सातवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर पीएम मोदी बोले : योग हमें स्ट्रेस से स्ट्रेंथ का रास्ता दिखाता है

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सुभाष चौधरी 

नई दिल्ली : भारत के साथ दुनिया के सैकड़ों देश आज 7वां योग दिवस मना रहा है. इस वर्ष का विषय #YogaForWellness  जो शारीरिक और मानसिक कल्याण के लिए योग का अभ्यास करने पर केन्द्रित है। इस अवसर पर प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज जब पूरा विश्व कोरोना महामारी का मुकाबला कर रहा है, तो योग उम्मीद की एक किरण बना हुआ है। प्रधानमन्त्री ने सभी को सातवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं दी।

प्रधानमन्त्री मोदी ने कहा कि दो वर्ष से दुनिया भर के देशो में और भारत में भले ही बड़ा सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित नहीं हुआ हों लेकिन योग दिवस के प्रति उत्साह कम नहीं हुआ है. दुनिया के अधिकांश देशों के लिए योग दिवस कोई उनका सदियों पुराना सांस्कृतिक पर्व नहीं है। इस मुश्किल समय में, इतनी परेशानी में लोग इसे भूल सकते थे, इसकी उपेक्षा कर सकते थे। लेकिन इसके विपरीत, लोगों में योग का उत्साह बढ़ा है, योग से प्रेम बढ़ा है.

उन्होंने कहा कि गुरुदेव टैगोर ने कहा है कि “स्वयं का अर्थ ईश्वर और दूसरों से अलग होने में नहीं, बल्कि मिलन के योग की निरंतर प्राप्ति में है”। वसुधैव कुटुम्बकम का जिस मंत्र का भारत युगों से पालन करता आ रहा है, उसे अब वैश्विक स्वीकृति मिल रही है।

पीएम ने कहा कि जब कोरोना के अदृष्य वायरस ने दुनिया में दस्तक दी थी, तब कोई भी देश, साधनों से, सामर्थ्य से और मानसिक अवस्था से, इसके लिए तैयार नहीं था। हम सभी ने देखा है कि ऐसे कठिन समय में, योग आत्मबल का एक बड़ा माध्यम बना.

उन्होंने यह कहते हुए याद दिलाया कि भारत के ऋषियों ने, भारत ने जब भी स्वास्थ्य की बात की है, तो इसका मतलब केवल शारीरिक स्वास्थ्य नहीं रहा है। इसीलिए, योग में फ़िज़िकल हेल्थ के साथ साथ मेंटल हेल्थ पर इतना ज़ोर दिया गया है.योग हमें स्ट्रेस से स्ट्रेंथ और नेगेटिविटी से क्रिएटिविटी का रास्ता दिखाता है।

श्री मोदी ने बल देते हुए कहा कि योग हमें अवसाद से उमंग और प्रमाद से प्रसाद तक ले जाता है. अब विश्व को, M-Yoga ऐप की शक्ति मिलने जा रही है। इस ऐप में कॉमन योग प्रोटोकॉल के आधार पर योग प्रशिक्षण के कई विडियोज दुनिया की अलग अलग भाषाओं में उपलब्ध होंगे.

उन्होंने कहा कि जब भारत ने यूनाइटेड नेशंस में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव रखा था, तो उसके पीछे यही भावना थी कि ये योग विज्ञान पूरे विश्व के लिए सुलभ हो। आज इस दिशा में भारत ने यूनाइटेड नेशंस, WHO के साथ मिलकर एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है.

पीएम मोदी ने कहा कि ये आधुनिक टेक्नोलॉजी और प्राचीन विज्ञान के फ्यूजन का भी एक बेहतरीन उदाहरण है। मुझे पूरा विश्वास है कि M-Yoga ऐप, योग का विस्तार दुनिया भर में करने और One World, One Health के प्रयासों को सफल बनाने में बड़ी भूमिका निभाएगा।कोरोना काल में योग से हमारे शरीर को होने वाले फायदों पर, हमारी इम्युनिटी पर होने सकारात्मक वाले प्रभावों पर कईं स्टडीज हो रही हैं।

 

उन्होंने कहा कि सबको साथ लेकर चलने वाली मानवता की इस योग यात्रा को हमें ऐसे ही अनवरत आगे बढ़ाना है। कोई भी स्थान हो, कोई भी परिस्थिति हो, कोई भी आयु हो, हर एक के लिए योग के पास कोई न कोई समाधान जरूर है। आजकल कईं स्कूलों में ऑनलाइन क्लास की शुरुआत में 10-15 मिनट बच्चों को योग, प्राणायाम कराया जा रहा है। ये कोरोना से मुकाबले के लिए भी बच्चों की शारीरिक रूप में तैयारी करा रहा है। आज मेडिकल साइंस भी उपचार के साथ-साथ Healing पर उतना ही बल देता है और योग इसमें उपचारक है।

उन्होंने कहा कि आज योग के इस पहलू पर दुनिया भर के विशेषज्ञ अनेक प्रकार के प्रयोग कर रहे हैं, इस पर काम कर रहे हैं। महान तमिल संत श्री तिरुवल्लुवर जी ने कहा कि अगर कोई बीमारी है तो उसकी जड़ तक जाओ, बीमारी की वजह क्या है वो पता करो, फिर उसका इलाज शुरू करो। योग यही रास्ता दिखाता है।

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