नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज यहां वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कोविड-19 पर मंत्रियों के समूह (जीओएम) की 25वीं उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। उनके साथ इस बैठक में विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी शामिल हुए। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप एस पुरी, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और रासायनिक और उर्वरक नित्यानंद राय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे भी इस बैठक में ऑनलाइन शामिल हुए। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. विनोद के पॉल भी इस दौरान बैठक में उपस्थित थे।
शुरुआत में, डॉ. हर्षवर्धन ने जीओएम के अन्य सदस्यों को कोविड-19 मामलों में दैनिक रिकवरी के लगातार बढ़ते आंकड़ों के बारे में अवगत कराया। उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटों में 3 लाख से अधिक मरीज ठीक हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि “180 जिलों ने पिछले 7 दिनों में कोई ताजा मामले नहीं दिखाए हैं, 14 दिनों में 18 जिलों, 21 दिनों में 54 जिलों और पिछले 28 दिनों में 32 जिलों में कोई भी नया मामला नहीं आया है।” उन्होंने कहा कि आईसीयू बेड में मरीजों की संख्या 4,88,861 है जबकि 1,70,841 मरीज वेंटिलेटर और 9,02,291 मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं। आज की तारीख में कुल मरीजों का 1.34 प्रतिशत आईसीयू, 0.39 प्रतिशत वेंटिलेटर्स और 3.70 प्रतिशत ऑक्सीजन सपोर्ट पर भर्ती हैं।
डॉ. हर्षवर्धन ने मंत्रियों के समूह को सूचित किया कि, “देश में आज कोविड-19 वैक्सीन लगवाने वाले लोगों की संख्या 16.73 करोड़ को पार कर गई है जिसमें कल लगी लगभग 23 लाख वैक्सीन की खुराक शामिल हैं। राज्यों को कुल 17,49,57,770 डोज दिए गए हैं, जिनमें से 16,65,49,583 डोज की खपत हुई है और 84,08,187 डोज अभी भी राज्यों के पास उपलब्ध हैं। उन्होंने आगे कहा कि कुल 53,25,000 खुराक पाइपलाइन पर हैं और जल्द ही राज्यों को आपूर्ति की जाएगी।
दो कोविड वैक्सीन खुराक के माध्यम से पूर्ण सुरक्षा के महत्व को दोहराते हुए, उन्होंने फिर से सभी नागरिकों से दूसरी खुराक प्राप्त करने की अपील की जो कोवि़ड के खिलाफ प्रतिरक्षा को बढ़ा देता है। उन्होंने राज्यों से दूसरी खुराक के लिए भारत सरकार के माध्यम से प्राप्त 70 प्रतिशत टीकों को अलग रखने का अनुरोध किया।
भारत में किए जा रहे कोविड टेस्ट पर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने उल्लेख किया कि देश प्रति दिन 25,00,000 कोविड टेस्ट की क्षमता तक पहुँच गया है। उन्होंने बताया कि भारत में अब तक कुल 30,60,18,044 टेस्ट किए गए हैं, जिसमें पिछले 24 घंटों में 18,08,344 टेस्ट शामिल हैं। एनआईवी पुणे में सिर्फ एक लैब से समेत देश में इस वक्त 2,514 लैब अपनी सेवाएं दे रही हैं।
नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) के निदेशक डॉ. सुजीत कुमार सिंह ने भारत के कोविड-19 के ग्राफ के साथ साथ अन्य देशों के ग्राफ पर प्रकाश डाला। उन्होंने टियर-II/III शहरों में कोविड-19 टेस्टिंग और अस्पतालों के बुनियादी ढांचे के विकास के महत्व को रेखांकित किया क्योंकि इन्हीं इलाकों में कोविड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
महाराष्ट्र (1.27 प्रतिशत), कर्नाटक (3.05 प्रतिशत), केरल (2.35 प्रतिशत), उत्तर प्रदेश (2.44 प्रतिशत), तमिलनाडु (1.86 प्रतिशत), दिल्ली (1.92 प्रतिशत), आंध्र प्रदेश (1.90 प्रतिशत), पश्चिम बंगाल ( 2.19 प्रतिशत), छत्तीसगढ़ (2.06 प्रतिशत), राजस्थान (2.99 प्रतिशत), गुजरात (2.40 प्रतिशत), मध्य प्रदेश (2.24 प्रतिशत) जैसे राज्यों का यहां खास उल्लेख किया गया जहां पिछले 7 दिनों में कोविड मामले तेजी से बढ़े हैं।
बेंगलुरु (शहरी), गंजम, पुणे, दिल्ली, नागपुर, मुंबई, एर्नाकुलम, लखनऊ, कोझीकोड (कालीकट), ठाणे, नासिक, मलप्पुरम, त्रिशूर, जयपुर, गुड़गांव, चेन्नई, तिरुवनंतपुरम, चंद्रपुर, कोलकाता, पलक्कड़ के इन 20 जिलों/ महानगरों में देश सबसे ज्यादा सक्रिय मामले हैं। संक्रमित लोगों की दर और मृत्यु दर को कम करने के लिए उच्च संचरण क्षेत्रों में समय पर नैदानिक देखभाल पर प्रावधान के तहत क्लीनिक- महामारी विज्ञान के आपसी जुड़ाव के साथ ट्रांसमिशन डायनेमिक्स के साथ जीनोमिक निगरानी, नैदानिक गंभीरता और नए मामलों की ऐज प्रोफाइलिंग की जरूरत पर जोर देते हुए इन्हें आगे के लिए महत्वपूर्ण कदमों के रूप में उल्लेखित किया गया है।
अध्यक्ष के रूप में डॉ. वी के पॉल ने एम्पावर्ड ग्रुप-1 के काम पर एक विस्तृत रिपोर्ट पेश की। उन्होंने अस्पताल में भर्ती मरीजों के प्रभावी नैदानिक प्रबंधन के लिए अस्पताल के बुनियादी ढांचे के सुधार के लिए किए गए विभिन्न प्रयासों पर प्रकाश डाला। समुदाय के नेतृत्व वाले प्रयासों और प्रतिबंधों के माध्यम से तीव्र रोकथाम द्वारा संक्रमण को रोकने के लिए तत्काल कदम, सही और पुख्ता जानकारियों का दूर तक प्रसार और दहशत फैलाने वाली गलत सूचनाओं पर रोकथाम, घर पर कोविड मरीज की देखभाल को प्रोत्साहन, कोविड उपचार से जुड़ी सभी जटिलताओं को आसान करके अस्पतालों के बोझ को कम करने पर जोर, रेमडेसिविर, ऑक्सीजन और अन्य दवाओं के सही इस्तेमाल, रेल के डिब्बों को आइसोलेशन बेड के रूप में इस्तेमाल करने में तेजी लाने और ग्रामीण इलाकों में कोविड देखभाल पर ध्यान केंद्रित करने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में डॉ. पॉल ने प्रकाश डाला। विभिन्न हितधारकों के माध्यम से महामारी विज्ञान के साक्ष्य, गतिशील मार्गदर्शन और राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों की गाइडेंस के लिए नई तकनीकी सलाह पर प्रगति के बारे में भी बताया गया।
सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सचिव (अध्यक्ष, एम्पावर्ड ग्रुप-2) श्री गिरिधर अरामने ने लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन, आवंटन और आपूर्ति का वर्तमान परिदृश्य प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि कोविड रोगियों की वर्तमान मांग को पूरा करने के लिए लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) का उत्पादन अधिकतम किया गया है। उन्होंने कहा कि घरेलू उत्पादन बढ़कर 9400 मीट्रिक टन प्रति दिन हो गया है। उनके द्वारा एलएमओ को आयात करने के लिए कदम, डीआरडीओ और सीएसआईआर के सहयोग से पीएम केयर्स फंड की मदद से पीएसए ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना की स्थिति, टैंकर की उपलब्धता में वृद्धि, एलएमओ टैंकरों के रियल टाइम ट्रैकिंग के लिए वेब पोर्टल और मोबाइल एप्लिकेशन के कामकाज का ब्यौर भी पेश किया गया।
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत, विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला, सचिव (वाणिज्य) अनूप वाधवान, सचिव (स्वास्थ्य अनुसंधान) और महानिदेशक (आईसीएमआर) डॉ. बलराम भार्गव, अपर सचिव और मिशन निदेशक, एनएचएम (स्वास्थ्य) वंदना गुरनानी, अपर सचिव (स्वास्थ्य मंत्रालय) आरती आहूजा, स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक (स्वास्थ्य मंत्रालय) डॉ. सुनील कुमार, महानिदेशक विदेश व्यापार (विदेश व्यापार महानिदेशालय) अमित यादव और आईटीबीपी, रक्षा मुख्यालय के प्रतिनिधि इस बैठक में उपस्थित थे।