– एमसीजी आयुक्त मुकेश कुमार आहुजा ने निगम के सभी अधिकारियों को होम कंपोस्टिंग की शुरूआत करने के दिए निर्देश
गुरूग्राम, 22 अक्तुबर। स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 की तैयारियां नगर निगम गुरूग्राम द्वारा तेज कर दी गई हैं। इसके तहत शुक्रवार को नगर निगम गुरूग्राम के आयुक्त मुकेश कुमार आहुजा के सिविल लाईंस स्थित निवास से होम कंपोस्टिंग योजना की शुरूआत की गई है। निगमायुक्त ने स्वयं होम कंपोस्टिंग प्रक्रिया के बारे में विशेषज्ञों से जानकारी ली तथा संयुक्त आयुक्त (स्वच्छ भारत मिशन) हरीओम अत्री को निर्देश दिए कि नगर निगम गुरूग्राम के सभी अधिकारियों के घरों में होम कंपोस्टिंग यूनिट की स्थापना की जाए। ई-स्वच्छ के प्रतिनिधि गौरव वाही द्वारा निगमायुक्त निवास के कर्मचारियों को होम कंपोस्टिंग का प्रशिक्षण भी दिया गया।
निगमायुक्त ने शहरवासियों से भी अपील की तथा कहा कि वे होम कंपोस्टिंग को अपनाएं तथा गुरूग्राम को स्वच्छ एवं कचरा मुक्त शहर बनाने में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि घरों में गीला, सूखा तथा घरेलू हानिकारक कचरा अलग-अलग रखें। गीले कचरे से होम कंपोस्टिंग करें तथा उससे बनने वाली खाद का उपयोग पौधों के लिए करें। इससे एक ओर जहां गुरूग्राम में कचरा कम होगा, वहीं दूसरी ओर हरियाली को भी बढ़ावा मिलेगा और पर्यावरण शुद्ध होगा। उन्होंने कहा कि सूखा एवं घरेलू हानिकारक कचरा रिसाइकलर को दें। इससे लैंडफिल साईट पर कचरे का बोझ कम होगा।
निगमायुक्त ने कहा कि केन्द्रीय आवासन एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 की घोषणा कर दी गई है, जिसमें गुरूग्राम भी भागीदारी कर रहा है। उन्होंने नागरिकों से सहयोग की अपील की तथा कहा कि हमें अपने कचरे को अलग-अलग करने, होम कंपोस्टिंग को अपनाने, पॉलीथीन एवं सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल बन्द करने तथा अपने घर के साथ-साथ आसपास के क्षेत्र की सफाई व्यवस्था का ध्यान रखने आदि को अपने व्यवहार में शामिल करना है। इस प्रकार हम अपने गुरूग्राम को स्वच्छता की रैंकिंग में बेहतर पायदान प्राप्त करने में मदद करेंगे तथा स्वच्छ, सुंदर एवं बेहतर गुरूग्राम बनाएंगे।
नगर निगम गुरूग्राम द्वारा उन 26 एजेंसियों को भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए, जिन्हें बल्क वेस्ट जनरेटरों के यहां कचरा प्रबंधन करवाने के लिए एम्पैनल किया गया है। इन एजेंसियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि वे बल्क वेस्ट जनरेटरों के यहां कचरा प्रबंधन करवाना सुनिश्चित करें तथा की गई कार्रवाई की मासिक रिपोर्ट नगर निगम को भिजवाएं। अगर कोई एजेंसी सही से काम नहीं करती है, तो उस पर नियमानुसार कार्रवाई भी की जाएगी।