सीएम के आने से पहले गुरूग्राम के अधिकारियों ने 27 में से 16 शिकायतें सुलझा दी

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-गुरूग्राम में जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की मासिक बैठक की अध्यक्षता करने मुख्यमंत्री को मंगलवार को आना था
-मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को नियमित रूप से जनता की समस्याओं को सुलझाने का लक्ष्य तय करने का पढ़ाया पाठ, कहा मेरे आने का इंतजार ना करें

गुरूग्राम, 13 जुलाई। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का गुरूग्राम आने का कार्यक्रम क्या बना , कि अधिकारियों ने 3 दिन में 16 समस्याओं का समाधान कर दिया। मुख्यमंत्री ने जब 4 दिन पहले गुरूग्राम में जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की मासिक बैठक की अध्यक्षता करने का मंगलवार 13 जुलाई को कार्यक्रम तय किया , उस दिन गुरूग्राम जिला प्रशासन ने उन्हें बताया था कि कुल 27 समस्याएं इस मासिक बैठक में रखने के लिए निर्धारित की गई हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने उपायुक्त डा. यश गर्ग को कह दिया था कि जो समस्याएं हल हो जाएं वे इस बैठक में ना रखी जाएं और अधिकारियों ने पिछले 3 दिन में 27 में से 16 समस्याओं का समाधान कर दिया, बैठक में रखने के लिए केवल 11 समस्याएं ही शेष रह गई थी।

जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की गुरूग्राम में मासिक बैठक की अध्यक्षता स्वयं मुख्यमंत्री मनोहर लाल करते हैं। इस बार बरसात के मौसम को देखते हुए यह मासिक बैठक गुरूग्राम के सैक्टर-44 स्थित अपैरल हाउस के एपीसेंटर आॅडिटोरियम में रखी गई थी, जिसमें कोरोना प्रोटोकाॅल का ध्यान रखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ सभी को बैठाया गया था।

बैठक के बाद एपीसैंटर के बाहर मीडिया प्रतिनिधियों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस बात का खुलासा किया कि चार दिन पहले गुरूग्राम जिला प्रशासन के पास इस बैठक में रखने के लिए 27 शिकायतें या समस्याएं थी, जिनमें से 16 का समाधान हो गया और आज केवल 11 शिकायतें बची थी जो बैठक में रखी गई । इनमे से भी दोनो पक्षों को सुनने के बाद उन्होंने 9 शिकायतों का निपटारा मौके पर ही कर दिया।

उन्होंने यह भी बताया कि आज की बैठक में अधिकारियों को भी यह निर्देश दिए गए हैं कि उनके आने का इंतजार ना करें बल्कि जो काम उन्हेें ही करना है , उसे समयबद्ध तरीके से पूरा करें। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा था कि वे अपने विभाग से संबंधित आमजनता की समस्याओं को नियमित आधार पर सुलझाने की व्यवस्था करें। प्रतिदिन के लिए अपना लक्ष्य निर्धारित करे कि मुझे आज ये काम करने हैं। उन्होंने समझाया कि आखिर काम तो आपको ही करना है, इसलिए मेरे आने का इंतजार क्यों करें कि मै आउंगा तभी ही आप काम करेंगे। अगर समय से काम करेंगे तो जनता और जनप्रतिनिधि दोनो संतुष्ट रहेंगे।

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