हाई कोर्ट ने आर टी ई एक्टिविस्ट की गिरिफ्तारी के मामले की जांच का जिम्मा क्राइम ब्रांच को सौंपा

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गुरुग्राम : पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने गुरुग्राम पुलिस द्वारा आरटीआई कार्यकर्ता हरिंदर ढींगरा और उनके परिवार के खिलाफ कथित बैंक घोटाले सम्बंधित दर्ज प्राथमिकी रिपोर्ट (एफआईआर) की जांच गुरुग्राम पुलिस आयुक्तालय के अलावा किसी अन्य एजेंसी से करवाने का आदेश दिया है। ढींगरा और उसके परिवार के सदस्यों को पुलिस ने कथित तौर पर बैंक धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया था।

उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अमोल रतन सिंह ने अपने 13 अगस्त के आदेश में, हरियाणा के पुलिस महानिदेशक को ऐसे सभी मामलों को तुरंत राज्य अपराध शाखा को स्थानांतरित करने का निर्देश दिया है  जिसका नेतृत्व एडीजीपी कर रहे हैं. संभवतः एडीजीपी क्राइम, गुरुग्राम के वर्तमान पुलिस आयुक्त के के राव से वरिष्ठ हैं। आदेश में कहा गया है कि ढींगरा और उनके परिवार के खिलाफ कथित बैंक घोटाले के आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का नेतृत्व एडीजीपी करेंगे। हालांकि अदालत ने यह स्पष्ट कर दिया कि वह आरोपों की सत्यता या मेरिट पर कोई टिप्पणी नहीं कर रही है।

 

हाई कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि यदि ढींगरा के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज की जाती है, तो उन्हें गिरफ्तारी से पहले सात दिन का नोटिस दिया जाएगा।

 

अदलत ने याचिकाकर्ता को मामले की सुनवाई की अगली तारीख तक देश छोड़ने पर रोक लगा दिया है.  अपना और उसके परिवार के सदस्यों को जिनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है को अपने पासपोर्ट जमा करने को कहा है. अदालत ने मामले की सुनवाई आगामी 20 सितंबर को मुकर्रर की है.

 

उल्लेखनीय है कि याचिकाकर्ता ने कथित तौर पर गुरुग्राम के पुलिस आयुक्त के इशारे पर उसके खिलाफ किसी भी आपराधिक मामले दर्ज करने पर पूरी तरह से गिरफ्तारी पूर्व जमानत की रियायत की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया था।

 

याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता और उसके परिवार को गुरुग्राम के पुलिस आयुक्त के कहने पर परेशान किया जा रहा है क्योंकि वह जनहित याचिका के माध्यम से कई याचिकाएं दायर कर रहा है. इसमें बकाया ईडीसी जैसे मुद्दों को सामने लाना, दूरसंचार शुल्क और गुरुग्राम पुलिस आयुक्त की संपत्ति के संबंध में भी जानकारी मांगना शामिल है।

 

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि पुलिस आयुक्त, उसके प्रति शत्रुतापूर्ण व्यवहार रवैया अपनाए हुए है क्योंकि उसने प्रधान मंत्री के समक्ष सीपी के खिलाफ शिकायत की है। अदालत ने यह भी आदेश दिया कि गुरुग्राम के पुलिस आयुक्त कृष्ण कुमार राव को प्रतिवादी के रूप में शामिल किया जाए।

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