” अगले एक साल के अन्दर देश में कोई टोल टैक्स बूथ नहीं होगा, लोगों को मिलेगी बड़ी राहत “

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सुभाष चौधरी

नई दिल्ली : अगर सबकुछ ठीकठाक रहा तो अगले एक वर्ष के अंतराल में देश के सभी हाईवे को टोल टेक्स् बूथ से छुटकारा मिल जाएगा. यह घोषणा केंद्रीय नेशनल हाईवे एवं एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने आज लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान की. उन्होंने तीन सांसदों द्वारा उठाये गए प्रश्न के जवाब में कहा कि उनकी कोशिश है कि अगले एक वर्ष के अंदर देश के सभी टोल टैक्स बूथ हटा दिए जाएंगे. हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट किया कि टोल टैक्स की वसूली जारी रहेगी लेकिन इसके लिए आधुनिक तकनीक जीपीएस का उपयोग किया जाएगा. इस तकनीक के उपयोग से हाईवे पर लगने वाले जाम समाप्त करने में मदद मिलेगी जबकि सरकार की आय भी कई गुना बढ़ने के आसार हैं।

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श्री गडकरी ने प्रश्नकाल के दौरान लोकसभा में बताया कि भारत सरकार, रूस सरकार के साथ मिलकर देश में टोल टैक्स वसूली की दृष्टि से जीपीएस सिस्टम लागू करने पर काम कर रही है. रूस में प्श्ले से ही जीपीएस सिस्टम से ही टोल टैक्स की वसूली की जाती है जो बेहद सफल योजना है. इसका पूरा प्रारूप जल्दी ही देश के सामने रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था में सभी वाहनों में जीपीएस सिस्टम इनस्टॉल कराए जाएंगे. उनका कहना था कि नए वाहनों में तो पहले से ही जीपीएस सिस्टम लगे हुए हैं. जबकि पुराने वाहनों में जीपीएस इंस्टॉल कराने की व्यवस्था शुरू की जाएगी।

सांसदों द्वारा पूरक प्रश्न पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सभी हाईवे से टोल टैक्स वसूली केंद्र हटा दिए जाएंगे. देश के सभी वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगने के बाद एंट्री पॉइंट पर सीसीटीवी इंस्टॉल किए जाएंगे. सीसीटीवी में वाहनों की डिटेल रिकॉर्ड होने पर एंट्री प्वाइंट से लेकर एग्जिट प्वाइंट तक जितने किलोमीटर तक संबंधित वाहन टोल रोड पर चलेंगे उसके अनुरूप ही प्रति किलोमीटर उनसे टोल टैक्स उनके अकाउंट से ऑनलाइन वसूले जाएंगे। इससे टोल वसूली में लगी कंपनियों की मनमानी और टैक्स की टोल की चोरी भी रुकेगी.

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि वाहनों में पूर्व के वर्ष में फास्टैग की व्यवस्था शुरू करने से टोल टैक्स की वसूली में कोविड-19 महामारी के दौरान भी जबरदस्त उछाल देखने को मिला है. एक वर्ष में वसूले गये टोल में से 90 प्रतिशत राशि फ़ास्टटैग से ही आये जबकि राशि में वृद्धि हुई.

उन्होंने दावा किया कि इससे टोल टैक्स की चोरी पर अंकुश लगाना संभव हुआ लेकिन अब भी व्यावसायिक और औद्योगिक दुनिया के लोग अपने वाहनों पर फास्टैग नहीं लगा रहे हैं. बड़ी संख्या में कमर्शियल वाहन अब भी नगद भुगतान से ही टोल टैक्स का भुगतान करना चाह रहे हैं. उन्होंने आशंका व्यक्त की कि इस प्रकार की गतिविधि के माध्यम से व्यावसायिक दुनिया के लोग विभिन्न प्रकार के करों की चोरी करने की कोशिश में जुटे हुए हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ अब सख्त कदम उठाने को कहा गया है।

श्री गडकरी ने स्पष्ट किया कि जीपीएस सिस्टम लागू होने के बाद हाईवे पर लगने वाले जाम से निजात मिलेगी जबकि वाहनों को अनावश्यक नहीं रोके जाने से तेल की खपत में भी बड़ा अंतर देखने को मिलेगा. दूसरी तरफ इससे प्रदूषण नियंत्रण में भी महत्वपूर्ण मदद मिलेगी।

एक सवाल के जवाब में श्री गडकरी ने कहा कि पूर्व की सरकारों ने अनर्गल तरीके से एक ही शहर में कई टोल टेक्स सेंटर स्थापित करा दिए थे। उन्होंने कहा कि यह अन्याय पूर्ण कदम था. इसके कारण से ही लोग आंदोलित होते रहे. नतीजतन लोग टोल टैक्स वसूली का विरोध करने लगे. उन्होंने कहा कि आने वाले एक वर्ष के दौरान ही देश की जनता को इस प्रकार की अव्यवस्था से निजात दिला दी जाएगी. उन्हें केवल प्रति किलोमीटर निर्धारित टोल टैक्स ही भुगतान करना होगा. जीपीएस सिस्टम लागू होने के बाद लोगों को अनावश्यक तौर पर नेशनल हाईवे पर यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की रुकावटों का सामना नहीं करना पड़ेगा।

उल्लेखनीय है कि देश में कई ऐसे बड़े शहर हैं जहां कुछ ही दूरियों पर दो या तीन टोल टैक्स वसूली केंद्र स्थापित कर दिए गए हैं. आम जनता पिछले कई वर्षों से इसका लगातार विरोध करती रही है. कई सामाजिक संस्थानों ने अदालतों का भी दरवाजा खटखटाया. इस मामले में केंद्र सरकार एवं संबंधित राज्य सरकार की तीव्र आलोचना भी होती रही है. हरियाणा प्रदेश के गुरुग्राम, फरीदाबाद पानीपत और सोनीपत जैसे शहर इस प्रकार की व्यवस्था से पीड़ित हैं. यहाँ के लोग नगर निगम के क्षेत्र से टोल टैक्स वसूली केंद्र हटाने की मांग कर रहे हैं. केंद्रीय नेशनल हाईवे मंत्री नितिन गडकरी की ओर से लोकसभा में आज की गई इस घोषणा से इन शहरों में रहने वाले लाखों लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।

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