नई दिल्ली. नोटबंदी के विरोध में मंगलवार को कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गाँधी के नेतृत्व में विपक्ष ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें कांग्रेस, टीएमसी, आरजेडी, मुस्लिम लीग, जेएमएम, एआई यू डी एफ और जेडीएस के प्रतिनिधि शामिल हुए जबकि सपा, बीएसपी, लेफ्ट, जेडीयू और एनसीपी ने इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया। प्रेस कांफ्रेंस में राहुल गाँधी ने कहा कि 30 तारीख आने वाली है लेकिन स्थितियां पूर्ववत हैं। लोगों को अब भी राहत नहीं मिली है। दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व टीएमसी नेता ममता ने कहा कि मोदी सुबह से रात तक लोगों को डराते रहते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार अगर डराने लगेगी तो देश कैसे चलेगा। पहले मायावती को पकड़ो, सोनिया को पकड़ो, ममता को पकड़ो, लालू को पकड़ो, ये क्या होता है ? उन्होंने आरोप लगाया कि आज देश में सुपर इमरजेंसी चल रही है। ममता ने पीएम मोदी से तुरंत इस्तीफा देने की मांग की। उन्होंने दावा किया कि नोटबंदी फेल हो गई.
संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में राहुल गाँधी ने क्या कहा ?
– राहुल गाँधी ने आरोप लगाया कि एक नया ब्लैक मार्केट तैयार हुआ है। पैसे को बदलने के लिए और चोट कमजोर-गरीबों को लगी है।
– कांग्रेस नेता ने कहा कि किसान को बीज और खाद खरीदने के लिए पैसा नहीं है। बेरोजगारी बढ़ गई है।
– नरेंद्र मोदी जी ने कहा था कि 30 तारीख को सबकुछ ठीक हो जाएगा । अगर ऐसा नहीं होगा तो मैं जवाब दूंगा।
– 30 तारीख आने वाली है स्थितियां वैसी की वैसी हैं। लोगों को राहत नहीं मिली है।
– डिमोनेटाइजेशन का लक्ष्य फेल हो गया है। प्रधानमंत्री को अब जवाब देना है कि जो मुश्किलें हमारे लोगों को सहनी पड़ रही हैं। उसके लिए जिम्मेदार कौन है ?
– 7 साल से सबसे ज्यादा बेरोजगारी आज है हिन्दुस्तान में, इसका जवाब प्रधानमंत्री को देना चाहिए।
– 15 अक्टूबर 2013 इनकम टैक्स की रेड आदित्य बिरला ग्रुप में पड़ी उनके वाइस प्रेसिडेंट के ई-मेल में लिखा है कि 25 करोड़ रुपए हमें गुजरात सीएम को देने हैं। 12 करोड़ हो गए हैं और बाकी पैसे देने है।
– सहारा ग्रुप की डायरी में 9 बार लिखा है कि गुजरात सीएम को पैसे दिए। 40 करोड़ रुपए उन्हें दिए गए।
– कांग्रेस नेता ने कहा कि पहले कहा था कि काला धन स्विस बैंक से लाएंगे। अब कहते हैं कि स्विस बैंक का स्विच ऑफ हो गया। ये मेक इन इंडिया नहीं, ये फेक इन इंडिया है।
– अगर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़नी है, तो प्रधानमंत्री अलग क्यों हैं। प्रधानमंत्री पहले इंसान होने चाहिए कि जो ये कहें कि मुझ पर इल्जाम लग रहा है तो इसकी तुरंत जांच होनी चाहिए।
– राहुल ने कहा कि आप किसी के खिलाफ भी एक्शन लेना चाहते हैं, लीजिए, हम आपको पूरा समर्थन देंगे। माल्याजी लंदन में हैं। मोदी जी माल्या को वापस लाइए।
– पहली बार हिंदुस्तान के इतिहास में कहा जा रहा है कि एक जायसवाल जी ने 9 बार हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री को 6 महीने में 40 करोड़ दिया है और अब अगर आप अपने ही ऊपर जो इल्जाम लग रहा है, उसे इग्नोर करेंगे तो आपकी क्रेडिबिलिटी कैसे बचेगी।
– आपके ऊपर सवाल उठ रहा है तो देश को बताइए कि इसमें क्या सच और क्या झूठ है।
– “पार्लियामेंट में सब पार्टियां एकसाथ खड़ी थीं। एक भी पार्टी अलग नहीं थी। ये एक प्रेस कॉन्फ्रेंस है। सब पार्टियों ने बताया कि हम डिमोनेटाइजेशन और मोदी जी के करप्शन पर एक साथ हैं।
– 8 लाख करोड़ रुपए एनपीए हैं। एनपीए को खत्म करना है। अमीर लोगों से पैसा नहीं लेना है, तो गरीब लोगों से पैसा खींचों और अमीरों को सींचो।
– ये जो 50-60 परिवार हैं उनका कर्जा, गरीबों के पैसे के दम पर माफ होगा।”
– मैंने पीएम से मुलाकात में तीन बातें रखीं थीं कि कर्जा माफ, बिजली बिल हाफ और उपज का सही दाम। लेकिन, उन्होंने इस पर एक शब्द नहीं कहा।
ममता ने क्या कहा ?
– ममता बनर्जी ने कहा कि नोटबंदी और करप्शन पर हम कॉमन मिनिमम एजेंडा बनाएंगे। डिमोनेटाइजेशन एक बड़ा स्कैम है।
– ऐसा स्कैम आजादी के बाद कभी नहीं हुआ।
– आज जो देश का हाल हो गया है। इकोनॉमी बुरी तरह लड़खड़ा गई है। किसान, मजदूर, दुकानदार, इंडस्ट्री वाले सब रो रहे हैं।
– मोदी जी ने कहा था कि इंडिया में अच्छे दिन ले आएंगे। ये क्या अच्छे दिन का नमूना है?
– “नॉन परफॉर्मिंग एसेट वालों को गरीबो का पैसा लूटकर लाभ दिया जा रहा है। जनता भूखी है। रोटी नहीं है, खाना नहीं है। अब तीन दिन बाकी है।
– ये 47 दिन में जो कुछ हुआ, उससे हमारा देश 20 साल पीछे चला गया है।
– दूध इंडस्ट्री बंद हो गई, चाय मजदूर रो रहे हैं, डेवलपमेंट प्रोजेक्ट बंद हो गए।
– 50 दिन के बाद अगर इन सारी चीजों में सुधार नहीं होता है, तो आपने क्यों भाषणों मे कहा था कि मुझे 50 दिन दे दो।
– जो काम रिजर्व बैंक को करना चाहिए था, उसे भी आपने कर दिया।
– “पहले खुद को चायवाला बोला और फिर फकीर बोला। फकीर बनकर आपने 50 दिन मांगे। इतनी तकलीफ के बाद जनता ने आपको वक्त दिया।
– ममता ने कहा कि अगर इतने दिन बाद भी फैसला नहीं होता है, तो क्या प्रधानमंत्री इसकी जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा देंगे या नहीं ?
– आप कोई जादूगर नहीं हैं कि 3 दिन में सब ठीक कर देंगे। ये अच्छे दिन के नाम पर पूरे हिंदुस्तान को परेशान किया।
– मुझे नहीं पता है कि डिमोनेटाइजेशन के पीछे कुछ छिपा हुआ एजेंडा है। वो आने वाले दिनों में सामने आएगा।
– 10 करोड़ से ज्यादा आदमी आज बेरोजगार हैं। आप कहते हैं कि और भी बड़ा कानून आएगा। क्या कानून आएगा। खाने को तो दे नहीं सकते हो, लेकिन गरीबों से छीन लिया।
– हमारे जो नागरिक अधिकार हैं, वो छीन लिए। जर्मनी हो चाहें अमेरिका सब कैश पर चलते हैं। कैशलेस के नाम पर ये फेसलेस हो गए हैं।
– इसके लिए कौन जिम्मेदार है? 3 दिन बाकी हैं, इसके बाद क्या होगा? प्राइम मिनिस्टर को रिजाइन करना पड़ेगा।