डीजीपी मनोज यादव के आह्वान पर 90 प्रतिशत पुलिस अधिकारियों व जवानों ने लगवाए टीके

Font Size

चंडीगढ़ :  फ्रंटलाइन वर्कर्स की श्रेणी में शामिल हरियाणा पुलिस के ‘कर्मवीर’ जिस प्रकार कोरोना के खिलाफ आमजन की सुरक्षा में डटे हैं, ठीक उसी प्रकार कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन रूपी कवच लेने में भी अग्रणी हैं। अब तक जहां 90 प्रतिशत पुलिस अधिकारियों और जवानों को कोरोना से बचाव के लिए टीके की पहली डोज लग चुकी है, वहीं 65 फीसदी को दोनों खुराक मिल चुकी हैं।

गौरतलब है कि डीजीपी हरियाणा मनोज यादव की अगुवाई में पुलिसकर्मियों, जिन्हें कोविड महामारी के दौरान फ्रंटलाइन वर्कर्स की श्रेणी में रखा गया है, के लिए टीकाकरण अभियान 4 फरवरी, 2021 को शुरू हुआ था। डीजीपी ने स्वयं पहला टीका लगवाकर अन्य पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाते हुए उन्हें वैक्सीन की अहमियत से अवगत कराया था। इसके फलस्वरूप अब तक 53924 अधिकारियों व जवानों को टीके की पहली डोज़ लग चुकी है तथा 38988 से अधिक दूसरी डोज़ भी लगवा चुके हैं ।

डीजीपी ने स्वेच्छा से टीकाकरण के लिए सभी पुलिसकर्मियों की सराहना करते हुए कहा है कि टीके के दोनों डोज़ लेने वाले पुलिसकर्मियों की संख्या 65 फीसदी के आसपास इसलिए है क्योंकि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइंस के अनुसार दो डोज़ के बीच 8-12 सप्ताह का अंतराल अनिवार्य है। जिन्हें दूसरी डोज़ नहीं मिली है वे दोनों डोज़ के बीच अनिवार्य अंतराल समाप्त होने का इंतजार कर रहे हैं।

उन्होंने कहा है कि जिस तरह से पुलिस ‘कर्मवीर’ नागरिकों को कोविड-19 से बचाने में एकजुटता के साथ डटे हैं, ठीक उसी प्रकार टीकाकरण अभियान पर इनकी प्रतिक्रिया उत्साहजनक है। वर्तमान में हरियाणा में पुलिसकर्मियों की संख्या लगभग 60000 है जिनमें होमगार्ड के जवान व एसपीओ भी शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि फ्रंटलाइन में रहकर काम करते हुए पुलिसकर्मियों को दूसरों की सुरक्षा के साथ-साथ स्वयं का भी संक्रमण से बचाव करना होता है। टीकाकरण की अच्छी रफ्तार के साथ हम 100 प्रतिशत का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रयासरत हैं।

मानव सेवा में पुलिस को प्रयासों को मिली पहचान

डीजीपी ने बताया कि पुलिस के जवान कोविड महामारी में निरंतर अग्रिम पंक्ति में रहते हुए बढ़-चढ़ कर लोगों की सहायता कर रहे हैं। प्रदेश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के साथ-साथ, पुलिस ने गरीब और जरूरतमंद व्यक्तियों को भोजन की सुविधा, प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षित घर वापसी और बुजुर्गों की देखभाल भी सुनिश्चित की है।

कोरोना की जानलेवा दूसरी लहर में एम्बुलेंस की कमी होने पर पुलिस ने अपनी 460 से अधिक इनोवा गाडियां जरूरतमंद संक्रमितों को नि:शुल्क घर से अस्पताल और वापिस घर ले जाने के लिए सभी जिलों में दी। इन वाहनों से संक्रमितों को काफी हद तक मदद मिली। पुलिस के ‘कर्मवीरों’ द्वारा होम आइसोलेट कोरोना संक्रमितों को लगातार ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध करवाए गए। मानव सेवा में पुलिस के प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिली।

आज सामूहिक प्रयासों से प्रदेश में कोरोना मृत्यु दर निम्न हुई है और ठीक होने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है। संक्रमित पुलिसकर्मी भी स्वस्थ होने के बाद फिर से अपनी ड्यूटी में जुट गए हैं। कोरोना के खिलाफ अंग्रिम पंक्ति में डटे संक्रमित होने वाले 6547 कर्मचारियों में से अब तक 6480 रिकवर होकर पुन: डयूटी पर लौट चुके हैं जबकि 67 अभी भी संक्रमित हैं । कोरोना से लड़ते हुए तीन एसपीओ सहित 45 पुलिसकर्मी जान गवां चुके हैं। इन सबके बावजूद ‘खाकी’ में हमारे जवान बहुत मेहनत कर रहे हैं और अपना फर्ज निभा रहे हैं।

संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीन जरूरी

उन्होंने सभी से अपील करते हुए कहा कि संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीन रूपी सुरक्षा कवच बहुत ही जरूरी है। इसके अतिरिक्त, जो सावधानियां बताई गई हैं उनका पालन भी अवश्य करना चाहिए।

You cannot copy content of this page