आर टी आई एक्टिविस्ट हरीन्द्र धींगरा व उनके दो पुत्र 15 करोड़ के बैंक घोटाले के आरोप में गिरफ्तार, जांच के लिए ए सी पी क्राइम II के नेतृत्व में एस आई टी गठित, पुलिस ने जनता से मांगे और सबूत

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हरीन्द्र धींगरा की पत्नी व पुत्र वधु पर भी धोखाधड़ी व गबन में शामिल होने के आरोप , मामला दर्ज

डीएलऍफ़ में भी जबरन प्लाट कब्जा करने व पैसे ऐंठने का मामला प्रकाश में आया : ए सी पी क्राइम, धरमवीर

नई दिल्ली : गुरुग्राम पुलिस ने अपने आपको आर टी आई एक्टिविस्ट (RTI Activist)  बताने वाले हरिन्द्र धींगड़ा व उसके परिजनों पर योजनाबद्व तरीके से आम जनता का बैंकों में रखा हुआ पैसा लोन के तौर पर लेकर करीब 15 करोड रुपये का गबन करने पर मामला दर्ज किया है।.मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस कमिश्नर गुरुग्राम के के राव ने इस प्रकरण की जांच के लिए सहायक पुलिस आयुक्त अपराध द्वितीय, गुरुग्राम धरमवीर के नेतृत्व में एस आई टी गठन कर दिया है. पुलिस ने आरोपी हरिन्द्र धींगड़ा उनके पुत्र तरुण धींगड़ा और प्रशांत धींगड़ा को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दी है. गुरुग्राम पुलिस ने जिला के लोगों से अपील की है कि अगर किसी के पास इन आरोपियों के खिलाफ कोई दस्तावेज या शिकायत है तो वे बिना किसी भय के पुलिस को सौंप सकते हैं.   

आर टी आई एक्टिविस्ट हरीन्द्र धींगरा व उनके दो पुत्र 15 करोड़ के बैंक घोटाले के आरोप में गिरफ्तार, जांच के लिए ए सी पी क्राइम II के नेतृत्व में एस आई टी गठित, पुलिस ने जनता से मांगे और सबूत 2
ए सी पी क्राइम द्वितीय गुरुग्राम , धरमवीर

गुरुग्राम पुलिस के ए सी पी क्राइम द्वितीय गुरुग्राम, धरमवीर ने बताया कि गत 16 अप्रैल 2021 को गुरुग्राम पुलिस को एक शिकायत प्राप्त हुई कि हरिन्द्र धींगड़ा, उसकी पत्नी पूनम धींगड़ा, उसके बेटे प्रशान्त धींगड़ा व तरुण धींगड़ा ने अपने प्लाट नम्बर 7/डी0-4ए0, डी0एल0एफ0 फेस-1, गुरुग्राम पर वर्ष 2003 में अपनी कम्पनी  M/s Elegance Fabrics Pvt. Ltd. के नाम से करोडों रुपये का लोन लेकर बैंक को लोन का वापस नहीं किया . उसी प्रोपट्री को दोबारा से OBC Bank में Mortgage कर हरिन्द्र धींगड़ा के बेटे प्रशान्त धींगड़ा ने अपनी फर्म तरुण एक्सपोर्ट (Tarun Exports)  के नाम से करोडों लोन का दोबारा ले लिया।

उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता ने बताया कि इसके बाद बैंकों से लिया गया कर्ज वापस नहीं करने की नीयत से बैंकों के साथ धोखाधडी व अदालतों में झूठी सूचना देकर जाली दस्तावेजों के आधार पर उपरोक्त प्लाट की हरिन्द्र धींगड़ा ने अपने दूसरे बेटे तरुण धींगड़ा व अपने पौत्र गर्व धींगड़ा पुत्र प्रशान्त धींगड़ा के नाम पर फर्जी तौर पर परिवार के सदस्यों में ट्रान्सफर (Transfer Deed in Blood relation ) कराकर आम जनता के करोडों रुपये बैंको से लोन के माध्यम से कथित तौर पर गबन कर लिया है।

ए सी पी क्राइम द्वितीय गुरुग्राम ने बताया कि उपरोक्त आरोपों की गम्भीरता के मद्देनजर गुरुग्राम पुलिस ने इसकी जांच राजपत्रित अधिकारी द्वारा कराई। जांच के दौरान खुलासा हुआ कि हरिन्द्र धींगड़ा व उसकी पत्नी पूनम धींगड़ा ने वर्ष 2001 मे प्रदीप कुमार से उपरोक्त प्लाट नम्बर 7/डी0-4ए0, डी0एल0एफ0 फेस-1, गुरुग्राम खरीदा था। इस प्रॉपर्टी में दोनों पति-पत्नी की आधी/आधी हिस्सेदारी थी।

उनके अनुसार जांच में यह भी पता चला कि इंडियन ओवरसीज बैंक ( Indian Overseas Bank ) के रिकार्ड अनुसार वर्ष 2003 में पूनम धींगड़ा व उसके बेटे प्रशान्त धींगड़ा ने अपनी कम्पनी M/s  Elegance Fabrics Pvt. Ltd के नाम से अलग-अलग प्रकार का लोन ले लिया और उसमें अपनी व्यक्तिगत गारंटी (Personal Guarantee ) रखी।

जांच का हवाला देते हुए उनकी ओर से यह भी बताया गया कि उपरोक्त लोन व लोन एन0पी0ए0 होने के बाद इस परिवार ने आपस में कथित साजिश रचकर प्रशान्त धींगड़ा ने अपने माता-पिता ( हरिन्द्र धींगड़ा व पूनम धींगड़ा ) के खिलाफ लोक अदालत गुरुग्राम में उपरोक्त प्लाट के लिये दावा डाल दिया।

इस मामले में 27 नवम्बर 2006 को लोक अदालत गुरुग्राम के आदेशानुसार उपरोक्त प्लाट को समझौतें के आधार पर दोनों ने यह प्लाट अपने बेटे प्रशान्त धींगड़ा के नाम कर दिया। जिस पर प्लाट प्रशान्त धींगड़ा के नाम होने पर उसने उक्त प्लाट को ओ बी सी (OBC Bank )  में गिरवी ( Mortgage )  कर वर्ष 2007 में अपनी फर्म तरुण एक्सपोर्ट्स ( Tarun Exports )  के नाम करीब 8 करोड रुपये का लोन ले लिया। यह लोन बैंक को वापस नहीं करने के कारण वर्ष 2008 में उक्त कंपनी एन0पी0ए0 हो गई।

उनके अनुसार जांच में यह खुलासा हुआ कि आरोपियों द्वारा उपरोक्त दोनों बैकों के लोन को वापस नहीं करने पर बैंक द्वारा आरोपी पक्ष को नोटिस भेजा गया। नोटिस मिलने के बाद आरोपी ने आपस में मिलकर एक अन्य दावा गर्व धींगड़ा जो प्रशान्त धींगड़ा का बेटा है, के नाम से गुरुग्राम कोर्ट में डाल दिया। इसके बाद इन आरोपियों ने मिलकर लोक अदालत के आदेश को रद्द कराने के लिये एक याचिका पंजाब & हरियाणा उच्च न्यायालय, चण्डीगढ में डाल दी। इस पर उच्च न्यायालय ने 08 फ़रवरी 2016 को लोक अदालत गुरुग्राम के आदेश को रद्द करते हुए यह प्लाट वापस पति-पत्नी हरिन्द्र धींगड़ा व पूनम धींगड़ा के नाम करने का निर्णय दिया।

गुरुग्राम पुलिस के ए सी पी क्राइम का कहना है कि जांच में पता चला कि बैंकों द्वारा उपरोक्त प्लाट को attachment कराने की कार्यवाही DRT व उच्च न्यायालय चण्डीगढ में विचाराधीन होने के बावजूद उपरोक्त सभी आरोपियों ने मिलकर योजनाबद्व तरीके से फर्जी दस्तावेज तैयार कर झूठे तथ्यों के आधार पर हरिन्द्र धींगड़ा व पूनम धींगड़ा ने अपने दूसरे बेटे तरुण धींगड़ा व अपने पौत्र गर्व धींगड़ा पुत्र प्रशान्त धींगड़ा के नाम पर Transfer Deed in Blood relation करा दी। जिससे इनको बैंको का लोन वापस नहीं भरना पड़े और बैंक इनके प्लाट की निलामी भी नहीं करा सके।

मामले पर गुरुग्राम पुलिस की ओर से जारी वक्तव्य :

▪️उपरोक्त परिवाद की जांच के दौरान यह सामने आया कि हरिन्द्र धींगड़ा ने अपनी पत्नी पूनम धींगड़ा व अपने दोनों बेटों प्रशान्त धींगड़ा, तरुण धींगड़ा व प्रशान्त धींगड़ा की पत्नी तानी धींगड़ा व अपने पौत्र गर्व धींगड़ा पुत्र प्रशान्त धींगड़ा के साथ मिलकर बडी चालाकी से आपस में साझ-बाझ होकर योजनाबद्ध तरीके से बैंकों से करीब 15 करोड रुपये लोन के लेकर कथित गबन करना पाया जाने पर उपरोक्त आरोपियों के विरुद्व थाना डी0एल0एफ0 फेस-1, गुरुग्राम में नियमानुसार उचित धाराओं 420,467,468,471,120बी0 भा0द0स0 के तहत अभियोग अंकित किया गया है।

▪️अभियोग की गम्भीरता को देखते हुए अभियोग के अनुसंधान हेतू सहायक पुलिस आयुक्त अपराध द्वितीय, गुरुग्राम की देखरेख में एक विशेष अनुसंधान टीम का गठन किया जा चुका है। इस गठित की गई विशेष अनुसंधान टीम द्वारा अभियोग का आगामी अनुसंधान अमल में लाया जा रहा है।

▪️हरिन्द्र धींगड़ा जो अपने आपको एक RTI Activist बताता है। वह अपने साथी रविन्द्र यादव के साथ मिलकर RTI Act. का नाजायज फायदा उठाते हुए बैंकों/सरकारी कर्मचारियों/अधिकारियों पर दबाव बनाने की नियत से आम जनता को सरकारी तन्त्र का भय दिखाकर उन पर दबाव बनाकर कथित तौर पर पैसें एठनें का काम करते है।

▪️इसके अलावा वर्ष 2017 में हरिन्द्र धींगड़ा के विरुद्ध 186/506 /294 भा0द0स0 का थाना सदर में एक अभियोग अंकित किया गया। जिसमें आरोपी हरिन्द्र धींगड़ा के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही करते हुये चालान न्यायालय में दिया जा चुका है।

आर टी आई एक्टिविस्ट हरीन्द्र धींगरा व उनके दो पुत्र 15 करोड़ के बैंक घोटाले के आरोप में गिरफ्तार, जांच के लिए ए सी पी क्राइम II के नेतृत्व में एस आई टी गठित, पुलिस ने जनता से मांगे और सबूत 3

▪️RTI के माध्यम से बिल्डर्स/सरकारी कर्मचारियों/अधिकारियों पर कथित तौर पर दबाव बनाकर नाजायज तरीके से जमीनों पर कब्जा करना एवम् पैसें ऐठने का काम करते है।

▪️आरोपी हरिन्द्र धींगड़ा ने अपने साथी रविन्द्र यादव के साथ मिलकर डी0एल0एफ0 के प्लाटों पर नाजायज तरीके से कथित कब्जा करने की शिकायत गुरुग्राम पुलिस को मिलने पर इनके कब्जा से डी0एल0एफ0 के दो बडें प्लाट जिस पर रविन्द्र यादव ने कथित तौर पर आरोपी हरिन्द्र धींगड़ा के इशारे पर कब्जा कर रखा था, उसको छुडवाया गया।

▪️इसके अलावा आरोपी हरिन्द्र धींगड़ा का साथी रविन्द्र यादव जिसके खिलाफ भी मारपीट करने, महिला के साथ छेडछाड करने व गाली-ग्लौच करने, डी0एल0एफ0 फेस-1 की जनता को भय दिखाने उनके साथ गाली-ग्लौच करने, हथियार दिखाने व जान से मारने की धमकी देने के सम्बन्ध में अलग-अलग धाराओं में पहले से ही अभियोग अंकित है।

▪️यह भी ज्ञात हुआ है कि हरिंद्र धींगड़ा उपरोक्त अपने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर आम जनता को RTI  Act. का भय दिखाकर कथित तौर पर परेशान करता है एवम् अवैध तरीके से पैसे ऐठनें जैसी हरकतें करता है। इसलिए गुरुग्राम पुलिस का आम जनता से यह अनुरोध है कि हरिन्द्र धींगड़ा व इसके सहयोगियों के विरुद्व यदि किसी भी व्यक्ति के पास कोई ऐसी सूचना या दस्तावेज है, तो वह व्यक्ति बिना किसी भय व डर के गुरुग्राम पुलिस को सूचित करें ताकि इनके विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जा सके।

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