नई दिल्ली : राष्ट्रपति ने फ्लाइंग (पायलट) ग्रुप कैप्टेन परमिंदर अंतिल (26686) को शौर्य चक्र प्रदान किया. फ्लाइंग (पायलट) ग्रुप कैप्टन परमिंदर अंतिल (26686) जनवरी 2020 से सुखोई-30 एमकेआई स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर हैं।
21 सितंबर 2020 को एक सुखोई-30 विमान के सामने के कॉकपिट में उड़ान के दौरान ज़बरदस्त हिचकोलों का अनुभव किया, इस दौरान गुरुत्व बल भी तेज़ी से +9G से -1.5G तक बदल रहा था और विमान अनियंत्रित होकर बाईं ओर झुक रहा था तथा उसका नियंत्रण फेल होने के दूसरे संकेत भी मिल रहे थे। अत्यधिक उच्च ‘जी’ स्थितियों के कारण आने वाली ‘ब्लैक-आउट’ स्थितियों पर काबू पाने के लिए, उन्होंने मैन्युअल रूप से विमान के हिचकोलों को कम किया और अपनी हथियार प्रणाली की सुरक्षा की जांच भी की। विमान को नियंत्रित करते समय उन्होंने उसको आबादी वाले क्षेत्र से दूर कर लिया ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि विमान से त्वरित निकासी की संभावित स्थिति में नागरिक जीवन या संपत्ति का कोई नुकसान न हो। जैसे ही उन्होंने विमान की प्राथमिक रिकवरी शुरू की, विमान को एक बार फिर से ज़बरदस्त हिचकोलों का सामना करना पड़ा, इस दौरान विमान के कंट्रोल कॉलम पर पायलट द्वारा भारी दबाव की आवश्यकता पड़ी। उन्होंने उच्च प्रौद्योगिकी के अपने ज्ञान का उपयोग करके कुछ अपरंपरागत प्रयास किए। उनके दृढ़ संकल्प और कुशल संचालन के कारण हिचकोले कम हो गए और विमान सुरक्षित रूप से रिकवर हो पाया। इस जानलेवा स्थिति में पायलटों ने संयम, अनुकरणीय साहस और तत्परता दिखाई। उनके उत्कृष्ट पायलटिंग कौशल ने राष्ट्रीय संपत्ति के सैकड़ों करोड़ रुपये की सुरक्षा सुनिश्चित की और भूमि और संपत्ति को संभावित नुकसान से बचा लिया।
असाधारण वीरता, पेशेवर रवैये के अनुकरणीय मानकों और एयरोस्पेस सुरक्षा में योगदान के लिए ग्रुप कैप्टन परमिंदर अंतिल को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है ।