विद्युत वितरण सेक्टर पर नीति आयोग की रिपोर्ट जारी : बिजली कंपनियों को 90 हजार करोड़ का घाटा

Font Size

नई दिल्ली : नीति आयोग ने आज एक रिपोर्ट जारी की है. इसमें ऐसे सुधारों के बारे में बताया गया है, जो देश के विद्युत वितरण सेक्टर को बदल देंगे। यह रिपोर्ट इस बिजली वितरण क्षेत्र सम्बंधी नीति-निर्माण में सुधार लाने की पहल है।

रिपोर्ट का शीर्षक टर्निंग एराऊंड दी पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर (विद्युत वितरण सेक्टर में आमूल परिवर्तन) है और इसे नीति आयोग, आरएमआई और आरएमआई इंडिया ने मिलकर तैयार किया है। उल्लेखनीय है कि आरएमआई इंडिया, भारत में स्वच्छ ऊर्जा अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में काम करता है और यह अमेरिका के रॉकी माउंटेन इंस्टीट्यूट (आरएमआई) से सम्बद्ध है। इस रिपोर्ट को आज नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने जारी किया। इस मौके पर डॉ. वीके सारस्वत (सदस्य, नीति आयोग). अमिताभ कांत (कार्यकारी अधिकारी, नीति आयोग), आलोक कुमार (विद्युत सचिव), डॉ. राकेश सारवाल (अवर सचिव, नीति आयोग) और सुश्री अक्षिमा घाटे (प्रिंसिपल, आरएमआई इंडिया) भी उपस्थित थीं।

 

भारत में ज्यादातर बिजली वितरण कंपनियां (डिस्कॉम) हर साल घाटे में रहती हैं। वित्त वर्ष 2021 में उन्हें कुल 90,000 करोड़ रुपये का घाटा होने का अनुमान है। एक के बाद एक होने वाले घाटे के कारण बिजली उत्पादकों को समय पर भुगतान नहीं कर पातीं, बेहतर तरीके से बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये जरूरी निवेश नहीं कर पातीं या विभिन्न नवीकरणीय ऊर्जा का बेहतर इस्तेमाल करने की तैयारी नहीं कर पातीं।

रिपोर्ट में भारतीय और दुनिया के बिजली वितरण सेक्टर में किये जाने वाले सुधार प्रयासों की समीक्षा की गई है। देश में मौजूद नीतिगत अनुभवों से प्राप्त होने वाले उत्कृष्ट व्यवहारों और सीख को इसमें शामिल किया गया है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने कहा, “इस रिपोर्ट में कई महत्त्वपूर्ण सुधारों को परखा गया, जैसे वितरण में निजी क्षेत्र की भूमिका, बिजली की खरीद, नियमों की स्थिति, नवीकरणीय ऊर्जा का एकीकरण और बुनियादी ढांचे को उन्नत बनाना।” उन्होंने कहा कि एक मजबूत और कारगर वितरण सेक्टर जरूरी है, चाहे व्यापार सुगमता में सुधार लाने के लिये हो या जीवन को और आसान बनाने के लिये हो।

रिपोर्ट को अध्यायों में बांटा गया है, जिनके तहत ढांचागत सुधार, नियमों में सुधार, संचालन में सुधार, प्रबंधन में सुधार और नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण को रखा गया है। डॉ. वीके सारस्वत, सदस्य नीति आयोग ने कहा, “इस रिपोर्ट में नीति-निर्माताओं के लिये सुधार विकल्प की एक पूरी सूची दी गई है, जिससे वे बिजली वितरण सेक्टर को सही रास्ते पर ला सकें और उसे फायदेमंद बना सकें। नीति आयोग इन सुधारों पर अमल करने के लिये कुछ राज्यों के साथ साझेदारी करेगा।”

मौजूदा चुनौतियों से निपटने की जरूरत पर जोर देते हुये आरएमआई के प्रबंध निदेशक क्ले स्ट्रेंजर ने कहा, “डिस्कॉम की परेशानियों को ध्यान में रखते हुये लंबे और मजबूत समाधान के लिये नीति में बदलाव की जरूरत है। इसके साथ संगठन, प्रबंधन और प्रौद्योगिकी सम्बंधी सुधार भी करने पड़ेंगे। भिन्न-भिन्न राज्य सुधारों के भिन्न-भिन्न रास्तों पर आगे बढ़े हैं, जिससे सीखने के लिये नीतिगत प्रयोगों का पूरा समुच्चय मौजूद है।”

You cannot copy content of this page