पूर्व सांसद शाहबुद्दीन को मिली हाई कोर्ट से जमानत

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अब होंगे जेल से बाहर

पटना : केन्द्रीय कारा   भागलपुर में बंद सीवान के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को बुधवार को पटना हाईकोर्ट ने तेजाब हत्याकांड के गवाह राजीव रौशन की हत्या के षडयंत्र करने के आरोप में दायर जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को मोहम्मद शहाबुद्दीन की जमानत याचिका पर न्यायमूर्ति जे. एन. शर्मा ने सुनवाई की। सभी पक्षों को सुनने के बाद शहाबुद्दीन को जमानत दी गई। गौरतलब है कि सीवान में वर्ष 2004 में दो भाईयों की तेजाब डाल कर हत्या कर दी गयी थी। इस हत्याकांड का गवाह मृतकों का तीसरा भाई राजेश रौशन था जिसकी भी बाद में हत्या कर दी गयी थी।इस मर्डर केस में षडयंत्र रचने का आरोप शहाबुद्दीन पर लगा था। शहाबुद्दीन की ओर से बहस करते हुए वरीय अधिवक्ता बाई.वी.गिरी ने कहा कि कोर्ट में यही एक मामला है जहां जमानत मिलनी है जिसके बाद कोर्ट ने शहाबुद्दीन को जमानत दे दी।
बुधवार को पटना उच्च न्यायालय से चर्चित तेजाब कांड में दो भाइयों की हत्या के गवाह रहे राजीव रौशन हत्या मामले में आरोपी रहें सिवान के पूर्व सांसद मो.शहाबुद्दीन को जमानत मिल गई। दोनों हत्याओं के गवाह बने राजीव रौशन की हत्या 16 जून 2014 को सीवान के डीएवी मोड़ पर ओवरब्रिज के समीप गोली मार कर की गई थी। इस पुरे मामले में पूर्व सांसद मो.शहाबुद्दीन व उनके पुत्र ओसामा के खिलाफ़ मृतक गवाह राजीव रौशन के पिता चन्द्रकेश्वर प्रसाद उपाख्य चंदा बाबू ने सीवान नगर थाना में केस दर्ज कराइ थी।इस केस में जमानत का आवेदन बहुत समय से हाईकोर्ट में विचाराधीन था। तेजाब कांड मामले में सीवान की विशेष अदालत द्वारा मो.शहाबुद्दीन को उम्रकैद की सजा सुनायी जा चूकी है और फ़िलहाल वो भागलपुर की सेंट्रल जेल में बंद हैं। विदित हो की सीवान के एक व्यवसायी चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदाबाबू के गौशाला रोड स्थित निमार्णाधीन घर का विवाद निपटाने को लेकर हुई पंचायत के दौरान गृहस्वामी के परिजनों को आत्मरक्षा के लिए घर में रखे तेजाब का इस्तेमाल करना पड़ा था।जिस दौरान तेजाब परने से कई लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए थे। उसी दिन इस घटना के दिन व्यवसाई के दो पुत्रों गिरीश एवं सतीश का अपहरण हो गया। दोनों की बाद में तेजाब से नहलाकर हत्या कर दी गई थी. अपहृतों की मां कलावती देवी के बयान पर दो नामजदों नागेंद्र तिवारी और मदन शर्मा के साथ चार-पांच अज्ञातों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. मो.शहाबुद्दीन का नाम इस प्राथमिकी में कई साल बाद तब जुड़ा जब 6 जून 2011 को अचानक गिरीश व सतीश के बड़े भाई राजीव रौशन ने कोर्ट में खुद को चश्मदीद गवाह बताया और विशेष अदालत में अपना बयान दर्ज कराया।

बुधवार को पटना हाईकोर्ट में शहाबुद्दीन के वकील ने तर्क रखा कि राजीव रौशन की गवाही बहुत पहले ही हो चुकी है और जिस वक्त यह घटना हुई थी शहाबुद्दीन जेल में थे। शहाबुद्दीन फिलहाल विभिन्न मामलों में बिहार के भागलपुर स्थित सेंट्रल जेल में बंद हैं।

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