पीएम मोदी ने किया अहमदाबाद के एएमए स्थित जेन गार्डन व काइजेन एकेडमी का उद्घाटन

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नई दिल्ली : प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने आज अहमदाबाद के एएमए स्थित जेन गार्डन तथा काइजेन एकेडमी का डिजिटल माध्यम से उद्घाटन किया. इस अवसर पर उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि Zen Garden और Kaizen Academy के लोकार्पण का ये अवसर, भारत जापान के संबंधों की सहजता और आधुनिकता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि भारत और जापान जितना बाहरी प्रगति और उन्नति के लिए समर्पित रहे हैं, उतना ही आंतरिक शांति और प्रगति को भी हमने महत्व दिया है। पीएम ने गुजरात सरकार से जापान मॉडल पर आधारित स्कूल भी बनाने का सुझाव दिया.

प्रधानमन्त्री नरेनदर मोदी एन कहा कि Zen Garden शांति की खोज की और सादगी की सुंदर अभिव्यक्ति है। जब में गुजरात का मुख्यमंत्री बना तो उसके कुछ समय बाद Kaizen को लेकर गुजरात में पहली बार गंभीर प्रयास शुरु हुए थे। हमने Kaizen का अध्ययन कराया था, उसे लागू कराया था।

उन्होंने कहा कि हम सब जानते हैं कि प्रगति के लिए गवर्नेंस बहुत महत्वपूर्ण होता है। चाहे व्यक्ति का विकास हो, संस्था का विकास हो, समाज या देश का विकास हो, गवर्नेंस बहुत महत्वपूर्ण फैक्टर है। हमने पीएमओ और केंद्र सरकार के अन्य विभाग में Kaizen को प्रारंभ किया, इसकी वजह से कई प्रक्रिया आसान हुईं।

उनका कहना था कि हमारे पास सदियों पुराने सांस्कृतिक सम्बन्धों का मजबूत विश्वास भी है और भविष्य के लिए एक कॉमन विजन भी है। इसी आधार पर पिछले कई वर्षों से हम अपनी Special Strategic and Global Partnership को लगातार मजबूत कर रहे हैं। इसके लिए PMO में हमने जापान-प्लस की एक विशेष व्यवस्था भी की है।

उन्होंने बल देते हुए कहा कि ” मैं चाहूंगा कि गुजरात में जापान के स्कूल सिस्टम का भी एक मॉडल बनें। जापान के स्कूल सिस्टम में जिस तरह आधुनिकता, श्रम और नैतिक मूल्यों पर जोर दिया जाता है। उसका मैं बहुत बड़ा प्रशंसक रहा हूं। ”

उनके अनुसार आज गुजरात के प्रोफेशनल वर्ल्ड में बहुत से ऐसे लोग हैं, जो आसानी से जापानी बोलते हैं। उन्होंने कहा कि मुझे बताया गया है कि राज्य की एक यूनिवर्सिटी जापानी भाषा सिखाने के लिए एक कोर्स भी शुरू करने जा रही है।

उन्होंने यह कहते हुए विश्वास व्यक्त किया कि हमारे ये प्रयास इसी तरह निरंतरता से आगे बढ़ेंगे और भारत एवं जापान मिलकर विकास की नई ऊंचाइयां हासिल करेंगे। जापान में जो ‘जेन’ है, वही भारत में ‘ध्यान’ है।  बुद्ध ने यही ध्यान, यही बुद्धत्व संसार को दिया था। और जहां तक ‘काईज़ेन’ की संकल्पना है, ये वर्तमान में हमारे इरादों की मजबूती को, निरंतर आगे बढ़ने की हमारी इच्छाशक्ति का प्रतीक है।

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