मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सरकार की कथनी व करनी में बड़ा अंतर बताया
मनोहर लाल सरकार के 4 अहम फ़ैसले का ज़िक्र करते हुए सरकार व संगठन को दिखाया आईना
सरकार को प्रदेश के चाटुकार व भ्रष्ट प्रशासनिक तंत्र की गिरफ़्त में होने की आशंका व्यक्त की
सुभाष चौधरी
गुडग़ांव, 24 जून : भाजपा के वरिष्ठ नेता व जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष कुलभूषण भारद्वाज ने प्रदेश में अपनी ही सरकार की
कथनी और करनी में बड़ा फ़र्क़ होने का मुद्दा उठाया है। आश्चर्यजनक रूप से वर्तमान भाजपा सरकार के लिए गए कई फ़ैसले को लेकर सख़्त आपत्ति जताते हुए मुख्यमंत्री मनोहरलाल को पत्र लिखा है जिसे उन्होंने जनसमान्य के लिए सार्वजनिक भी कर दिया है । उनका निशाना एक तरफ़ प्रदेश के मुखिया के फ़ैसले लेने के तौर तरीक़े पर है जबकि दूसरी तरफ़ प्रदेश के चाटुकार व भ्रष्ट प्रशासनिक तंत्र पर है। उन्होंने भाजपा सरकार को सख़्त लहजे में आईना दिखाते हुए कुछ अधिकारियों के कारण प्रदेश सरकार की जनता में किरकिरी होने का दावा किया है। पिछले दिनों में लिए गए 4 प्रमुख फ़ैसले का ज़िक्र करते हुए मुख्यमंत्री से इस पर संज्ञान लेने की माँग की है। उनका यह पत्र सोशल मीडिया पर तेज़ी से तैर रहा है।
छात्र जीवन से ही भाजपा से जुड़े रहे युवा नेता ने भाजपा के प्रति अपने समर्पण की दुहाई भी दी है । उनका कहना है कि पिछले कुछ समय से सरकार के कई ऐसे निर्णय आए हैं, जिन्हें आमजन के साथ पार्टी की नीतियों और रीतियों से जुड़़े कार्यकर्ता स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने गुरुग्राम के सैक्टर 12ए में करीब 300 करोड़ रुपए की कीमत वाली हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा अधिग्रहित जमीन का मुद्दा भी उठाया है जबकि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्य काल में हुए तथाकथित घोटालों में संलिप्त एक आईएएस अधिकारी को सेवानिवृति के बाद उच्च पद पर नियुक्त करने पर भी गम्भीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कोरोना काल में गुरुग्राम जिला में तैनात प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यशैली को भी कटघरे में खड़ा करते हुए कोरोना के नाम पर सी एस आर फंड के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। भाजपा नेता ने अपने पत्र के माध्यम से अधिकारियों पर लगे आरोपों की जांच कर कार्रवाई करने की माँग की है ।
गुरुग्राम में भाजपा के कार्यकारी ज़िला अध्यक्ष रहे कूलभूषण भारद्वाज ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में सरकार व पार्टी की कथनी के विपरीत कार्यों से संगठन व सरकार की मान हानि होने के संबंध में सचेत किया है। उन्होंने अपने पत्र में यह कहते हुए याद दिलाया है कि ” मैं विद्यार्थी जीवन से भारतीय जनता पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता रहा हूं और नियमित संगठन के विचारों को आत्मसात करता रहा हूं। मैने अभी तक के अपने जीवन में पार्टी की नीतियों की पूजा की है और लोगों को संगठन के साथ जोड़कर पार्टी को मजबूत बनाने का कार्य किया है। वर्ष 1996 से अनवरत भाजपा को प्रदेश में स्थापित करने का संकल्प लेकर कार्य किया है।”
उन्होंने कहा है कि अपने पिता स्वर्गीय श्री अवधप्रकाश भारद्वाज से ही संगठन और संघ की सेवा का संकल्प विरासत में मिला है। भाजपा ने अपनी नीतियों और सिद्धांतों के कारण ही लोगों के दिलों पर राज किया है। पार्टी की इन्हीं नीतियों तथा कर्मठ कार्यकर्ताओं के त्याग, बलिदान व समर्पण के कारण ही नरेंद्र भाई मोदी के प्रयासों से वर्ष 2014 में प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ तथा आपके कुशल नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी।
ज़िला में पिछले डेढ़ दशक से भी अधिक समय से हमेशा जनहित के लिए संघर्षरत रहने वाले भाजपा नेता ने मुख्यमंत्री को उनके प्रथम कार्यकाल की याद दिलाते हुए कहा है कि आपने संगठन की विचारधारा पर चलकर प्रदेश में ऐसे जनहित के अनगिनत कार्य किए जिनसे प्रदेश में व्याप्त अराजकता, भाई भतीजावाद, भ्रष्टाचार और पर्ची-खर्ची की परंपरा समाप्त हुई तथा जनसामान्य का शासन के प्रति विश्वास बहाल हुआ। जिस दौर में लोग नोटों के बैग भरकर नौकरियां हासिल करने के लिए नेताओं के चक्कर लगाते थे उस दौर में आपने काबिल होनहार नौजवानों को उनका हक बिना किसी सिफारिश के उनकी योग्यता के अनुसार दिया।
वर्ष 2014 से 2019 के दौरान भाजपा सरकार के लिए गए फ़ैसले की सराहना करते हुए श्री भारद्वाज ने कहा है कि हरियाणा एक-हरियाणवी एक के नारे ने प्रदेशभर में भाईचारे की बागडोर को मजबूत किया तथा लोगों के मन से भेदभाव दूर किए। आपके नेतृत्व संभालने के बाद लोगों को आशा की किरण दिखाई देने लगी कि अब प्रदेश से भय, भूख और भ्रष्टाचार समाप्त हो जाएगा, इसके लिए आपने अथक प्रयास किए और काफी हद तक इन हालातों पर काबू भी पाया। यह हमारे जैसे लाखों कार्यकर्ताओं के लिए गौरव की बात है कि प्रदेश का नेतृत्व आप जैसे कुशल हाथों में है।
भाजपा ने नेता पार्टी के संस्थापकों की अवधारणा की याद दिलाते हुए अपने पत्र में लिखा है कि बेहद रोष और खेद के साथ आपके संज्ञान में यह विषय डालना चाहता हूं कि पिछले कुछ समय से सरकार के कई ऐसे निर्णय आए हैं जिन्हें आमजन के साथ पार्टी की नीतियों और रीतियों से जुड़े कार्यकर्ता स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने आशंका व्यक्त की है कि या तो ये निर्णय आपको अंधेरे में रखकर लिए गए लगते हैं या आपके आसपास मौजूद चाटुकारों ने अपने स्वार्थ की ख़ातिर आपसे लोगों के मन को आहत करने वाले फैसले करवा लिए।
कांग्रेस शासनकाल में अक्सर सत्ता से लोहा लेने वाले युवा भाजपाइ कूलभूषण भारद्वाज ने मुख्यमंत्री को उनकी ग़लतियों का एहसास कराने की भरपूर कोशिश की है।उनके पत्र में उल्लेखित तथ्यों से स्पष्ट होता है कि उन्होंने सरकार और संगठन दोनों पर तथ्यात्मक निशाना साधा है जबकि आम जन के मन में भाजपा सरकार के फ़ैसले के प्रति उठ रहे ग़ुबार को लेकर भी चेताया है। अपने पत्र में 4 अहम फ़ैसले का ज़िक्र करते हुए ज़िला के वरिष्ठ वकील ने यह कहते हुए मुख्यमंत्री के फ़ैसले लेने पर भी तीव्र कटाक्ष किया है कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि प्रदेश का मुखिया होने के नाते आपको भी इन फैसलों से दुख अवश्य हुआ होगा। इनमें से कुछ ऐसे फैसलों को मैं आपके संज्ञान में क्रमानुसार विनम्रता पूर्वक लाना चाहता हूं।
मनोहर लाल सरकार के 4 फ़ैसले को लेकर भाजपा नेता ने जनहित की दुहाई दी और यह कहते हुए सवाल उठाए हैं :
1: कांग्रेस के शासन में भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा से कौन वाफिक नहीं है। सेक्टर 12 ए में करीब 300 करोड़ रुपये कीमत वाली हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा अधिग्रहित जमीन को साजिशन अधिग्रहण मुक्त करके सीएलयू प्रदान करने का कार्य किया गया। यह फैसला गलत तरीके से संभवतः आपको अंधेरे में रखकर करवा लिया गया। आपके द्वारा बैठाई गई जांचों में यह प्रमाणित भी हो चुका है कि यह खेल भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबियों ने उच्च स्तर के अधिकािरयों को भारी भरकम चढ़ावा देकर खेला है। आपके संज्ञान में न्याय की उम्मीद के साथ वर्ष 2018 में यह विषय लाया गया लेकिन चार साल बीतने के बाद भी अभी तक इस घोटाले में कोई निर्णायक फैसला आपने नहीं लिया। इससे गुरुग्राम की जनता निराश और हताश है। क्योंकि लोगों को आस थी कि उन्हें भाजपा का कुशल नेतृत्व भ्रष्टाचार और भू माफिया से मुक्ति दिलवा सकेगा। आपसे करबद्ध प्रार्थना है कि इस जमीन की मलकियत पुनः हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण को सौंप, दोषी अधिकारियों और बिल्डर को जेल भेजा जाए।
2: कोरोना की दूसरी लहर के दौरान उपजे हालातों से आप भली भांति वाफिक ही हैं। इस दुख की घड़ी में कई अफसरों ने अपने निजी स्वार्थ के लिए न सिर्फ प्रदेश सरकार की छवि का धूमिल किया अपुति आमजन का आर्थिक और मानसिक शोषण करने का नंगा नाच किया। अफसरों ने सीएसआर का करोड़ों रुपयों का फंड अस्थाई ढ़ांचागत व्यवस्था खड़ी करने के नाम पर पानी में बहा दिया तथा जो पैसा लोगों के हितार्थ प्रयोग किया जा सकता था उससे अपना घर भर लिया। सेक्टर 38 के ताउ दवीलाल स्टेडियम में जिस फील्ड हाॅस्पिटल का उद्घाटन आपको अंधेरे में रखकर करवा लिया उसकी दुर्गति की दास्तां देश, विदेशों की मीड़िया ने बयां की। ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होना सरकार की कड़े फैसले लेने वाली छवि को बट्टा लगाता है।
3: इन दिनों लोगों में आम चर्चा है कि प्रदेश का कामकाज भ्रष्ट अफसरों के हाथ में है। बिल्डर्स की शह पर किए गए मानेसर भूमि घोटाले ने पूरे देश का ध्यान कांग्रेस के शासनकाल में हरियाणा में किसानों की उपजाउ भूमि हड़पने की नीति की ओर खींचा था। आपके नेतृत्व में बनी भाजपा की सरकार ने इस जमीन घोटाले का पर्दाफाश करने के लिए धींगड़ा आयोग का गठन किया साथ ही इस मामले की जांच सीबीआई से करवाई। इसमें यह साफ हो गया कि करीब 14 हजार करोड़ रुपये का घोटाला किसानों के साथ किया गया। इस मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को प्रमुख आरोपी तथा आईएएस अधिकारी टीसी गुप्ता को दूसरे नंबर पर आरोपी बनाया गया था। लेकिन एक आश्चार्यजनक फैसले ने पांच गांवों के हजारों किसान ही नहीं बल्कि शासन से न्याय की आस लगाने वाले देशभर के गरीब लोगों की उम्मीदों को रौंद दिया। यह चैकाने वाली बात है कि सीबीआई के पहले आरोपी ने दूसरे नंबर के आरोपी की सिफारिश आप सरीखे ईमानदार व कर्मठ व्यक्तित्व के समक्ष सेवा का अधिकार आयोग का चेयरमैन बनाने के लिए की और आपने भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे इन दोनों लोगों की सिफारिश स्वीकार कर ली। आपके इस फैसले से पूरी पार्टी और हम जैसे लाखों कार्यकर्ता अवसाद में हैं। क्योंकि भाजपा की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टोलरेंस की नीति के अनुरूप जिन आरोपियों को जेल की सलाखों के पीछे होने चाहिए था उन्हें आपने अपने करीब ला बैठाया।
4: फरीदाबाद के खोरी गांव में अरावली पहाड़ी पर बने 8 हजार गरीबों के आशियाने इन दिनों सुप्रीम कोर्ट के फैसले और पूर्व की सरकारों की गलत नीतियों के कारण संकट में हैं। लेकिन चंद किलोमीटर दूर गुरुग्राम में अरावली पहाड़ियों पर हजारों अमीरजादे अय्याशी के संसाधनों के तौर पर आलीशान फार्म हाउस, गेस्ट हाउस, रेस्त्रां, नाइट क्लब आदि बनाकर न सिर्फ दिल्ली और समूचे एनसीआर के पर्यावरण का बेड़ा गर्क कर रहे हैं बल्कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों को भी ठेंगा दिखा रहे हैं। हैरत इस बात की है कि ये फार्म हाउस सरेआम बनाए जा रहे हैं और इन्हें तोड़ने की बात तो दूर इनका निर्माण कार्य रूकवाने का साहस भी सरकार के पास दिखाई नहीं देता। जिन अफसरों की जिम्मेदारी यहां निगरानी की है जब वे कार्रवाई करने के नाम दफ्तर से निलते हैं तो सिर्फ अपनी जेब भरकर वापस लौट आते हैं।
श्री भारद्वाज ने आगाह किया है कि मुख्यमंत्री जी, अब प्रदेश में भाजपा का चेहरा आप हैं। अर्थात आपके नेतृत्व वाली सरकार का प्रत्येक फैसला भविष्य का आधार बनेगा। प्रत्येक गलत फैसला हमें पुनः सत्ता से दूर ले जाएगा और हरेक सही फैसला लोगों के दिलों में भाजपा की जगह बनाएगा, चाहे वह फैसला थोड़ा सख्त ही क्यों न हो।
उन्होंने अपनी ही पार्टी की सरकार की ज़मीर को जगाने की कोशिश में अपने पत्र कहा है कि अब समय आ गया है कि आप अर्जुन की भांति अपना गांडीव उठाओ को भ्रष्टाचारियों का दमन करने का निश्चय कर प्रदेश में शांति, न्याय, ईमानदारी और भाईचारे की परिपाटी को आगे बढ़ाओ।
भाजपा नेता ने शिकायत भी की है कि उन्होंने कई दफा इन विषयों के संदर्भ में मुख्यमंत्री को निजी तौर पर अवगत करवाने के लिए समय मांगा लेकिन न मुख्यमंत्री और न ही उनके कार्यालय की ओर से निजी मुलाकात का अवसर दिया गया। उन्होंने मुख्यमंत्री तक पहुँचने का अंतिम विकल्प मानते हुए अपने पत्र को सार्वजनिक करने का निर्णय लिया और इसके माध्यम से जनसामान्य की पीड़ा उन तक पहुंचाने का प्रयास इस उम्मीद के साथ किया है कि सत्ता में बैठे लोग आम लोगों की व्यथा समझेंगे और संज्ञान लेकर ग़लत फ़ैसले को बदलेंगे।