कर्मचारियों को किया प्रोत्साहित
गुरुग्राम। गुरु और वक्त दोनों सीखते हैं, बस फर्क इतना है कि वक्त इम्तिहान लेकर सिखाता है और गुरु सीखकर, एक गुरु ही होता है जिसके लिए शिष्य अपना अंगूठा दे सकता है। ये लाइनें रविवार को सेक्टर 18 स्थित मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड में एक कार्यक्रम ‘लर्निंग फेस्ट इग्निट’ के दौरान बैडमिंटन के गुरु पुल्लेला गोपी चंद केआगमन पर स्वागत करने बाद कही गई।
बैडमिंटन गुरु का स्वागत मारुती कम्पनी के शीर्ष अधिकारी राजेश उप्पल, सी एस राजू, राजीव गांधी, पी वी रमन आदि तथामारुती उद्योग कामगार यूनियन के महासचिव कुलदीप जांघू ने किया। गोपी चंद ने कर्मचारियों के साथ सेल्फी खिंचवाई। गोपी चंद ने अपनी जिंदगी से जुडी अहम्मुश्किलों और अनुभव को सबके साथ बांटा तथा अपनी जिंदगी से जुड़े हार वॉर जीत के किस्से सुनाए।
कोच गोपी चंद ने कहा कि हमारे देश में खिलाड़ियों की बहुत प्रतिभाहै, खिलाडी जितनी बार गिरता है, उससे दोगुनी मेहनत से फिर उठता है ये ही अच्छे खिलाडी की पहचान है। बच्चों को पढ़ाई के साथ शारीरिक फिटनेस पर भी ध्यान देनेकी आवश्यकता है। बैडमिंटन के खेलों में सरकार की सकारात्मक सोच बताई, साथ ही उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों, कस्बों में बैडमिंटन बच्चों में खिलाड़ियों की प्रतिभा कोपहचानना होगा, उन्हें प्रोत्साहित करना होगा। आज के समय में जमीन बहुत महंगी है, जो कि बैडमिंटन के खेल में आवश्यक है।
सरकार ने हर क्षेत्र में बैडमिंटन कीजमीन उपलब्ध कराकर बच्चों को कोच के साथ नई दिशा देने की जरूरत पर जोर दिया। बैडमिंटन कोच गोपी चंद ने साइना नेहवाल, पी वी सन्धु की काबलियत के किस्सेभी बताते हुए कहा कि उनके आत्मविश्वास, लगातार परिश्रम और जूनून ने उन्हें जीत दिलाई।