करोड़ रु तक की उपलब्ध

-बॉयज एंड मशीन्स, फेरारी, बेंटले, पोर्श, मर्सिडीज, ऑडी, लेम्बोर्गिनी और बीएमडब्ल्यू कारों में करती है डीलिंग

-वर्ष 2023 के अंत तक 100 करोड़ तक व्यावसाय पहुंचाने का लक्ष्य

सुभाष चौधरी 

गुरुग्राम : प्री-ओन्ड लग्जरी कार व्यावसाय की प्रमुख कंपनी बॉयज एंड मशीन्स के संस्थापक एवं मैनेजिंग डायरेक्टर सिद्दार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि कोरोना के कारण लोग भविष्य की चिंता करने के बजाय वर्तमान में जीने लगे हैं. सारी सुविधाओं का उपभोग करने की चाहत के कारण लोगों की लग्जरी आवश्यकताएं बेतहाशा बढ़ गई हैं. यही कारण है कि कोविड 19 लॉक डाउन खुलने के बाद से दुनिया में लग्जरी कारों की मांग काफी बढ़ गई. इसका असर भारतीय लग्जरी कार मार्केट में भी स्पष्ट देखने को मिला रहा है. भारतीय मार्केट में एसयूवी वाहनों की डिमांड हमेशा अधिक रहती है.

सिद्दार्थ चतुर्वेदी अपनी कंपनी बॉयज एंड मशीन्स के एक वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में गुरुग्राम में आयोजित एक प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे. पत्रकारों के सवाल पर उन्होंने स्पष्ट किया भारतीय मार्किट में ख़ास कार मर्सिडीज और टोयटा की एस यू वी की मांग हमेशा अधिक रहती है.

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मुंबई में एस यू वी और ई क्लास वाहन की डिमांड ज्यादा :

एक सवाल के जवाब में पुरानी लग्जरी कारों की दुनिया में पिछले एक वर्ष का अनुभव साझा करते हुए श्री चतुर्वेदी ने बताया कि प्रत्येक राज्य व क्षेत्र के मौसम, भौगोलिक परिस्थिति और लोगों के व्यावसायिक रुझान के अनुसार लग्जरी कारों की मांग अलग अलग होती है. उन्होंने कहा कि मुंबई में प्रति वर्ष भारी वर्षा होने के कारण बड़े पैमाने पर वाहन वाटर लोगिंग के शिकार होते हैं. इसलिए वहां आम तौर पर एस यू वी और ई क्लास वाहन की डिमांड ज्यादा रहती है.

देश के अलग अलग क्षेत्रों में ग्राहकों की डिमांड के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुम्बई में लम्बी गाड़ियों की पार्किंग की दिक्कत रहती है. इसलिए लोग ई क्लास वाहन लेना पसंद करते हैं. यही कारण है कि मुम्बई में  पूरे देश से अलग प्रकार की कारों की मांग हर साल रहती है.

उनका कहना था कि हैदराबाद में पिछले सालों में स्पोर्ट्स की संस्कृति काफी विकसित हुई है. लोगों का रुझान खेलों के प्रति काफी बढ़ा है. इसलिए दक्षिण भारत में स्पोर्ट्स कारों की मांग हमेशा ज्यादा रहती है. उन राज्यों के मौसम और सड़कें भी अपेक्षाकृत अच्छी हैं. इसलिए भी स्पोर्ट्स कार की बिक्री अधिक है.

 

उत्तर भारत में मिक्स्ड डिमांड : प्री-ओन्ड लग्जरी कार व्यावसाय में बॉयज एंड मशीन्स ने एक साल में ही जमाई अपनी धाक 3

 

उनके शब्दों में दिल्ली से उत्तर भारत के राज्य चंडीगढ़, यूपी और राजस्थान में स्पोर्ट्स, एस यू वी और एस क्लास कारें तीनों की मांग रहती है. बॉयज एंड मशीन्स के संस्थापक एवं मैनेजिंग डायरेक्टर सिद्दार्थ चतुर्वेदी ने कोलकाता के  मार्केट को अबूझ पहेली बताया. उनके अनुसार वर्तमान समय में वहां बड़ी व छोटी दोनों प्रकार की गाड़ियों की मांग देखने को मिल रही है.

एक सवाल के जवाब में उनका कहना था कि आरम्भ में उनकी कोशिश थी कोई ग्राहक वापस नहीं जाए. लेकिन सभी को संतुष्ट करना संभव नहीं है. उन्होंने बताया कि यूज्ड कार 50 लाख रु से 5 करोड़ रु तक की होती है. उनके पास 15 लाख से 5 करोड़ कीमत की कारें हैं. उनकी कोशिश है ग्राहकों की मांग के बीच की खाई को कम किया जाए. जब उनसे ग्राहकों के लिए किसी दिवाली ऑफर के होने का सवाल किया गया तो श्री चतुर्वेदी ने कहा कि उनके यहाँ कारों की कीमतें फिक्स हैं. कोई ऑफर नहीं है.

 

प्रतिस्पर्धा में कोई नहीं :

प्री-ओन्ड लग्जरी कार व्यावसाय में अन्य प्रतिस्पर्धी  कम्पनी के सवाल पर उन्होंने साफ़ किया कि भारत में इस क्षेत्र में काम करने वाली बॉयज एंड मशीन्स अकेली कंपनी है. व्यावसायिक चुनौतियों के सवाल पर उन्होंने कहा कि कोरोना काल में काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा. व्यवसाय बंद रहे और कर्मियों की सेलरी व अन्य खर्चे झेलने पड़े, यह बड़ा नुकसानदायक था .

कंपनी की एक्स्पेंसन योजना के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि उनकी कम्पनी व्यवसाय को विस्तार देने के लिए नई नियुक्तियां कर रही है. उनके अनुसार सरकार की नीतियों में नित नए बदलाव के कारण भी समस्याएं खड़ी होतीं हैं.

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बॉयज एंड मशीन्स का व्यावसाय :

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 में स्थापित बॉयज एंड मशीन्स, प्री-ओन्ड लग्जरी कारों में विशेषज्ञता वाली एक प्रमुख डीलरशिप कंपनी है.  COVID-19 महामारी के बीच ठीक एक साल पहले स्थापित, Boys and Machines का लक्ष्य मार्च 2022 तक 60-65 करोड़ जबकि वित्त वर्ष 2023 के अंत तक 100 करोड़ तक व्यावसाय पहुंचाने का लक्ष्य है. कंपनी के लिए पहला साल मील का पत्थर साबित हुआ क्योंकि इसने खुद को भारत में यूज्ड-कार के क्षेत्र में एक विश्वसनीय खिलाड़ी के रूप में स्थापित कर लिया ।

प्रेस वार्ता में मौजूद बॉयज एंड मशीन्स के सी ई ओ आकाश चतुर्वेदी ने कंपनी की भविष्य की योजनाओं को पीपीटी के माध्यम से विस्तार से रखा. उन्होंने बताया कि अब तक की उनकी सफलता प्री-ओन्ड कार व्यवसाय बनाने की उनकी प्रतिबद्धता, समर्पण और जुनून का प्रमाण है जो ग्राहक सेवा और अनुभव के लिए एक नया मानक स्थापित करता है।

उनके अनुसार बॉयज एंड मशीन्स, कंपनी ने अबतक लेम्बोर्गिनी हरिकेन इवो, एविओ, सी वी स्पेशल एडिशन जैसी दुर्लभ सुपरकार शामिल हैं, जिनमें से भारत में सिर्फ तीन और एशिया में 15 हैं। यह कंपनी की अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि रही है जो 2.89 करोड़ रुपये की कीमत पर बिकी. उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी ने पोर्श 911 कैरेरा, रोल्स रॉयस घोस्ट, जगुआर एक्सकेआर और हमर एच 3 जैसे अन्य दुर्लभ ऑटोमोटिव रत्नों की भी बिक्री की है. कंपनी के पोर्टफोलियो में फेरारी, बेंटले, पोर्श, मर्सिडीज, ऑडी, लेम्बोर्गिनी और बीएमडब्ल्यू जैसे कुछ सबसे अधिक मांग वाले ऑटोमोटिव ब्रांडों की कारें शामिल हैं।

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कम्पनी की विस्तार योजना :

आकाश चतुर्वेदी ने खुलासा किया कि बॉयज एंड मशीन्स की योजना पूरे भारत में अपनी उपस्थिति को आक्रामक अंदाज में दर्ज कराने की है. इसने अकेले पहले वर्ष में गुरुग्राम में अपने मजबूत आधार के अलावा चार शहरों में पैर जमा लिया और आने वाले वर्ष में तीन और शहरों – अहमदाबाद, इंदौर और चंडीगढ़ में भी डीलरशिप शुरू शुरू करने की योजना है। नए बाजारों में शोरूम के अलावा, कंपनी उन शहरों में भी वर्कशॉप खोलने की योजना बना रही है जहां वह पहले से मौजूद है ताकि ग्राहकों के लिए पुरानी लग्जरी कारों को खरीदना आसान हो सके.

 

 डिजिटल-पहला दृष्टिकोण :

कंपनी की शुरुआती सफलता की चाबियों में से एक और इसकी भविष्य की योजनाओं के लिए अनिवार्य इसका डिजिटल प्लेटफोर्म पर प्रमुखता से उपलब्ध होना है. आकाश चतुर्वेदी का मानना है कि जब लग्जरी कारों जैसी जुनूनी खरीदारी की बात आती है तो ग्राहक, ऑनलाइन  माध्यम से अच्छी तरह से रिसर्च करने के बाद ही खरीददारी करता है. उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी की इन्वेंट्री किसी के लिए भी, देश में कहीं भी, विश्लेषण के लिए उपलब्ध है.  शुरुआत से ही एक मजबूत डिजिटल उपस्थिति होने से न केवल बॉयज़ और मशीन्स को अपनी विश्वसनीयता जल्दी स्थापित करने में मदद मिली बल्कि कंपनी को एक ग्राहकों का बड़ा नेटवर्क भी मिला.

 

 

 

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