नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बाढ़ प्रबंधन पर आज नई दिल्ली में एक उच्चस्तरीय बैठक की। इस बैठक में गृह मंत्री जी ने भारतीय मौसम विज्ञान विभाग, जलशक्ति मंत्रालय, केंद्रीय जल आयोग (CWC) और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) के समन्वय की नई व्यवस्था के लिए कई निर्णय लिए। साथ ही उन्होने देश में हर साल आने वाली बाढ़ की समस्या को कम करने के लिए व्यापक और महत्वपूर्ण नीति बनाने के दीर्घकालिक उपायों की भी समीक्षा की।
केंद्रीय गृह मंत्री ने अधिकारियों को देश के प्रमुख कैचमेंट जोन और क्षेत्रों में बाढ़ तथा जल स्तर बढ़ने की भविष्यवाणी के लिए एक स्थाई व्यवस्था बनाने के लिए केंद्रीय और राज्यों की एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल बनाए रखने का निर्देश दिया।
श्री शाह ने जलशक्ति मंत्रालय को बड़े बांधों से मिट्टी निकालने के लिए एक व्यवस्था बनाने का सुझाव दिया जिससे बांधों की क्षमता बढ़ाने और बाढ़ नियंत्रण में मदद मिल सकेगी।
केंद्रीय गृह मंत्री ने भारतीय मौसम विज्ञान विभाग और केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) जैसी तकनीकी संस्थाओं को मौसम और बाढ़ की अधिक सटीक भविष्यवाणी के लिए अत्याधुनिक तकनीक और सेटेलाइट डाटा का प्रयोग करने की भी सलाह दी। केंद्रीय गृह मंत्री ने बिजली गिरने संबंधी भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की चेतावनी को टेलीविजन, एफएम रेडियो, एसएमएस और अन्य माध्यमों से जनता तक शीघ्र पंहुचाने के लिए तुरंत एक SOP बनाने का निर्देश दिया। उन्होने भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मौसम भविष्यवाणी संबंधी विभिन्न मोबाइल एप जैसे ‘उमंग’, ‘रेन अलार्म’ और ‘दामिनी’ एप का अधिकतम प्रचार करने का भी निर्देश दिया ताकि इनके लाभ निर्धारित जनसंख्या तक पंहुच सकें। ‘दामिनी’ एप के माध्यम से 3 घंटे पहले बिजली गिरने संबंधी चेतावनी दी जाती है ताकि जान माल का कम से कम नुकसान हो
श्री शाह ने नदियों पर बढ़ते दबाव का सेटेलाइट के माध्यम से अध्ययन करने का भी सुझाव दिया। साथ ही उन्होने यह भी कहा कि हमें नदियों के प्रति संवेदनशील होते हुए नदी के हिस्से के जल के बारे में भी ध्यान रखना चाहिए। गृह मंत्री ने केंद्रीय जल आयोग, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल को नदियों में जलस्तर और बाढ़ की स्थिति पर लगातार निगाह बनाए रखने का निर्देश देते हुए गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेजने के लिए कहा। श्री अमित शाह ने NDRF महानिदेशक से बाढ़ संभावित राज्यों के SDRF प्रमुखों के साथ जल्द से जल्द बैठक करने का भी निर्देश दिया।
गतवर्ष 03 जुलाई को की गई समीक्षा बैठक में श्री अमित शाह द्वारा दिये गई निर्देशों का पालन करते हुए केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) ने देश के सभी जलाशयों में आने वाले पानी की पाँच दिन एडवांस में भविष्यवाणी शुरू कर दी है। श्री शाह ने आज की बैठक में जल शक्ति मंत्रालय और केंद्रीय जल आयोग से बांध के अधिकारियों को एडवांस में पानी की निकासी की जानकारी देने और उनका प्रैक्टिकल मार्गदर्शन करने के लिए विशेषज्ञों का एक एम्पावर ग्रुप बनाने का निर्देश दिया ताकि बाढ़ का प्रभाव कम किया जा सके और जानमाल की कम से कम हानि हो।
बैठक में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक और केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के अध्यक्ष ने एक प्रस्तुति दी और केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा पिछले साल की बैठक में दिये गए निर्देशों पर की गई कार्यवाई की जानकारी दी। साथ ही उन्होने मौसम और बाढ़ की भविष्यवाणी के बारे में हुए तकनीकी सुधार तथा भारत में डैम के रूल कर्व्स (Rule curves) को अपडेट करने के प्रयासों की भी जानकारी दी। सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष ने बांध और जलाशयों के प्रबंधन, नेपाल में प्रस्तावित परियोजनाओं और बाढ़ रोकथाम जैसे संरचनात्मक उपायों तथा बाढ़ भविष्यवाणी, गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी बेसिन में बाढ़ के प्रभाव को कम करने के गैर संरचनात्मक उपायों के बारे में भी जानकारी दी।
भारत में एक बड़ा क्षेत्र बाढ़ प्रभावित इलाके में आता है जिसमें गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों का बेसिन प्रमुख है। असम, बिहार, उत्तरप्रदेश और पश्चिम बंगाल सबसे अधिक बाढ़ प्रभावित राज्य हैं। बैठक में लिए गए निर्णय बाढ़ के प्रकोप से अपनी फसलें, संपत्ति, आजीविका और मूल्यवान जीवन आदि गंवाने वाले लाखों लोगों की पीड़ा कम करने में काफी महत्वपूर्ण साबित होंगे।
बैठक में जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय और गृह, जल संसाधन तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्रालयों के सचिव, एनडीएमए के सदस्य सचिव, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के महानिदेशक, केंद्रीय जल आयोग के अध्यक्ष तथा संबंधित मंत्रालय और एजेंसियों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।