दिल्ली में लॉकडाउन के कारण गुडग़ांव नहीं आ पा रहे हैं विभिन्न प्रतिष्ठानों में कर्मी , प्रवासी श्रमिकों का अपने घरों को लौटने का क्रम जारी

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श्रमिकों की कमी से उद्यमी हुए परेशान

गुडग़ांव, 21 अप्रैल : कोरोना महामारी को देखते हुए दिल्ली सरकार ने दिल्ली में आगामी सोमवार तक लॉकडाउन की घोषणा की हुई है। हालांकि गुडग़ांव में अभी किसी प्रकार का लॉकडाउन नहीं है, केवल रात्रि कफ्र्यू ही कोरोना को नियंत्रित करने के लिए लगाया गया है। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए उधर प्रवासी श्रमिकों ने भी अपने घर जाने के लिए रफ्तार पकड़ ली है। जिला प्रशासन व प्रदेश सरकार इन प्रवासी श्रमिकों से आग्रह भी कर रही है कि वे अपने घरों को वापिस न जाएं। गुडग़ांव में लॉकडाउन नहीं लगेगा। उनकी समस्याओं का पूरा समाधान प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन करेगा, लेकिन ये प्रवासी श्रमिक मानने के लिए तैयार नहीं है और लॉकडाउन के भय से वे अपने
घरों को लौट जाना चाहते हैं।

दिल्ली सीमा से लगता हुआ ही गुडग़ांव का उद्योग विहार क्षेत्र भी है। इस क्षेत्र में अधिकांश गारमेंट उद्योग हैं और गारमेंट उद्योगों में काम करने वाले श्रमिक व अन्य कर्मचारी दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों से ही आते हैं, लेकिन दिल्ली में लॉकडाउन लग जाने के कारण इन श्रमिकों को उद्योग विहार क्षेत्र में आने के लिए बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जब से दिल्ली में लॉकडाउन लगा, तभी से इन प्रतिष्ठानों में कामगारों की संख्या कम होती जा रही है। जिससे उद्यमी चिंतित होते नजर आ रहे हैं। कापासहेड़ा से डूण्डाहेड़ा व उद्योग विहार क्षेत्र में प्रात: बड़ी संख्या में श्रमिक काम पर आते थे, लेकिन अब यह संख्या सीमित ही होकर रह गई है।

गारमेंट इंडस्ट्री में महिलाओं की संख्या अच्छी-खासी है। दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाली ये महिलाएं भी काम पर नहीं आ पा रही हैं। जिससे उद्यमियों की चिंता और अधिक बढ़ गई है। उद्यमियों का कहना है कि कहीं गत वर्ष जैसी स्थिति न पैदा हो जाए। दिल्ली में लॉकडाउन लग जाने के कारण श्रमिकों की संख्या में दिन-प्रतिदिन कमी
होती जा रही है। यदि ये प्रवासी श्रमिक अपने घरों को वापिस लौट गए तो उनका वापिस आना बहुत मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने सरकार से भी आग्रह किया है कि सरकार प्रवासी श्रमिकों में बैठे हुए लॉकडाउन के भय को निकालने का प्रयास करे, अन्यथा कारोबार प्रभावित होकर रह जाएगा। गत वर्ष की परेशानी से अभी तक भी उद्यमी नहीं उबर पाए थे और ये दूसरी परेशानी फिर से शुरु हो गई है।

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