नई दिल्ली। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने अरब सागर में चक्रवाती तूफान तौकते के मद्देनजर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के मुख्य सचिवों के साथ-साथ लक्षद्वीप और दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन एवं दीव के केन्द्र-शासित प्रदेशों के प्रशासकों के सलाहकारों के साथ हुई। विभिन्न केन्द्रीय मंत्रालयों के सचिव भी इस वीडियो कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए।
केन्द्रीय और राज्य एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा करते हुए, श्री राजीव गौबा ने जोर देकर कहा कि चक्रवात से प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को निकालने के लिए सभी उपाय किए जाने चाहिए, जिससे किसी भी तरह की जान-माल की क्षति न हो। साथ ही प्रभावित इलाकों में बिजली, दूरसंचार और अन्य महत्वपूर्ण सेवाओं को बहाल रखने की तैयारी सुनिश्चित की जाए। कैबिनेट सचिव ने इस बात पर भी जोर दिया कि अस्पतालों और कोविड देखभाल केन्द्रों के कामकाज में व्यवधान से बचने और उन्हें ऑक्सीजन की नियमित आपूर्ति बनाए रखने के लिए भी सभी कदम उठाए जाएं। इस संबंध में अस्पतालों और कोविड देखभाल केंद्रों के निर्बाध कामकाज को सुनिश्चित करने के साथ-साथ देश भर में कोविड केन्द्रों के लिए ऑक्सीजन का उत्पादन और उसकी आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक व्यवस्था की गई है। कैबिनेट सचिव ने संबंधित एजेंसियों को आपस में बेहतर तालमेल के साथ काम करने और राज्य प्रशासन को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने का भी निर्देश दिया।
संबंधित राज्यों के मुख्य सचिवों ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति को चक्रवाती तूफान से निपटने के लिए की गई तैयारी से जुड़े उपायों के बारे में अवगत कराया। खाद्यान्न, पेयजल और अन्य आवश्यक वस्तुओं के पर्याप्त स्टॉक की व्यवस्था की गई है और बिजली, दूरसंचार आदि जैसी आवश्यक सेवाओं को बनाए रखने की तैयारी की गई है।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने बताया कि उन्होंने प्रभावित राज्यों में 79 टीमों को तैनात/उपलब्ध कराया है और 22 अतिरिक्त टीमों को भी तैयार रखा गया है। जहाजों और विमानों के साथ थल सेना, नौसेना और तटरक्षक बल के बचाव और राहत दल भी तैनात किए गए हैं।