बिहार में बनेगा दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर !

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प्रथम चरण में विराट रामायण मंदिर, शिव मंदिर व  महावीर मंदिर 

होली के बाद शुरू होगा निर्माण14-dec-19-a

पटना : बिहार में दुनिया के सबसे बड़े मंदिरके निर्माण कार्य की शुरुआत जल्द होगी। इसकी सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। मंदिर निर्माण की परिकल्पना करने वालों का कहना है कि अगले साल होली के त्योहार के बाद मंदिर निर्माण कार्य शुरू करने के मार्ग में अब कोई व्यावधान नहीं बचा है, क्योंकि कंबोडियाई सरकार की आपत्तियों के बाद मूल योजना में संशोधन किया गया है।

होली के बाद शुरू होगा निर्माण

पटना स्थित महावीर मंदिर ट्रस्ट के किशोर कुणाल ने कहा, “हमारे विराट रामायण मंदिर पर कंबोडिया सरकार की आपत्तियों के बाद हमने मूल योजना में संशोधन किया है।” कंबोडिया ने प्रस्तावित मंदिर को अंगकोर वाट मंदिर की प्रतिलिपि बताते हुए आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा, “हमने होली के बाद निर्माण कार्यशुरू करने की तैयारी कर ली है, जो एक शुभ मुहूर्त होगा।

कंबोडिया के मंदिर से अलग डिजाइन

भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी कुणाल ने कहा कि प्रस्तावित मंदिर के डिजाइन या वास्तुकला का अंगकोर वाट मंदिर से कोई लेनदेनानहीं है, जहां हर साल लाखों पर्यटक पहुंचते हैं। कंबोडियाई मंदिर परिसर का निर्माण 12वींसदी में राजा सूर्यवर्मन के शासनकाल में हुआ था और अब यह यूनेस्को का विश्व धरोहर स्थल है।

165 एकड़ भूमि पर होगा निर्माण

प्रस्तावित मंदिर पश्चिमी चंपारण जिले के केसरिया के निकट जानकी नगर में करीब 165 एकड़ भूमि में बनाया जाएगा। प्रथम चरण में निर्माण कार्य पर 200 करोड़ रुपये की लागत आएगी। प्रथम चरण में रामायण मंदिर, शिव मंदिर और महावीर मंदिर का निर्माण होगा। मंदिर का मुख्य आकर्षणइसकी 405 फीट ऊंची अष्टभुजीय मीनार होगी। यह अंगकोर वाट मंदिर की मीनार से ऊंची होगी जो 215 फीट ऊंची है। परिसर में 18 मंदिर बनाए जाएंगे। मंदिर परिसर में 44 फीट ऊंचे और 33 फीट की परिधि वाले शिवलिंग स्थापित करने का प्रस्ताव है, जो दुनिया में सबसे ऊंचा होगा।

कंबोडियाई सरकार ने जताई थी आपत्ति

कुणाल ने कहा कि जब गत साल मंदिर निर्माण कार्यशुरू होने वाला था तो कंबोडियाई सरकार ने भारत सरकार से यह कहते हुए आपत्ति जताई थी कि यह अंगकोर वाट मंदिर की नकल है। कुणाल और उनकी टीमने योजना की फिर से जांच की। गत साल और इस साल विदेश मंत्रालय के जरिए नॉम नेन्ह को संशोधित योजना भेजी दी गई थी। नई दिल्ली स्थित कंबोडियाई दूतावास ने कथित रूप से संकेत दिया है कि आपत्तिजनक स्थिति में वह संशोधन का सुझाव देगा।

मुसलमानों ने भी दी जमीन।

कुणाल ने कहा, “मुझे सरकार की ओर से सूचित किया गया है कि कंबोडियाई सरकार से कोई जवाब नहीं मिला है।” इसलिए निर्माण कार्य शुरू करने का निर्णय लिया गया है। पूर्व पुलिस अधिकारी ने कहा कि मंदिर का डिजाइन खास तौर पर इंडोनेशिया व थाईलैंड समेत भारत और दुनियाभर के दर्जनों प्रमुख मंदिरों से प्रभावित है। कुणाल ने कहा,”कई मुसलमानों ने मामूली दर पर जमीन दी है। बिना उनकी मदद के इस महत्वाकांक्षी परियोजना को शुरू करना मुश्किल था।” मंदिर के एक हॉल में20,000 लोगों के बैठने की क्षमता होगी और मुख्य मंदिर में राम, सीता, लव और कुश की प्रतिमाएं लगाई जाएंगी। मंदिर का निर्माण नामी कंस्ट्रक्शन कंपनी एल एंड टी इंडिया करेगी।

 

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