भारत में ग्रामीण एवं चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय रणनीति के मसौदे पर दें अपने सुझाव

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नई दिल्ली : पर्यटन मंत्रालय का मुख्य उद्देश्य भारत में अंतर्गामी और घरेलू दोनों तरह के पर्यटन को बढ़ावा देना और सुविधा प्रदान करना है। पर्यटन के बुनियादी ढांचे को बढ़ाना, यात्रा में आसानी सुनिश्चित करना, पर्यटन उत्पादों और गंतव्यों को बढ़ावा देना लक्षित क्षेत्रों में से एक है। पर्यटन मंत्रालय ने ग्रामीण पर्यटन की अपार संभावनाओं को पहचाना है और पर्यटन के इस विशिष्ट क्षेत्र के प्रचार एवं विकास पर सक्रिय रूप से काम कर रहा है। देश में विशिष्ट पर्यटन उत्पादों की पहचान, विविधीकरण, विकास और प्रचार-प्रसार मंत्रालय की पहल है जिसका उद्देश्य ‘मौसमी’ पहलू से पार पाते हुए और भारत को 365 दिनों के गंतव्य के रूप में बढ़ावा देते हुए विशिष्ट रुचि वाले पर्यटकों को आकर्षित करना तथा यह सुनिश्चित करना है कि वे उन विशिष्ट उत्पादों के लिए बार-बार यात्रा करें जिनमें भारत के पास एक तुलनात्मक लाभ है।

पर्यटन मंत्रालय ने भारत में ग्रामीण पर्यटन के विकास के लिए एक राष्ट्रीय रणनीति और रोडमैप मसौदा तैयार किया है – जो आत्मनिर्भर भारत की दिशा में की गयी एक पहल है। “वोकल फॉर लोकल” की भावना से प्रेरित, ग्रामीण पर्यटन आत्मनिर्भर भारत के मिशन में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। भारत में ग्रामीण पर्यटन के विकास के लिए राष्ट्रीय रणनीति और रोडमैप के मसौदे को पर्यटन मंत्रालय की वेबसाइट https://tourism.gov.in/ पर “व्हाट्स न्यू” खंड में उपलब्ध लिंक को खोलकर देखा जा सकता है।

https://tourism.gov.in/sites/default/files/202106/Draft%20Strategy%20for%20Rural%20Tourism%20June%2012.pdf

रणनीति दस्तावेज के मसौदे को अंतिम रूप देने से पहले और दस्तावेज को अधिक व्यापक बनाने के लिए पर्यटन मंत्रालय, राष्ट्रीय रणनीति और रोडमैप के मसौदे पर प्रतिक्रिया/ टिप्पणियां /सुझाव आमंत्रित करना चाहता है। मंत्रालय को 30 जून, 2021 को या उससे पहले इन ई-मेल आईडी: [email protected][email protected], [email protected] पर सुझाव भेजे जा सकते हें।

 

चिकित्सा पर्यटन  के लिए भी मसौदा तैयार 

चिकित्सा पर्यटन (जिसे चिकित्सा यात्रा, स्वास्थ्य पर्यटन या वैश्विक स्वास्थ्य सेवा भी कहा जाता है) एक शब्दावाली है जिसका उपयोग स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने के लिए लोगों द्वारा दूसरे देशों की यात्रा की जाती है। आमतौर पर पर्यटकों द्वारा मांगी जाने वाली सेवाओं में वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों के साथ-साथ विशेष जटिल सर्जरी जैसे कि ज्वाइंट रिप्लेसमेंट (घुटने/ कूल्हे), हृदय सर्जरी, दांत की सर्जरी और कॉस्मेटिक सर्जरी  आदि शामिल हैं। भारत में लगभग हर प्रकार की स्वास्थ्य सेवाएं जिसमें मनोचिकित्सा, वैकल्पिक उपचार पद्धति और स्वास्थ्य देखभाल  उपलब्ध हैं। चिकित्सा पर्यटन और वेलनेस पर्यटन के विकास के प्रमुख प्रेरक मुख्य रूप से अच्छी स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता और उनकी कम लागत है। इसके अलावा हॉस्पिटेलिटी सेवाओं की सुविधा, न्यूनतम प्रतीक्षा समय, नवीनतम चिकित्सा तकनीकों की उपलब्धता और प्रमाणिकता भी सफलता के लिए बेहद अहम हैं।

हेल्थकेयर और पर्यटन दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाले उद्योग हैं। इन दोनों उद्योगों को मिलाकर ही मेडिकल वैल्यू ट्रैवल (एमवीटी) को बढ़ावा दिया जा रहा है। पिछले कुछ  वर्षों में, भारत मेडिकल वैल्यू ट्रैवल का एक शीर्ष स्थान बन गया है क्योंकि यहां पर गुणवत्तापरक स्वास्थ्य देखभाल निर्धारित करने वाले कई कारक मौजूद हैं। आयुष के माध्यम से पारंपरिक उपचार पद्धति पर ध्यान देने से भारत योग और वेलनेस का एक पसंदीदा स्थान बन गया है।

 

पर्यटन मंत्रालय ने एमवीटी की अपार संभावनाओं को पहचाना है और चिकित्सा पर्यटन के प्रचार और उसके विकास पर सक्रियता से काम कर रहा है। इसी के मद्देनजर पर्यटन मंत्रालय ने चिकित्सा और वेलनेस पर्यटन की राष्ट्रीय रणनीति और रोडमैप के लिए एक मसौदा पत्र तैयार किया है। जिसे निम्नलिखित लिंक https://tourism.gov.in/ से प्राप्त किया जा सकता है। मसौदा पत्र पर्यटन मंत्रालय की वेबसाइट  के सेक्शन "नया क्या है" में भी उपलब्ध है।
 https://tourism.gov.in/sites/default/files/202106/Draft%20Strategy%20for%20Medical%20and%20Wellness%20Tourism%20June%2012.pdf

मसौदे को अधिक व्यापक बनाने और उसके आधार पर नीति को अंतिम रूप देने से पहले पर्यटन मंत्रालय ने राष्ट्रीय रणनीति और रोडमैप के मसौदे पर प्रतिक्रिया/टिप्पणियां/सुझाव आमंत्रित किए हैं। मसौदे पर टिप्पणियां 30 जून, 2021 तक ई-मेल आईडी-[email protected], [email protected], prakash

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