नई दिल्ली : उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में सचिव, उपभोक्ता मामले लीना नंदन ने देश के विकास में एनटीएच की अहम भूमिका पर मंगलवार को हुए संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “नेशनल टेस्ट हाउस (एनटीएच) इस बात का उदाहरण है कि कैसे भारत एक देश के रूप में समय के साथ अनुसंधान, विकास, प्रौद्योगिकी में आगे बढ़ा है और राष्ट्र निर्माण व जीवन के हर क्षेत्र में गुणवत्ता में योगदान दे रहा है।”
नेशनल टेस्ट हाउस (एनटीएच) 109 साल पुरानी गुणवत्ता का आश्वासन देने वाली सरकारी प्रयोगशाला है, जो इंजीनियरिंग के सभी क्षेत्रों में उद्योग, उपभोक्ताओं और सरकारी एजेंसियों को सामग्री परीक्षण की सुविधाएं उपलब्ध कराती है। एनटीएच की 6 प्रयोगशालाएं हैं, जो औद्योगिक और आर्थिक विकास के लिए गुणवत्ता आश्वासन पर देश को सेवाएं दे रही हैं।
सरकारी टेस्ट हाउस (जिसे आज नेशनल टेस्ट हाउस के रूप में जाना जाता है) की स्थापना वर्ष 1912 में अलीपुर, दक्षिणी कलकत्ता में हुई थी और इसने वैज्ञानिक सिद्धांत, खोज और व्यावहारिक उत्पाद विकास में खासा योगदान दिया है।
यहां इस बात का उल्लेख करना जरूरी है कि संस्थान कई वैज्ञानिक प्रतिभाओं के समर्पित कार्यों का गवाह बना है। एनटीएच के वैज्ञानिकों डॉ. ए. वेंकटेस्वरन और डॉ. कृष्णन ने सर सी. वी. रमन के अनुसंधान सहयोगी के रूप में काम किया है और ग्लिसरीन के “वीक फ्लोरेसेंस” विषय पर एनटीएच प्रयोगशालाओं में परीक्षण व खोज कीं, जिससे “रमन इफेक्ट” की खोज हुई। सर सी. वी. रमन को “रमन इफेक्ट” की खोज के लिए वर्ष 1930 में भौतिक विज्ञान का नोबेल पुरस्कार दिया गया था। सर सी. वी. रमन ने स्वीडिश एकेडमी में नोबेल पुरस्कार जीतने के बाद 1930 में दिए गए भाषण में “रमन इफेक्ट” की खोज के लिए जीटीएच (अब एनटीएच) के वैज्ञानिक डॉ. एस. वेंकटेस्वरन के अंशदान को स्वीकार किया था।
चाहे ये रेलवे लाइन, वैगन, कोच, ऊंची इमारतें, सीमेंट कंक्रीट, आयरन, स्टील बार्स, ट्रांसफॉर्मर या मिक्सर ग्राइंडर, ओवन, टोस्टर, बैटरी, तार, केबल, रोप्स, प्रेशर कुकर जैसे छोटे उपभोक्ता सामान हों, एनटीएच देश में बनने वाले और आयातित सामानों की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों को बनाए रखने की दिशा में निरंतर काम कर रहा है। यह नए राष्ट्रीय मानकों के विकास, विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों की उत्पादन लाइनों में गुणात्मक सुधार और आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम को समर्थन दे रहा है।
सचिव ने बताया कि पिछले 75 साल में, एनटीएच ने अपनी सेवाओं को राष्ट्र निर्माण की विभिन्न परियोजनाओं के लिए समर्पित किया है और विभिन्न पुलों, सड़क व राजमार्गों, हवाई अड्डों, इस्पात संयंत्रों, रिफाइनरियों, बिजली संयंत्रों आदि का वैज्ञानिक परीक्षण व गुणवत्ता मूल्यांकन किया है।
एनटीएच रसायन, सिविल, इलेक्ट्रिक, मैकेनिकल से जुड़ी विनिर्माण और निर्माण एजेंसियां, नॉन डिस्ट्रक्टिव टेस्ट (एनडीटी), रबर-पेपर-प्लास्टिक एंड टेक्सटाइल (आरआरपीटी) क्षेत्रों के परीक्षण में उपभोक्ताओं, उद्योगों (भारी, छोटे स्तर के), केंद्र और राज्य सरकारों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को सेवाएं देती है।
मीडिया से जुड़े लोगों के साथ एक प्रस्तुतीकरण भी साझा किया गया था। प्रस्तुतीकरण के माद्यम से साझा किए गए 4 वीडियो में बताया गया कि कैसे परीक्षण किया जाता है और गैस, बर्नर, स्विच, लचीले तारों और डॉक्युमेंट आर्काइविंग जैसे उत्पादों में गुणवत्ता आश्वासन प्राप्त किया जाता है। जम्मू व कश्मीर में चेनाब नदी सेतु परियोजना में वेल्डिंग की प्रक्रिया और वेल्डरों के प्रमाणन को भी एनटीएच द्वारा मंजूरी दी गई थी।
एनटीएच पैकेज्ड पेयजल, ई-व्हीकल बैटरी परीक्षण सेवाओं और एलईडी लैंप परीक्षण सेवाओं व सौर पैनलों के परीक्षण के लिए अपनी परीक्षण सेवाओं का विस्तार कर रही है, साथ ही बड़ी संख्या में भारत सरकार के कार्यक्रमों को समर्थन दे रही है। यह खरीद एजेंसियों को गुणवत्ता वाली, जांची-परखी सामग्री उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एमएसएमई उद्योग और जीईएम पोर्टल पर मौजूद विक्रेताओं को समर्थन दे रही है, चाहे यह एक कलम या ट्रांसफॉर्मर जैसा एक वैज्ञानिक उत्पाद ही क्यों न हो।
एनटीएच के महानिदेशक डॉ. पी. कांजीलाल इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े रहे थे। उन्होंने बताया कि वर्तमान में एनटीएच को गुणवत्ता आश्वासन के लिए सालाना लगभग 25,000 नमूनों/ उत्पाद प्राप्त हो रहे हैं, जिनमें से लगभग 60 प्रतिशत सरकारी एजेंसियों के, लगभग 20-25 प्रतिशत निजी एजेंसियों के और 15-25 प्रतिशत व्यक्तिगत होते हैं।
एनटीएच इंजीनियरिंग/ एमएससी के मेधावी विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति भी उपलब्ध कराती है। इस संबंध में, नैनो टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रिकल शॉर्ट-सर्किट टेक्नोलॉजी, खाद्य सुरक्षा, सेतुओं और इमारतों की सिविल इंजीनियरिंग वाइब्रेशंस अध्ययन के क्षेत्र में शोध करने के लिए प्रति विद्यार्थी सालाना 25,000 रुपये की छात्रवृत्ति दी जाएगी।
एनटीएच की एक नैनो मैटेरियल परीक्षण प्रयोगशाला विकसित करने की योजना है, जिससे नैनो मैटेरियल से युक्त उपभोक्ता सामानों विशेष रूप से कॉस्मेटिक्स, इलेक्ट्रॉनिक उपभोक्ता सामानों और घरों में उपयोग होने वाले डिजिटल अप्लायंसेज से जुड़े जोखिमों के आकलन में सहायता मिलेगी। संभावित रूप से विकसित होने वाले और उपभोक्ता उद्योग विशेष रूप से सेल फोन, इलेक्ट्रॉनिक सामानों, माइक्रोवेव आदि उपयोग होने वाले नैनो मैटेरियल का एक बड़ा बाजार है, जिनका आने वाले वर्षों में एनटीएच में गुणवत्ता परीक्षण कार्य और आश्वासन आदि किए जाने का प्रस्ताव है।
सचिव, उपभोक्ता मामले ने बताया कि कोलकाता में पूर्ण रूप से एक खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला तैयार करने की योजना है। इसके अलावा, ट्रांसफॉर्मर की शॉर्ट सर्किट की क्षमता के आकलन के लिए एक परीक्षण इकाई स्थापित करने की योजना बनाई जा रही है। इस क्रम में, उपभोक्ता मामलों के विभाग की भावी योजनाओं में चेन्नई में इम्पल्स वोल्टेज परीक्षण और ट्रांसफॉर्मर परीक्षण इकाई, मुंबई में एयर कंडीशनर के लिए परीक्षण इकाई, मुंबई व जयपुर में खिलौनों के लिए परीक्षण इकाई और मजबूती, सुरक्षा व दुर्घटना प्रभावों के आकलन के लिए हेलमेट परीक्षण इकाई की स्थापना की योजना है।
कॉन्फ्रेंस में संयुक्त सचिव विनीत माथुर और अतिरिक्त सचिव निधि खरे भी उपस्थित रहीं।
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