प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना का प्रीमियम हरियाणा सरकार देगी : मनोहर लाल

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चण्डीगढ 13 मई-कोविड महामारी के बीच बीपीएल परिवारों के लिए बड़ी पहल करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना का प्रीमियम सरकार की ओर से देने का निर्णय लिया है। साथ ही, उन्होंने ग्रामीणों से अपील की है कि वे ठीकरी पहरा लगाएं और गांवों के बाहर से आने वाले लोगों को होम आईसोलेशन में रखें।


इसकी घोषणा आज उन्होंने यहां डिजिटल प्रैसवार्ता के दौरान की। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन गांवों से लोगों की आवाजाही ज्यादा हो रही है, वे कोरोना के हॉट स्पॉट बनते जा रहे हैं। इसलिए गांवों में बाहर से आने वाले लोगों पर कड़ी निगरानी रखना जरूरी हैै क्योंकि ऐसे लोग अन्य ग्रामीणों के लिए खतरा बन रहे है। उन्होंने कहा कि पिछले साल कोरोना के दौरान ग्रामवासियों ने सख्त ठीकरी पहरा लगाया था और कोरोना को गांवों में घूसने से रोक दिया था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो रहा है जिसका परिणाम गांवों में भी कोरोना फैलना है।

उन्होंने यह भी अपील की कि गांवों में किसी को भी कोरोना का जरा सा भी लक्षण दिखने पर वह अपनी जांच करवाएं और होम आईसोलेशन में रहे।
मुख्यमंत्री ने गरीब परिवारों से आग्रह किया कि वे बैंक में जाकर फार्म भरें ताकि उन्हें प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना का लाभ मिल सके। इस योजना के फार्म 31 मई तक भरे जाएंगे। इसके लिए प्रीमियम की पहली किस्त खाताधारक के खाते में होनी जरूरी है। जैसे ही उसके खाते से किस्त का प्रीमियम कटेगा तो सरकार की ओर से उसके खाते में प्रीमियम की राशि जमा करवा दी जाएगी। यह योजना 18 से 50 वर्ष तक की आयु के लोगों के लिए है, जिसका सालाना प्रीमियम 330 रुपए है। बीपीएल के पात्र परिवारों के लिए इस योजना का प्रीमियम उनके खाते से कटने के बाद भविष्य मेें भी हर वर्ष उनके खाते में जमा करवाया जाता रहेगा। इस योजना के तहत प्रदेश के पात्र व्यक्ति की किसी भी कारण से मृत्यु होने पर परिवार को 2 लाख रुपए का बीमा लाभ मिलता है।


उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जिन गरीब परिवारों के ऐसे व्यक्तियों की अकाल मृत्यु हो गई है और वे किसी कारणवश इस योजना के लाभ के लिए फार्म नहीं भर पाए, उन्हें सरकार की ओर से दो लाख रुपए की राशि का लाभ दिया जाएगा। इस योजना के लिए लाखों परिवार पात्र हैं।


मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी परिवार से कोई दूनिया से चला जाता है तो उसके कारण बेहद पीड़ा होती है। बहुत से परिवार असमय हादसे से उभर नहीं पाते। उन्होंने कहा कि चूंकि बहुत से परिवार ऐसे है जो गरीबी में जीवन जी रहे हैं और उनका कई बार कमाने वाला व्यक्ति कम उम्र में दूनिया से विदा हो जाता है तो उस परिवार के समक्ष संकट की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। ऐसे परिवारों के लिए यह योजना सहायक होगी।


उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार इससे पहले भी कोविड महामारी के दौरान बीपीएल परिवारों के लिए वित्तीय सहायता की कई योजनाएं चला रही है। कोविड ग्रस्त बीपीएल परिवार के होम आईसोलेशन में रहकर इलाज लेने वाले को एकमुश्त 5 हजार रुपए की सहायता प्रदान की जा रही है। इसके अलावा, निजी अस्पताल में उपचार करवाने वाले बीपीएल परिवार के व्यक्ति के इलाज के लिए अस्पताल को अधिकतम सात दिन के लिए 5 हजार रुपए प्रतिदिन के हिसाब से राशि प्रदान करने की योजना है। उन्होंने बताया कि हरियाणा के मरीजों का इलाज करने के लिए निजी अस्पतालों को प्रतिदिन प्रति मरीज एक हजार रुपए की राशि दिए जाने का भी प्रावधान है।


पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के निजी व सरकारी अस्पतालों में 17 हजार ऑक्सीजन बेड हैं, जिनमें से लगभग 13500 पर मरीज दाखिल है। उन्होंने कहा कि हालांकि इन ऑक्सीजन बेड की व्यवस्थाओं में 60 प्रतिशत योगदान निजी अस्पतालों का है, लेकिन यह बात कष्ट देती है जब पता चलता है कि कुछ अस्पताल निर्धारित रेट से अधिक की राशि वसूल कर रहे हैं। ऐसा करने पर पकड़े जाने पर अपराधिक अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए ऑक्सीजन सप्लाई बंद करने और डि-रजिस्ट्रेशन जैसी कार्रवाई भी अमल में लाई जा सकती है। उन्होंने एम्बुलेंस वालों से भी तय रेट से ज्यादा न वसूलने का अनुरोध किया।


एक अन्य जवाब में उन्होंने कहा कि डाक्टर की सलाह पर ऑक्सीजन डिलीवरी घर पर दी जा रही है और यह व्यवस्था बहुत हद तक सामान्य हो गई है। आज दोपहर तक 6 हजार मरीजों ने रजिस्ट्रेशन करवाया, जिसमें से अब तक 3000 से अधिक को सिलेण्डर रीफिल घर पर भिजवाए जा चुके है। उन्होंने कहा कि लगातार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मंगवाए जा रहे हैं। कुछ सामाजिक संस्थाएं भी इसमें सहयोग कर रही है और विदेशों में रह रहे हमारे कुछ हितैषी भी कंसंट्रेटर भेज रहे हंै। उन्होंने कहा कि सरकार आईसोलेशन सेंटर पर सभी आवश्यक व्यवस्थाएं करेंगी। ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे सैंटर बनाए जा रहे हैं जिनमें से एक हजार पर कार्य शुरू हो गया है। इसके लिए पंचायतों के प्रतिनिधियों का सहयोग लिया जा रहा है। ईएसआई से डाक्टरों और पेरामेडिकल स्टाफ मिला है जिनकी सेवांए ग्रामीण क्षेत्रों में पीएचसी और सीएचसी पर ली जाएगीं।


वेक्सिनेशन के सवाल पर उन्होंने कहा कि चरणों में यह अभियान चल रहा है। अब तक लगभग 47 लाख इंजेक्शन लग चुके है। इसके अलावा 18 से 45 वर्ष की आयु के लोगों के लिए 50 लाख डोज के आर्डर दिए गए हैं, जिसमें से अभी तक 6 लाख वेक्सिन की डोज मिल चुकी है। दूसरी डोज प्राथमिकता के आधार पर दी जा रही है।


उन्होंने कहा कि वेक्सिन आपूर्ति में से 20 प्रतिशत फ्रंटलाईन वर्कर के लिए रिजर्व किया गया है। इनमें बिजली, रोडवेज, जन-स्वास्थ्य और पत्रकार शामिल हैं। रूसी वेक्सिन स्पूतनिक के लिए ग्लोबल टैण्डर की व्यवस्था कर ली गई है। वेक्सिन के लिए सारा खर्च सरकार की ओर से वहन किया जाएगा। सरकारी अस्पतालों में वेक्सिन नि:शुल्क लगाई जाएगी। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन बेड की कोई कमी नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों की पीएचसी व सीएचसी में 5 से 20 बेड तैयार किए जा रहे हैं जिनमें से कुछ स्थानों पर शुरू हो गए है।


ब्लैक फंगस पर कार्य कर रहा स्वास्थ्य विभाग


एक प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के कारण ब्लैक फंगस के मामले सामने आने पर स्वास्थ्य विभाग ने कार्य करना शुरू कर दिया है। इस पर जल्द ही काबू पा लिया जाएगा। उन्होंने संकट के समय में विपक्ष से सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि मेडिकल जैसे पवित्र कार्य पर शंका करना ठीक नहीं है। इसलिए लक्षण दिखने पर जांच अवश्य करवाएं।


मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि उनके संज्ञान में कोई समस्या एवं सुझाव आते हैं तो वे उनके ट्वीटर हैण्डल पर डाल सकते हैं। इस पर 24 घण्टे नजर रहती है और समस्या का तत्काल समाधान करवाया जाएगा।


इस अवसर पर मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डा. अमित अग्रवाल और प्रधान मीडिया सलाहाकार श्री विनोद मेहता भी उपस्थित रहे।

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