आई एम ए ने किया गुरुग्राम में यूनिवर्सल हियरिंग स्क्रीनिंग प्रोग्राम लांच

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प्रत्येक नवजात शिशु की सुनाई जांच होगी  : डॉ अजय अरोड़ा
OAE केवल ₹500 में :  डॉ सारिका वर्मा

गुरुग्राम 20 जुलाई : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन गुरुग्राम ने इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (IAP) FOGSI,AOI और नर्सिंग होम एसोसिएशन गुरुग्राम के साथ आज सभी नवजात शिशुओं के लिए यूनिवर्सल हियरिंग स्क्रीनिंग प्रोग्राम लॉन्च किया।

डॉ सारिका वर्मा आईएमए गुड़गांव सचिव और आईएमए के जन्मजात बहरापन स्क्रीनिंग कार्यक्रम की राष्ट्रीय सह-अध्यक्ष ने कहा कि 1000 में से 4 बच्चे बहरे पैदा होते हैं। जब कोई बच्चा सुनता नहीं तो वह बोल भी नहीं सकता। अक्सर लोगों को लगता है कि बच्चा दो-तीन साल बाद अपने आप बोल लेगा. लेकिन जो बच्चा सुन नहीं पाता उसके दिमाग की डेवलपमेंट भी नहीं हो पाती और यह बच्चे साधारण स्कूलों में नहीं जा पाते.

आई एम ए ने किया गुरुग्राम में यूनिवर्सल हियरिंग स्क्रीनिंग प्रोग्राम लांच 2

डॉ वंदना नरूला अध्यक्ष आईएमए गुरुग्राम ने कहा की प्रसव के समय अस्पताल से छुट्टी देने से पहले हर बच्चे का सुनाई के लिए परीक्षण होना चाहिए। यह परीक्षण OAE कहलाता है और विभिन्न केंद्रों में इस परीक्षण की लागत ₹800 से ₹1500 तक है। आईएमए ने इस परीक्षण को केवल ₹500 की रियायती दर पर कराने की व्यवस्था की है।

 

ऑडियोलॉजी केंद्र जहाँ रियायती दर पर OAE की सुविधा होगी :

1.आशा स्पीच एंड हियरिंग सेंटर, सेक्टर 53 मो: 8826190770

2.डॉ मलिक्स प्राइम क्लिनिक, सेक्टर 52 एमओ:8799784118

3. एस.के. स्पीच, हियरिंग एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर, सेक्टर 15. मो:9811513648

4.लेट्स टॉक हियरिंग, स्पीच एंड रिहैब सेंटर, सेक्टर 50, मो:9811519900

5. साउंड फॉर लाइफ , सहारा मॉल एमजी रोड, 0124-4673740

6. साउंड फॉर लाइफ ,न्यू रेलवे रोड, भीम नगर 0124-4115587

IAP के अध्यक्ष डॉ अजय अरोड़ा ने कहा गुडगांव में 120 बाल रोग विशेषज्ञ है जो इस कार्यक्रम को प्रभावी बनाएंगे। सभी बाल रोग विशेषज्ञ यह सुनिश्चित करेंगे कि टीकाकरण के लिए आए प्रत्येक नवजात शिशु का श्रवण मूल्यांकन किया गया हो। डॉ विनीत परमार ने कहा एक बार माता-पिता इस बात से अवगत हो जाते हैं कि बच्चे की सुनने की क्षमता कम हो सकती है, तो बच्चे का आवश्यक परीक्षण और हियरिंग एड व कोकलियर इंप्लांट्स दिए जा सकते हैं।

 

AOI गुरुग्राम के अध्यक्ष डॉ भूषण पाटिल ने कहा कि जन्मजात बहरापन आधुनिक तकनीक से सफलतापूर्वक निपटा जा सकता है। कॉक्लियर इंप्लांट सर्जरी और स्पीच थेरेपी बहरापन ग्रस्त बच्चे को सामान्य जीवन दे सकते हैंl पर जरूरी है कि यह ऑपरेशन 2 वर्ष के अंदर किया जाए l 5 वर्ष के ऊपर दिमाग में स्पीच सेंटर बहुत ज्यादा नहीं बदल पाता.

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