उपायुक्त ने की पशु किसान क्रेडिट कार्ड तथा प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा

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– बैंकर्स को पशु किसान क्रेडिट कार्ड के तहत लंबित आवेदनों का निपटारा 15 दिन में करने के दिए निर्देश -डा. यश गर्ग
– प्रधानमंत्री स्वःनिधि योजना का लाभपात्र व्यक्तियों तक पहुंचाने के लिए बैंकों में तिथिवार शेड्यूल तैयार करने के दिए निर्देश

गुरूग्राम, 12 अक्टूबर। गुरूग्राम के उपायुक्त डा. यश गर्ग ने बैंकर्स को पशु किसान क्रेडिट कार्ड (पीकेसीसी) तथा प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के लाभार्थियों को समयबद्ध तरीके से ऋण उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने पीकेसीसी योजना के तहत लंबित आवेदनों का निपटारा 15 दिनों में करने के आदेश दिए हैं और प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना से लोगों को जोड़ने के लिए कैंपों का शैड्यूल तैयार करने के लिए कहा।

वे लघु सचिवालय के सभागार में बैंकर्स के साथ पशुकिसान क्रेडिट कार्ड तथा प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में पशुपालन विभाग की उप-निदेशक डॉ. पुनीता ने बताया कि जिला में अब तक इस योजना के तहत 9366 किसानों ने आवेदन किया। इनमें से बैंकों द्वारा 1784 आवेदन स्वीकृत किए गए जिनमें से 1478 लाभार्थियों को ऋण दिया गया है। इसी प्रकार, बैंकों द्वारा 4349 आवेदनों को अस्वीकृत कर दिया गया जबकि 3233 आवेदन लंबित हैं। उपायुक्त ने बैंकर्स को लंबित आवेदनों को रिव्यू करते हुए इनका निपटारा 15 दिनों के भीतर करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकार की योजना का फायदा किसानों को पहुंचाना हमारा उत्तरदायित्व है, ऐसे में बैंकों को भी अपनी जिम्मेदारी समझते हुए किसानों को योजना का लाभ पहुंचाने में अपना सहयोग देना चाहिए। वे ऋण स्वीकृत होने उपरांत संबंधित पात्र किसान को ऋण राशि का भुगतान जल्द करें।

डॉ. पुनीता ने बताया कि पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत पशुपालकों को पशुओं के रोजमर्रा के खर्च के लिए 1 लाख 60 हजार रुपये तक का ऋण बिना किसी सिक्योरिटी के दिया जाता है और 2 लाख रुपये तक के ऋण पर 7 प्रतिशत ब्याज लगता हैै परंतु यदि पशुपालक ऋण की राशि का भुगतान समय पर करता है तो उसे 3 प्रतिशत ब्याज का इंसेंटिव दिया जाता है। इसका तात्पर्य यह है कि समय पर ऋण राशि की अदायगी करने पर पशुपालक को ऋण पर 4 प्रतिशत ब्याज ही देना पड़ेगा।

बैठक में प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर्स को दिए जाने वाले ऋण के लिए प्राप्त आवेदनों की भी समीक्षा की गई। बैठक में बताया गया कि इस योजना के तहत जिला में अब तक कुल 6639 आवेदन प्राप्त हुए हैं इनमें से 1992 आवेदनों को बैंकर्स द्वारा स्वीकृत किया गया है जिसमें से 1420 आवेदनकर्ताओं को ऋण की राशि दी जा चुकी है। उपायुक्त ने अग्रणी जिला प्रबंधक प्रहलाद रॉय गोदारा को निर्देश दिए कि इस योजना के प्रोत्साहन के लिए बैंको में कैंप लगवाएं । इन कैंपो का शैड्यूल तैयार करके पात्र व्यक्तियों के मौके पर ही फार्म भरवाए जाएं ताकि योजना का लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिल सके। उन्होंने बैठक में उपस्थित नगर निगम के सीपीओ देवेन्द्र से कहा कि वे अधिक से अधिक पात्र व्यक्तियों को इस योजना से जोड़े ताकि जरूरतमंद लोग आय के साधन जुटा सकें।

इस योजना के तहत स्ट्रीट वेंडरों द्वारा ऑनलाइन पोर्टल- ‘उद्यमी मित्रा ‘ के माध्यम से आवेदन किया जाता है जिसके बाद आवेदन सीधे बैंक के पास पहुंच जाता है। इस योजना का लाभ लेने के लिए व्यक्ति को एक साल के लिए बिना कोलेटरल गारंटी के 10 हजार रुपये का ऋण दिया जाता है। बैठक में बताया गया कि इस योजना के तहत प्राइवेट बैंकों ने 16 आवेदकों को लोन जारी किया है। इसको गंभीरता लेते हुए उपायुक्त ने निजी बैंकों को फटकार लगाई और कहा कि वे एक पखवाड़े के बाद इन योजनाओं की दोबारा से समीक्षा करेंगे।

बैठक में अग्रणी जिला प्रबंधक प्रहलाद रॉय गोदारा, पशुपालन विभाग की उपनिदेशक डा. पुनीता गहलावत तथा नगर निगम से सीपीओ देवेन्द्र, एपीओ एल आर शर्मा भी उपस्थित थे।

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