अगले वर्ष से 20 मिलियन टन प्रतिवर्ष कोयला उतपादन करने का लक्ष्य

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नई दिल्ली : बिजली उत्पादन पर कोयले की कमी का पड़ने वाले असर को लेकर देश में हायतौबा मचा हुआ है लेकिन केंद्र सरकार लगातार अलग अलग राज्यसरकारों कि और से आ अरेह बयानों को निर्मूल साबित करने में लगी हुई है. केन्द्रीय उर्जा मंत्री आर के सिंह और कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने बयान जारी कर इसे राजनीति से प्रेरित बाते है जबकि राज्यों के मुख्यमंत्रियों व बिजली मंत्रियों ने परेशानी बता कर केंद्र सरकार कि परेशानी बढ़ा दी है. इस बीच केंद्र सरकार कि और से कहा गया है कि  एक नवरत्न सार्वजनिक उपक्रम- एनएलसी इंडिया लिमिटेड की 20 एमटीपीए तालाबीरा II और III खुली खदान, ओडिशा ने अपने संचालन के पहले पूर्ण वर्ष के दौरान अब तक 2 मिलियन टन से अधिक कोयले का उत्पादन किया है। इसे 20 मिलियन टन करने कि तैयारी है.

केन्द्रीय कोयला, खान एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ताप विद्युत संयंत्र को सभी स्रोतों से कोयले की आपूर्ति में वृद्धि पर प्रसन्नता व्यक्त की है। प्रह्लाद जोशी ने एक ट्वीट में कहा कि कल कोल इंडिया लिमिटेड से कुल कोयले की आपूर्ति 2 मिलियन टन से अधिक दर्ज की गई है। श्री जोशी ने यह भी कहा कि बिजली संयंत्रों के पास पर्याप्त भंडार सुनिश्चित करने के लिए बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति में और भी वृद्धि की जाएगी।

सरकार ने कहा है कि एनएलसीआईएल ने चालू वर्ष के दौरान 4 एमटी के अपने मूल कार्यक्रम से 6 एमटी प्रतिवर्ष के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कदम उठाए हैं और कोयले की अधिक मांग को ध्‍यान में रखते हुए, एनएलसीआईएल तालाबीरा खदान के कोयला उत्पादन को चालू वर्ष में 10 एमटी तक और अगले वर्ष से 20 एमटी तक बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।

उत्पादित कोयले को एनएलसीआईएल की सहायक कंपनी तूतीकोरिन में एनएलसी तमिलनाडु पावर लिमिटेड के 2 x 500 मेगावाट के अंतत: इस्‍तेमाल वाले संयंत्रों में से एक में ले जाया जा रहा है। संपूर्ण उत्पादित बिजली दक्षिणी राज्यों की आवश्यकता को पूरा कर रही है, जिसमें तमिलनाडु को बड़ा हिस्सा (40 प्रतिशत से अधिक) है।

कोयला मंत्रालय द्वारा खनिज रियायत नियमों पर खान और खनिज (विकास और नियमन) अधिनियम में हाल में किए गए संशोधन ने खदान को अंतत: इस्‍तेमाल वाले संयंत्र की कोयले की आवश्यकता को पूरा करने के बाद अतिरिक्त कोयले की बिक्री के लिए सक्षम किया है। तदनुसार, अतिरिक्त कोयले को बेचने के लिए कोयला मंत्रालय से अनुमति मांगी गई है।

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