राइट टू सर्विस एक्ट के तहत निर्धारित समयावधि में काम करना सुनिश्चित करें ; डी सी

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-राइट टू सर्विस एक्ट की प्रभावी पालना को लेकर उपायुक्त ने अधिकारियों की ली बैठक

गुरूग्राम, 14 जुलाई। गुरूग्राम के उपायुक्त डा. यश गर्ग ने कहा कि सरकारी विभाग अपने यहां सरकारी सेवाओं को राइट टू सर्विस एक्ट के तहत निर्धारित समयावधि में देना सुनिश्चित करें। अधिकारी अपने कार्यालय के बाहर तथा ऐसे स्थान जहां लोगों की आवाजाही अपेक्षाकृत अधिक होती है वहां डिस्पले बोर्ड लगवाएं जिसमें विभाग संबंधी दी जाने वाली सेवाओं की समयावधि सहित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी दी गई हो।

वे आज लघु सचिवालय में राइट टू सर्विस एक्ट को लेकर आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उपायुक्त ने कहा कि 38 सरकारी विभागों द्वारा 522 सरकारी सेवाएं दी जा रही है। इसी प्रकार, अंत्योदय सरल केन्द्रों के माध्यम से लगभग 550 सरकारी सुविधाएं व सेवाएं संचालित की जा रही है। ऐसे में हमारा उत्तरदायित्व है कि आमजन को समयबद्ध तरीके से सरकारी सुविधाओं व सेवाओं का लाभ मिले।

उपायुक्त ने अधिकारियों से कहा कि वे अपने कार्यालय के अंदर व बाहर फस्र्ट ग्रीवेंस रिडेªसल अथोरिटी तथा सैकंड ग्रीवेंस रिड्रेसल अथोरिटी की जानकारी सहित राइट टू सर्विस एक्ट में निर्धारित समयावधि संबंधी समस्त जानकार चस्पा करें । इसके साथ ही , सरकारी विभाग द्वारा व्यक्ति को एक्नाॅलेजमेंट स्लिप भी दी जानी आवश्यक है जिसमें यह जानकारी होनी चाहिए कि व्यक्ति को संबंधित सरकारी सेवा का लाभ कितने दिन में मिल जाएगा।यदि आवेदनकर्ता के आवेदन में कोई कमी रह गई हो तो तुरंत इसकी जानकारी उसे दी जानी चाहिए । यदि निर्धारित समयावधि में वह सेवा व्यक्ति को नही मिलती तो फस्र्ट रिड्रेसल अथोरिटी को 30 दिन में इसकी शिकायत की जा सकती है और यदि फस्र्ट रिड्रेसल अथोरिटी से उसके कार्य का निष्पादन नही होता तो वह सैकंड ग्रीवेंस रिड्रेसल अथोेरिटी को 60 दिन में अपनी शिकायत दे सकता है। आवेदनकर्ता की शिकायत जायज पाए जाने पर अथोरिटी द्वारा नामित अधिकारी को 7 दिन में समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए जाएंगे।

इसके अलावा, नामित अधिकारी द्वारा कार्य में अनियमितता पाए जाने पर ग्रीवेंस रिड्रेसल अथोरिटी द्वारा नामित अधिकारी पर 250 रूप्ये से लेकर 5000 रूप्ये तक जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अलावा, अथोरिटी द्वारा संबंधित अधिकारी की गलती पाए जाने पर आवेदनकर्ता को एक हजार रूप्ये का मुआवजा दिलवाए जाने के भी आदेश दिए जाने का प्रावधान है। एक्ट में दोनो ग्रीवेंस रिड्रेसल अथोरिटी द्वारा संबंधित अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही किए जाने का भी प्रावधान है।

यदि फिर भी व्यक्ति संतुष्ट नही है तो वह राइट टू सर्विस कमीशन को भी अपनी शिकायत दे सकता है। यदि इस दौरान व्यक्ति का आवेदन रद्द हो जाए तो इसकी जानकारी कारण सहित आवेदनकर्ता तक पहुंचाई जानी आवश्यक है। इसलिए सभी विभाग यह सुनिश्चित करें कि विभाग सरकारी सुविधाओं व सेवाओं का लाभ पात्र व्यक्ति तक समयबद्ध तरीके से पहुंचाएं। उन्होंने सरकारी विभागों को ये सभी कार्य पूरा करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया।

उन्होंने कहा कि अधिकारी समय रहते सभी कार्य पूरा कर लें क्योंकि राइट टू सर्विस कमीशन द्वारा इस मामले में सख्त हिदायते दी गई है और भविष्य में कमीशन के प्रतिनिधियों द्वारा निरीक्षण भी किया जाएगा। इस मामले में लापरवाही कतई बर्दाश्त नही की जाएगी।

इसके साथ ही उपायुक्त ने बैठक में अंत्योदय सरल केन्द्रो के माध्यम से लोगों को दी जा रही सरकारी सुविधाओं व सेवाओं की भी समीक्षा की। उपायुक्त ने अंतोदय सरल स्कोर में लो परफोर्मिंग विभागों को अपना स्कोर बढ़ाने संबंधी आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने विभाग अनुसार अधिकारियों से अंतोदय सरल स्कोर के बारे में जानकारी प्राप्त की और कहा कि लो परफाॅर्मिंग विभाग सरल पोर्टल पर अपना स्कोर बढ़ाने के लिए तत्परता से काम करें अन्यथा उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।

बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा, नगराधीश सिद्धार्थ दहिया, सोहना की एसडीएम चिनार चहल, गुड़गांव की एसडीएम अंकिता चैधरी , पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार, मुख्यमंत्री की सुशासन सहयोगी नियोनिका सहित कई अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।

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