गुरुग्राम : अक्टूबर 2020 में अपनी नियमित दिनचर्या और मजबूत इच्छाशक्ति के सहारे कोरोना वायरस को पराजित करने वाली गुरुग्राम निवासी 83 वर्षीय बुजुर्ग कल्याणी ठाकुर अब कोविड-19 टीका लगवा कर बेहद खुश हैं। उन्होंने शहर के पटौदी रोड, सेक्टर 37 सी स्थित कमला हॉस्पिटल में इस संक्रमण से बचाव के लिए टीका लगवाया। इस अवसर पर उनके पारिवारिक सदस्य एवं भारत सरकार के सेवानिवृत्त सचिव, आईएएस, प्रियदर्शी ठाकुर ने भी टीका लगवाया। पिछले 24 घंटे के ऑब्जरवेशन के बाद सामान्य महसूस कर रही बुजुर्ग महिला ने टीकाकरण में बुजुर्गों को प्राथमिकता देने के लिए एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद किया जबकि दूसरी तरफ अस्पताल में बेहतर व्यवस्था के लिए कमला हॉस्पिटल प्रबंधन की भूरी भूरी प्रशंसा की।
उल्लेखनीय है कि कल्याणी ठाकुर पिछले वर्ष अक्टूबर माह के प्रथम सप्ताह के दौरान घर से बाहर नहीं निकलने के बावजूद कोरोना संक्रमण की शिकार हो गई थी। उन्होंने आयुर्वेदिक नुस्खे का सेवन कर, स्वास्थ्य विभाग के प्रोटोकॉल पर सख्ती से अमल करते हुए गंभीर लक्षण वाले कोरोना संक्रमण से छुटकारा पा लिया था। कल्याणी ठाकुर बताती हैं की इस उम्र में भी उनकी रोग से लड़ने की क्षमता मजबूत है. जब देश में इसको लेकर लोग बेहद भयभीत थे तब वे 10 से 12 दिनों में ही पूरी तरह सामान्य महसूस करने लगी थीं। सावधानी बरतने और स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने के कारण 14 दिन बाद की गई उनकी कोरोना जांच रिपोर्ट नेगेटिव आ गई थी। उनका कहना है कि इस गंभीर बीमारी से लड़ने में उन्हें उनके बेटे पवन ठाकुर और व बहू ऋतूप्रिया ठाकुर का भरपूर साथ मिला जो दुर्भाग्यवश स्वयं भी इस संक्रमण के शिकार हो गए थे। उनका मानना है कि इस प्रकार की परिस्थिति में व्यक्ति को अपना मनोबल मजबूत बनाए रखना बेहद जरूरी होता है। इससे आपको विषम परिस्थिति हो या फिर गंभीर बीमारी दोनों से उबरने में कामयाबी मिलती है।
कल्याणी ठाकुर पत्नी स्वर्गीय शारदा नंदन ठाकुर, ग्राम सिंघवारा, जिला दरभंगा, बिहार की स्थाई निवासी हैं. वे केंद्र सरकार के उपक्रम इंटरनेशनल सेंटर फॉर आटोमोटिव टेक्नोलॉजी में कार्यरत अपने पुत्र पवन ठाकुर के साथ गुरुग्राम के सेक्टर 10 में रहती हैं। गौर करने वाली बात यह है कि उन्हें इस उम्र में डायबिटीज, अस्थमा, हाई ब्लड प्रेशर एवं हृदय रोग संबंधी बीमारी भी है। जब वह किसी कारणवश कोरोना वायरस से संक्रमित हुईं तो 24 घंटे के दौरान ही उन्हें सूखी खासी हुई और सुगंध विहीन होने के लक्षण भी विकसित हो गए थे। तब उन्हें सांस लेने में भी तकलीफ होने लगी थी जो कोरोना संक्रमण के स्पष्ट लक्षण बताये जाते हैं।
उन्होंने बताया कि यह समय उनके परिवार के लिए बेहद चिंताजनक स्थिति लेकर आया था. क्योंकि उनके बेटे और बहू भी कोरोना पॉजिटिव हो गए थे। उनकी देखभाल का जिम्मा और अपना भी ख़याल रखना उनके बेटे बहू के लिए चुनौती भरा बन गया था। एक ही मकान में एक परिवार के तीन सदस्यों के संक्रमित होने की स्थिति अकल्पनीय थी. तब कल्याणी ठाकुर का मजबूत हौसला ही काम आया और उन्होंने अस्पताल में भर्ती होने की बजाय होम आइसोलेशन में ही रहना पसंद किया. अंततः मजबूत इरादे के कारण कोरोना को हराने में वे कामयाब हुईं।
बकौल कल्याणी ठाकुर उन्हें तभी से कोविड-19 वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार था। वैक्सीन आम लोगों के लिए कब उपलब्ध कराने का निर्णय लिया जाएगा इस बात पर उनकी नजर निरंतर बनी रहती थी। उन्हें टेलीविजन पर केवल इससे संबंधित खबर में ही रुचि रहती थी। उन्होंने कहा कि हालांकि वह कभी-कभी सीरियल भी देख लेती हैं लेकिन हर समय खबरों में वह वैक्सीन के बारे में ही देखना और सुनना पसंद करती थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से जब इस संबंध में घोषणा की गई तो उन्हें बड़ी खुशी भी हुई और उम्मीद भी जगी। उन्हें लगा कि अब टीके लगने से हमारे देश के लोग विशेषकर बुजुर्गों को बचाया जाना संभव होगा। टीकाकरण में बुजुर्गों को प्राथमिकता देने के सरकार के निर्णय को वे सराहनीय मानती हैं ।
उन्होंने कहा कि पिछले 1 माह से उन्हें टीके लगवाने का इंतजार था और 19 मार्च को वह घड़ी आई जब उन्होंने गुरुग्राम के सेक्टर 37 डी स्थित कमला हॉस्पिटल में टीका लगवाया। हालांकि उन्हें कोरोना संक्रमण की आशंका के मद्देनजर अस्पताल जाने से अब भी परहेज था लेकिन कमला हॉस्पिटल की निदेशक डॉ मोनिका की परामर्श के बाद अस्पताल जाकर टीका लगवाने को तैयार हो गई। टीकाकरण के लिए इस अस्पताल में की गई बेहतरीन व्यवस्था को देखकर उन्हें संतोष हुआ।
कल्याणी ठाकुर ने लोगों से अपील की है कि कोविड-19 वायरस को समाप्त करने के लिए सरकार द्वारा जारी परामर्श पर पूरी तरह अमल करें। साथ ही बिना किसी आशंका के टीके लगवाने की भी सलाह दी। विशेषकर बुजुर्गों के लिए प्राथमिकता के आधार पर टीके अवश्य लगवाने पर बल दिया। इससे होने वाले किसी भी प्रकार के साइड इफेक्ट को उन्होंने निरर्थक बताया। उन्होंने कहा कि इससे बुजुर्ग मानसिक रूप से मजबूत महसूस करेंगे।
उल्लेखनीय है कि पटौदी रोड स्थित कमला हॉस्पिटल भी शहर के उन चुनिंदा, बड़े मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में शामिल है जहां स्वास्थ्य विभाग से मान्यता प्राप्त वैक्सीनेशन सेंटर चलाया जा रहा है। डॉ मोनिका के अनुसार इस अस्पताल में प्रत्येक सप्ताह सोमवार से शनिवार को सुबह 9:00 बजे से सायं 5 :00 बजे तक कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए टीके लगाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि विशेषकर बुजुर्गों के लिए पंजीकरण की व्यवस्था भी यहां उपलब्ध है। 45 वर्ष से अधिक उम्र के ऐसे व्यक्तियों, जिन्हें अन्य प्रकार के रोग हैं, उनके लिए अपने संबंधित डॉक्टर से मेडिकल रिपोर्ट सर्टिफिकेट लाना आवश्यक है।
उनका कहना है कि इससे संबंधित व्यक्ति के स्वास्थ्य के बारे में पूरी जानकारी मिल जाती है और तभी टीके लगाने के संबंध में निर्णय लिया जाना संभव होता है। डॉ मोनिका का कहना है कि लोगों को कोविड 19 से बचाव के लिए टीके बेहिचक लगवाने चाहिए. यह व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए तो जरूरी है ही साथ ही देश को कोरोना संक्रमण से निजात दिलाने की दृष्टि से भी अतिआवश्यक है.
उन्होंने बल देते हुए कहा कि केंद्र सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी स्वास्थ्य सुरक्षा के नियमों का भी पालन करना चाहिए. हमें घर से बाहर निकलने पर फेस मास्क लगाना, दो गज की दूरी मेंटेन करना और हेंड वाश हमारी दिनचर्या का अंग बनाये रखना जरूरी है. इससे ही हम संक्रमण के फैलाव को रोकने में सफल होंगे.