हरियाणा सरकार प्राइवेट हॉस्पिटल को कोरोना वैक्सीन नहीं देगी

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प्राइवेट हॉस्पिटल्स को खुद ही कंपनियों से खरीदनी होगी वैक्सीन

निजी वर्किंग प्लेस या रेजिडेंशियल एरिया में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की ओर से वैक्सीनेशन शिविर का आयोजन नहीं किया जाएगा

वैक्सीन की दूसरी डोज गुरुग्राम में 30 सेंटरों पर 5 मई से मिलेगी

सुभाष चौधरी

चंडीगढ़/गुरुग्राम :  हरियाणा सरकार की ओर से किसी भी निजी वर्किंग प्लेस या रेजिडेंशियल एरिया में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की ओर से वैक्सीनेशन शिविर का आयोजन नहीं करने का आदेश जारी किया गया है। उक्त आदेश में यह साफ कर दिया है कि निजी संस्थानों के प्रतिनिधि किसी भी प्राइवेट हॉस्पिटल से वैक्सीनेशन के लिए संपर्क कर सकते हैं। सरकार प्राइवेट हॉस्पिटल को वैक्सीन की आपूर्ति नहीं करेगी उन्हें सीधे वैक्सीन उत्पादक कंपनियों से वैक्सीन खरीदनी होगी.  

इस आदेश में यह भी कहा गया है कि जिले के जो भी प्राइवेट हॉस्पिटल कोविड-19 वैक्सीनेशन शिविर का आयोजन करना चाहते हैं उन्हें अपने स्तर पर ही सीधे वैक्सीन उत्पादक कंपनियों से वैक्सीन खरीदने होंगे. सरकार किसी भी प्राइवेट हॉस्पिटल को 1 मई के बाद वैक्सीन मुहैया नहीं कराएगी।

उल्लेखनीय है कि गुरुग्राम जैसे शहर में प्रथम और द्वितीय चरण के वैक्सीनेशन के दौरान स्वास्थ्य विभाग ने स्वयं कई बड़े और मध्यम दर्जे की हॉस्पिटल में वैक्सीनेशन का सत्र आयोजित करने को अधिकृत किया था. हालांकि सभी प्राइवेट हॉस्पिटल में 250 रुपए की कीमत पर वैक्सीन की डोज दी गई।

इस बीच प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय स्तर के एक्सपर्ट कमिटी की हुई बैठक के बाद 2 सप्ताह पूर्व ही 18 वर्ष की उम्र से अधिक वाले व्यक्तियों को भी वैक्सीनेशन के लिए वैध घोषित किया गया। 1 मई से इस योजना को लागू करने का ऐलान स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. इसके लिए बड़े पैमाने पर हरियाणा प्रदेश से भी लोगों ने वैक्सीनेशन के लिए सरकार के पोर्टल पर अपना पंजीकरण करवाया है। वैक्सीनेशन का यह प्रोग्राम 3 मई से शुरू किया गया क्योंकि स्वास्थ्य विभाग के पास भी वैक्सीन की कमी थी। केंद्र सरकार की ओर से वैक्सीन की खेप आने के बाद ही राज्य सरकार ने इस सत्र को शुरू करने की हरी झंडी दी।

सरकारी शिविरों पर पिछले 2 दिनों से वैक्सीन की डोज लेने वालों की भीड़ उमड़ने लगी है। अब हालत यह है कि ऐसे व्यक्ति जो 45 वर्ष से अधिक की उम्र के थे और जिन्होंने वैक्सीन की पहली डोज ले ली है, अब दूसरी डोज के लिए उन्हें दर-दर भटकना पड़ रहा है.

इसका बड़ा कारण यह है कि प्राइवेट हॉस्पिटल में वैक्सीन की आपूर्ति नहीं की जा रही है। अब सरकार ने प्राइवेट हॉस्पिटल को वैक्सीन मुहैया कराने से साफ मना कर दिया है। ऐसे में प्राइवेट कंपनियों और बड़ी आवासीय सोसायटीयों के रेजिडेंट्स को अब सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में चल रहे वैक्सीनेशन शिविरों पर ही निर्भर रहना पड़ेगा। वैक्सीन की कीमतों को लेकर भी लोग भ्रमित हैं. इसलिए अब अधिकतर लोगों ने प्राइवेट हॉस्पिटल की बजाए सरकारी वैक्सीनेशन सेंटर का रुख करना शुरू कर दिया । इससे भी सरकारी वैक्सीनेशन सेंटर्स पर अफरातफरी का माहौल देखने को मिलने लगा है. बावजूद इसके कि प्रत्येक सेंटर पर प्रतिदिन अधिकतम 100 लोगों को ही वैक्सीन की डोज देने का निर्णय लिया गया है।

शहर के वरिष्ठ नागरिकों की ओर से इस प्रकार की अफरातफरी में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ने की आशंका जताई गई है। इसलिए ऐसे व्यक्ति जो 45 वर्ष से अधिक उम्र के हैं और जिन्हें अन्य प्रकार की गंभीर बीमारियां हैं और जो वैक्सीन की पहली डोज ले चुके हैं उनके लिए स्वास्थ्य विभाग ने 5 मई से गुरुग्राम में 30 सरकारी वैक्सीनेशन सेंटर पर दूसरी डोज के लिए वैक्सीनेशन का सत्र शुरू करने की जानकारी जारी की है।

जिन सेंटरों पर दूसरी डोज दी जायेगी उनमें सी एच सेक्टर 10 फिरोज गांधी, सीएचसी घंगोला, सीएचसी पटौदी, पीएचसी भोंडसी, पीएचसी भांग रोला, पीएचसी भोरा कला, पीएचसी दौलताबाद, पीएचसी गढ़ी हरसरू, पीएचसी गुड़गांव विलेज, पीएचसी कासन, पीएचसी मांड पूरा, पल्ला, वजीराबाद, पॉलीक्लिनिक सेक्टर 31, एसडीएच हेली मंडी, एसडीएच सोहना , यूपीएचसी चोमा, यूपीएससी नाथूपुर, तिगरा, सेक्टर 49, पीएचसी बादशाहपुर, यूपीएचसी राजेंद्र पार्क, फिरोज गांधी कॉलोनी, खांडसा, सूरत नगर, ओम नगर, गांधी नगर, पटेल नगर, बसई एनक्लेव, मुल्लाहेड़ा और यूपीएचसी नाहरपुर रूपा के नाम शामिल हैं।

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