सुभाष चौधरी
गुरुग्राम: गुरुग्राम जिला में कोरोना संक्रमण ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. आज यानी शुक्रवार को कोरोना पॉजिटिव के 4319 नए मामले मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़े यह दर्शाते हैं कि जिला में अब कुल कोरोना संक्रमित रोगियों की संख्या 96738 हो गई है जिनमें से 75568 लोगों के संक्रमण से बाहर होने का दावा किया गया है जबकि आज 9 लोगों की मौत कोविड-19 के कारण हो गई. अब तक कुल 410 लोगों की मृत्यु इस संक्रमण की चपेट में आकर हो चुकी है. स्वास्थ विभाग ने बताया है कि वर्तमान में जिला में कुल 20707 व्यक्ति संक्रमित हैं जिनमें से 19667 व्यक्तियों को होम आइसोलेशन में रखा गया है। हालात बदतर हो रहे हैं और प्रशासन का काम कागजों में जोरशोर से चल रह है. कोरोना संक्रमण के क्रम को तोड़ने के कोई कारगर उपाय धरातल पर नहीं दिख रहे हैं.
स्वास्थ विभाग की ओर से जारी आज का कोविड-19 संक्रमित व्यक्तियों का आंकड़ा वास्तव में चिंता पैदा करने वाला है. क्योंकि यह संख्या बेतहाशा बढ़ती ही जा रही है. आज एक दिन में 4319 व्यक्ति कोरोना पोजिटिव पाए गए हैं जबकि 1670 व्यक्तियों के इस बीमारी से बाहर आने की सूचना दी गई है।
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को कोविड-19 पॉजिटिव पाए जाने वाले लोगों की संख्या 3553 थी जबकि बुधवार को यह संख्या 2988 की सीमा में रही थी। मंगलवार को भी 2344 व्यक्ति संक्रमित पाए गए थे जबकि सोमवार को 1809 व्यक्ति संक्रमित मिले थे। यह आंकड़े अपने आप में गुरुग्राम जिला में संक्रमण के बढ़ते दायरे को दर्शाने के लिए पर्याप्त हैं. संक्रमण में वृद्धि के इन आंकड़े से जिला प्रशासन और जिलावासी दोनों को सीख लेने की आवश्यकता है.
दुखदायी बात या है कि इस भयावह स्थिति में भी जिला के लोग सतर्क नहीं हुए हैं. बाजारों में आज भी बड़ी संख्या में ऐसे दुकानदार और ग्राहक हैं जो न तो मास्क का उपयोग कर रहे हैं और न ही सोशल डिस्टेंस मेंटेन कर रहे हैं. गले में लटके मास्क से केवल पुलिस व प्रशासन से बचाव करना चाहते हैं न कि इसे सही तरीके से लगा कर कोरोना वायरस से स्वयं के स्वास्थ्य की सुरक्षा.
जिला प्रशासन रोम के नीरो की तरह नित नए आदेश जारी करने के रूप में वंशी बजाने में व्यस्त हैं. नोडल अधिकारियों की सूचि जारी की गई है लेकिन जनता के बीच कोई भी नहीं दिख रहा है. बाजारों की अव्यवस्था का आलम और सड़क पर प्रोटोकाल की धज्जियां उड़ते सरेआम देखी जा सकती है. स्वास्थ्य विभाग कागजों में निजी अस्पतालों में बेड रिज़र्व करने का दावा कर रहा है. अभी कोई ऐसी खबर देखने को नहीं मिली जिसमें स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों का औचक निरिक्षण किया हो और जनहित में व्यवस्था को धरातल पर लाने की मुक्कमल कोशिश की गई हो.
मुख्यालय से आदेश व निर्देश रोज जारी किये जा रहे हैं और जिला में बैठे अधिकारी उन्हें सब कुछ ठीक चलने का सब्जबाग दिखा रहे हैं.
प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज ने सभी दुकाने आज शाम छह बजे से ही बंद करवाने के आदेश जारी किये हैं लेकिन उस पर अमल करवाने की जिनकी जिम्मेदारी है उनमें इस आदेश के प्रति उत्तरदायित्व का बोध ही नहीं है. हां देर रात्री पुलिस की गाड़ियों के सायरन की आवाज एक दो बार अवश्य सुनने को मिल जाती हैं.
ट्रेसिंग , ट्रेकिंग और टेस्टिंग के फार्मूले पर न तो स्वास्थ्य विभाग काम कर रहा है न ही जिला प्रशासन के अधिकारी इस पर संजीदगी से ध्यान दे रहे हैं. अगर यही आलम और एक सप्ताह रहा तो वह दिन दूर नहीं जब गुरुग्राम के हर घर में संक्रमित मरीज होंगे.
आज जिला उपायुक्त यश गर्ग की ओर से जिले के लोगों को आश्वस्त करते हुए विग्यप्ति जारी की गई है कि यहाँ रिकवरी रेट 78 प्रतिशत से अधिक है. उन्होंने कहा है कि मृत्यु दर आधा प्रतिशत से भी कम और डबलिंग रेट 37.65 प्रतिशत है. लेकिन सवाल यह है कि पिछले एक सप्ताह से जिस रफ़्तार में नए लोग संक्रमित हो रहे हैं उसके क्रम को तोड़ने की दिशा में क्या कोई ठोस काम हो रहा है ? इसका जवाब नहीं में है क्योंकि इसके जवाब को पुष्ट करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़े काफी हैं जबकि आकलन बताता है कि वास्तविकता इससे भी अधिक दयनीय है.
अगर बात की जाए जिला में कोविड-19 संबंधित वैक्सीनेशन की तो इसमें अब तक 8057 व्यक्तियों ने फर्स्ट डोज ली है जबकि सेकंड डोज लेने वालों की संख्या 6398 है. यहाँ वैक्सीन लेने वालों की कुल संख्या 451726 बताई गई है।