अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के पूर्व अध्यक्ष स्व. जगदेवराम उरांव के जीवन पर बनी चित्रपुस्तिका का विमोचन

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गुरुग्राम :  वनवासी कल्याण आश्रम हरियाणा की गुरुग्राम इकाई द्वारा आज अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के पूर्व अध्यक्ष दिवंगत जगदेवराम उरांव के जीवन पर प्रकाशित चित्रपुस्तिका का विमोचन आज गुरुग्राम में किया गया । इस अवसर पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि भी दी गई।

अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के पूर्व अध्यक्ष स्व. जगदेवराम उरांव के जीवन पर बनी चित्रपुस्तिका का विमोचन 2स्व जगदेवराम उरांव का निधन दिल का दौरा पड़ने से 15 जुलाई को आश्रम के मुख्यालय जशपुर नगर में हो गया था । वे 72 वर्ष के थे। आश्रम से 3 कि.मी दूरी पर स्थित कोमोड़ो गाँव के वे निवासी थे तथा दो वर्षों से पेफड़े एवं हृदय संबंधी रोगों से पीड़ित थे। 54 पृष्ठों की यह चित्रपुस्तिका उनके जीवन के सभी पहलुओं जिसमें उनके बाल्यकाल से लेकर उनके अंतिम दिनों पर चित्रों व संक्षिप्त लेखों के माध्यम से प्रकाश डालती है ।

सेक्टर 12 स्थित माधव भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बोधराज सीकरी, वाईस चेयरमैन, हरियाणा CSR ट्रस्ट/ EC मेम्बर, स्टेट भारतीय जनता पार्टी, हरियाणा रहे ।

चित्रपुस्तिका का विमोचन करने के उपरांत अपने संबोधन में श्री सिकरी ने कहा कि श्रीराम का नाम न केवल स्व जगदेवराम उरांव के नाम के साथ जुड़ा था बल्कि अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के वर्तमान अध्यक्ष रामचंन्द्र खराड़ी के नाम के साथ भी जुड़ा है। उन्होंने कहा कि जहाँ राम है वहां प्रकृति है, और जहाँ प्रकृति नहीं है वहां भौतिकवाद है। उन्होंने कहा कि भगवान राम ने भी अपने नाम के साथ वनवासी शब्द का प्रयोग किया था क्योंकि सादगी व समर्पण इसका बोधक है जैसा कि स्व. जगदेवराम उरांव का जीवन चरित्र था।

इस अवसर पर वनवासी कल्याण आश्रम हरियाणा के पदाधिकारियों के अतिरिक्त प्रसिद्ध समाज सेवी व पूर्व अध्यक्ष अंतर्राष्ट्रीय रोटरी कलब कंवरभान अरोरा व, संघचालक महानगर यशपाल भी उपस्थित थे।

वनवासी कल्याण आश्रम के उत्तर क्षेत्रीय नगरीय कार्य प्रमुख जय भगवान, आश्रम की हरियाणा इकाई के महासचिव सुरेंदर शर्मा, संघचालक महानगर जगदीशचंद्र ग्रोवर, उपाध्यक्ष महिंदर नरेश व अन्य पदाधिकारी तथा आश्रम की गुरुग्राम इकाई के कार्यकर्त्ता इस अवसर पर उपस्थित थे।

इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता सुरेन्द्र शर्मा, महासचिव बनवासी कल्याण आश्रम हरियाणा रहे तथा प्रसिद्ध शिक्षाविद व पूर्व उपकुलपति डॉ अशोक दिवाकर ने कार्यक्रम का संचालन किया।

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